Wednesday, April 24, 2024
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35A पर आखिर क्यों है इतना विवाद? जानिए इसके बारे में पूरी जानकारी

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 35A को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में 3 जजों की पीठ इस नई याचिका पर सुनवाई करेगी।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: August 27, 2018 12:10 IST
 Article 35A- India TV Hindi
 Article 35A

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 35A को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में 3 जजों की पीठ इस नई याचिका पर सुनवाई करेगी। इन सभी बातों के बीच आइए जानते हैं कि अनुच्छेद 35A क्या है। क्यों आखिर इस अनुच्छेद के कारण संपूर्ण जम्मू-कश्मीर में बवाल क्यों मचा हुआ है। (अनुच्छेद 35A: अश्विनी उपाध्याय की ताजा याचिका को आज सुनेगा SC, 31 अगस्त को होगी मुख्य सुनवाई )

क्या है अनुच्छेद 35A?

अनुच्छेद 35ए ते तहत भारतीय सरकार ने जम्मू-कश्मीर की सरकार और वहां की जनता को कुछ विशेष अधिकार दिए हुए हैं। इसके तहत दिए गए अधिकार 'स्थाई निवासियों' से जुड़े हैं। इसका मतलब है कि राज्य सरकार को अधिकार है कि वो आजादी के वक्त दूसरी जगहों से आए शरणार्थियों और अन्य भारतीय नागरिकों को जम्मू-कश्मीर में किस तरह की सहूलियतें दें या नहीं दें। 14 मई 1954 को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ राजेंद्र प्रसाद नेजम्मू कश्मीर के लोगों के लिए अनुच्छेद 35A पारित किया था। अनुच्छेद 35A, धारा 370 का ही हिस्सा है. इस धारा के कारण दूसरे राज्यों का कोई भी नागरिक जम्मू-कश्मीर में ना तो संपत्ति खरीद सकता है और ना ही वहां का स्थायी नागरिक बनकर रह सकता है।

क्यों हटाया जा रहा है।

अनुच्छेद 35A हटाने का कारण छुपा है कि, इस अनुच्छेद को संसद के जरिए लागू नहीं किया गया था। इसके साथ ही इस अनुच्छेद के कारण पाकिस्तान से आए शरणार्थीयों को आज भी उनके मौलिक अधिकारों से वंचिक रखा गया है। इन वंचितों में 80 फीसद लोग पिछड़े और दलित हिंदू समुदाय से हैं।  जम्मू कश्मीर में रहने वाली महिलाओं का कहना है कि यहां पैदा होने के बावजूद अगर वे बाहर के राज्य के पुरुष से शादी कर लेती हैं तो उनका राज्य में संपत्ति खरीदने, मालिकाना हक रखने या अपनी पुश्तैनी संपत्ति को अपने बच्चों को देने का अधिकार खत्म हो जाता है। बाहरी युवक से शादी करने के कारण उनकी राज्य की स्थाई नागरिकता खत्म हो जाती है जबकि पुरुषों के साथ ऐसा नहीं है। राज्य के पुरुष अगर दूसरे राज्य की महिला से शादी करते हैं तो उस महिला को भी राज्य के स्थाई निवासी का दर्जा मिल जाता है। इस तरह अनुच्छेद 35ए जम्मू एवं कश्मीर की बेटियों के साथ लिंग आधारित भेदभाव करता है।

घाटी में विरोध प्रदर्शन

वहीं दूसरी और जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 35A हटाए जाने को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। कश्मीर इकोनामिक एलाइंस, कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज व अन्य व्यापारिक संगठनों ने श्रीनगर में रेजीडेंसी रोड से प्रेस एनक्लेव तक मौन रैली निकाली। उन्होंने कहा कि कश्मीरी अनुच्छेद 35ए व 370 को बचाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

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