Thursday, April 25, 2024
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CBSE 10th Board Result 2019: 3 विषय की परीक्षा के बाद विनायक श्रीधर की हो गई थी मौत, अंग्रेजी में हासिल किए 100 अंक

स्टीफन हॉकिंग को अपना आदर्श मानने वाले विनायक श्रीधर ने अपनी मृत्यु से पहले सीबीएसई की दसवीं कक्षा की जिन तीन विषयों की परीक्षा दी थी उन सभी में उसने लगभग 100 प्रतिशत अंक हासिल किए।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: May 07, 2019 20:46 IST
CBSE 10th Board Result 2019- India TV Hindi
CBSE 10th Board Result 2019

नयी दिल्ली: स्टीफन हॉकिंग को अपना आदर्श मानने वाले विनायक श्रीधर ने अपनी मृत्यु से पहले सीबीएसई की दसवीं कक्षा की जिन तीन विषयों की परीक्षा दी थी उन सभी में उसने लगभग 100 प्रतिशत अंक हासिल किए। दुर्भाग्यवश वह तीन ही परीक्षा दे पाया था और शेष दो विषयों की परीक्षा में बैठने से पहले ही मार्च में उसकी मृत्यु हो गई थी। उसने अंग्रेजी में 100 अंक हासिल किए, विज्ञान में 96 और संस्कृत में 97 अंक हासिल किए। वह कंप्यूटर साइंस और सामाजिक अध्ययन की परीक्षा नहीं दे पाया था। 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में टॉप करना, अंतरिक्ष यात्री बनना और रामेश्वरम की यात्रा करना इत्यादि श्रीधर की अधूरी इच्छाएं बनकर रह गयीं। श्रीधर जब महज दो साल का था तब उसे मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (मांसपेशियों के अपविकास से संबंधी बीमारी) से ग्रसित हो गया था।

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डचेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (डीएमडी) एक आनुवांशिक बीमारी है, जो मांसपेशियों के विकास को अवरूद्ध करती है और वह सिकुड़ने लगता है और अंग बेहद कमजोर हो जाता है। यह डिस्ट्रोफिन की कमी के कारण होता है, जो एक प्रकार का प्रोटीन होता है जो मांसपेशियों की कोशिकाओं को अक्षुण्ण रखने में मदद करता है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की दसवीं कक्षा की परीक्षा के परिणाम सोमवार को घोषित किये गये। श्रीधर एमिटी इंटरनेशनल स्कूल, नोएडा का छात्र था।

उसकी माँ ममता श्रीधर ने पीटीआई को बताया, ‘‘उसकी मांसपेशीय गतिविधि बहुत सीमित हो गयी थी। वह धीरे-धीरे लिख सकता था लेकिन चूंकि परीक्षा के लिए एक निर्धारित समय अवधि होती है, इसलिए उसने अंग्रेजी और विज्ञान की परीक्षा में लिखने के लिए एक स्क्राइब (सहायक लेखक) का इस्तेमाल किया। संस्कृत के लिए, उसने खुद लिखने का प्रयास किया। उसकी शारीरिक गतिविधि रुक गई थी और वह व्हीलचेयर पर रहता था। उसका दिमाग बहुत तेज था और आकांक्षाएं बहुत अधिक थीं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वह हमेशा कहा करता था कि मैं इस सारी चुनौतियों के बावजूद एक अंतरिक्ष यात्री बनना चाहता हूं और कहता कि अगर स्टीफन हॉकिंग ऑक्सफोर्ड जा सकते हैं और कॉस्मोलॉजी (ब्रह्माण्ड संबंधी अध्ययन व खोज) में अपना नाम कर सकते हैं, तो मैं भी अंतरिक्ष में जा सकता हूं। वह पूरी तरह आश्वस्त था कि वह टॉपर बनेगा। हम हमेशा उसके आत्मविश्वास को देखकर चकित रह जाते थे और उसे और प्रोत्साहित करते रहते थे। परीक्षा खत्म होने के बाद श्रीधर ने कन्याकुमारी के पास रामेश्वरम मंदिर जाने की योजना बनाई थी।

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