Wednesday, April 24, 2024
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उत्तराखंड: करोड़ों रूपये के एनएच घोटाले के आरोपी पीसीएस अधिकारी तीरथ पाल सिंह ने किया आत्मसमर्पण

इस घोटाले का तत्कालीन कुमाऊं मंडल आयुक्त डी. सेंथिल ने पर्दाफ़ाश किया था। अनुपूरक रिपोर्ट में आयुक्त ने बाजपुर के तत्कालीन एसडीएम तीरथ पाल के खिलाफ कार्यवाही की संस्तुति की थी। लेकिन यह रिपोर्ट काफी समय तक दबी रही थी। इस बीच तीरथ पाल का प्रमोशन मिल गया और उन्हें रुद्रप्रयाग के अपर जिला मजिस्ट्रेट के पद पर तैनात कर दिया गया।

Nahid Khan Reported by: Nahid Khan
Updated on: July 10, 2018 12:01 IST
उत्तराखंड: करोड़ों रूपये के एनएच घोटाले के आरोपी पीसीएस अधिकारी तीरथ पाल सिंह ने किया आत्मसमर्पण- India TV Hindi
उत्तराखंड: करोड़ों रूपये के एनएच घोटाले के आरोपी पीसीएस अधिकारी तीरथ पाल सिंह ने किया आत्मसमर्पण

ऊधम सिंह नगर: उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर जिले के चर्चित एनएच-74 के चौड़ीकरण के भूमि मुआवज़ा घोटाले के एक और आरोपी निलंबित अपर जिला मजिस्ट्रेट पीसीएस अधिकारी तीरथ पाल सिंह ने एसआईटी के सामने नाटकीय ढंग से समर्पण कर दिया। एसआईटी ने उन्हें गिरफ्तार कर नैनीताल न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। पीसीएस अधिकारी तीरथ पाल सिंह पर ऊधम सिंह नगर जिले के बाजपुर में एसडीएम रहते तीन गॉवो के किसानो से साठगांठ करके कई गुना मुआवज़ा दिलाने के लिए कृषि भूमि को बेक डेट में अकृषि भूमि जेड आर एक्ट 143 करने का गंभीर आरोप लगा था। जिसकी जांच एसआईटी द्वारा की जा रही थी।

एफएसएल रिपोर्ट में सिग्नेचर के मिलान होने पर कृषि भूमि की प्रकृति बदलने के लिये बेक डेट में 143 करने की पुष्टि के बाद निलंबित पीसीएस अधिकारी एसआईटी के निशाने पर थे। कई बार एसआईटी टीम द्वारा उनके आवास पर दविश दी गई थी। मगर वो फरार मिले थे उनके मोबाइल भी स्विच ऑफ़ आ रहे थे। हालांकि बाद में उन्होंने एसआईटी को भरोसा दिलाया था कि वो खुद समर्पण करेंगे। इस चर्चित 500 करोड़ से भी बड़े भूमि मुआवज़ा घोटाले में चार पीसीएस अफसर और दर्जनों अधिकारी तथा किसान गिरफ्तार हो चुके है।

इस घोटाले का तत्कालीन कुमाऊं मंडल आयुक्त डी. सेंथिल ने पर्दाफ़ाश किया था। अनुपूरक रिपोर्ट में आयुक्त ने बाजपुर के तत्कालीन एसडीएम तीरथ पाल के खिलाफ कार्यवाही की संस्तुति की थी। लेकिन यह रिपोर्ट काफी समय तक दबी रही थी। इस बीच तीरथ पाल का प्रमोशन मिल गया और उन्हें रुद्रप्रयाग के अपर जिला मजिस्ट्रेट के पद पर तैनात कर दिया गया ,बाद में उन्हें निलंबित कर देहरादून राजस्व परिषद से सम्वद्ध कर दिया गया था। लेकिन वो एसआईटी की जांच में बच नहीं पाये।  

आयुक्त द्वारा जिस समय एनएच74 घोटाले का पर्दाफ़ाश किया था उस वक़्त उत्तराखंड में भूचाल आ गया था। इस मामले की जांच एसआईटी गठित कर जांच कराई गई थी। जिससे एक के बाद एक घोटाले की परते खुलती चली गई। लेकिन तमाम दबावों के बाबजूद जिले के तेज़तर्रार आईपीएस अधिकारी और जिले के एसएसपी डा. सदानंद दाते ने बारीकी से इस भूमि घोटाले की निष्पक्षता से जांच करवाई और इस घोटाले से जुड़े अफसरों को सलाखों के पीछे पहुंचाया। अभी भी इस एनएच भूमि मुआवज़ा घोटाले की जांच के लपेटे में कई अफसर एसआईटी की रडार पर है।

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