Wednesday, April 24, 2024
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कोर्ट ने ईसाई समुदाय को कब्रिस्तान की जगह देने से किया इंकार, जानें क्या है मामला

एक मामले में दिल्ली हाई कोर्ट की खंडपीठ ने वकील से सवाल किया कि क्या वह सऊदी अरब गए हैं, वहां कोई कब्रिस्तान नहीं बनाई गई है।

India TV News Desk Edited by: India TV News Desk
Updated on: July 28, 2018 7:02 IST
दिल्ली हाई कोर्ट, हाई कोर्ट- India TV Hindi
Image Source : पीटीआई दिल्ली हाई कोर्ट (फोटो,पीटीआई)

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि भूमि का आवंटन कब्रिस्तान बनाने के लिए करने के बजाय बेघर लोगों के लिए घर बनाने या अस्पतालों के निर्माण या अन्य बुनियादी ढांचा सुविधाओं के निर्माण के लिए किया जा सकता है। 

खंडपीठ ने ईसाई समुदाय की दायर याचिका बर्खास्त की

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल व न्यायमूर्ति सी. हरि शंकर की खंडपीठ ने यह टिप्पणी दिल्ली में कब्रिस्तानों में उपलब्ध जगह का अध्ययन करने व ईसाई समुदाय के सदस्यों को दफनाने के लिए जमीन की कमी का हल तलाशने के लिए दायर याचिका को बर्खास्त करते हुए की।

जब खंडपीठ ने कहा, सऊदी अरब में नहीं कोई कब्रिस्तान

इस याचिका को वकील शाश्वत भारद्वाज ने दाखिल किया थी। इसमें उन्होंने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) से ईसाई समुदाय के कब्रिस्तान के लिए प्राथमिकता के तौर पर जमीन आवंटित करने की मांग की थी। खंडपीठ ने वकील से कहा कि मृत लोगों के लिए जमीन की मांग करने के बजाय बेघर लोगों के कल्याण के लिए कुछ जनहित याचिका दाखिल करें। खंडपीठ ने वकील से सवाल किया कि क्या वह सऊदी अरब गए हैं, वहां कोई कब्रिस्तान नहीं बनाई गई है।

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