Friday, March 29, 2024
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LIVE: वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की अपील का असर, 10 घंटे बाद पुलिसकर्मियों का प्रदर्शन खत्म

दिल्ली पुलिस हेडक्वार्टर के बाहर प्रदर्शन कर रहे पुलिसकर्मियों को दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी लगातार समझाने की कोशिश कर रहे हैं और उन्हें वापस अपनी ड्यूटी पर लौटने के लिए कह रहे हैं। अधिकारियों की कोशिश का असर भी दिख रहा है। पुलिसकर्मियों का प्रदर्शन खत्म हो गया है। धीरे-धीरे प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों की भीड़ कम होने लगी है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: November 05, 2019 19:44 IST
पुलिस मुख्यालय के...- India TV Hindi
Image Source : PTI पुलिस मुख्यालय के सामने पुलिसवालों का प्रदर्शन

नई दिल्ली: दिल्ली में पुलिस मुख्यालय के बाहर पुलिसवाले प्रदर्शन कर रहे हैं। तीस हजारी कोर्ट में वकीलों के साथ झड़प के बाद पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई के खिलाफ दिल्ली पुलिस के सैकड़ों कॉन्सटेबल, हवलदार, एसएचओ पुलिस हेडक्वार्टर पर जमा हुए हैं। जवानों के प्रदर्शन के बीच दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने कहा है कि ये हमारे लिए परीक्षा की घड़ी है, सभी जवान शांति बनाए रखें और अपनी ड्यूटी पर वापस लौटें। वहीं, पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक के बाद मौके पर पुलिसकर्मियों को समझाने के लिए स्पेशल पुलिस कमिश्नर भी पहुंचे। लेकिन, पुलिसकर्मी अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। मांगों को लेकर वह लिखित आश्वासन की डिमांड कर रहे हैं।

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स्पेशल सीपी आर एस कृष्णय्या ने कहा कि "लोग सुबह से अपना गुस्सा इज़हार कर रहे है। आपकी हर मांगों के बारे में गंभीरता से सोचा जा रहा है। जिस-जिस लेवल पर जो कार्रवाई होनी है, वो हो रही है। समाज का हर वर्ग आपके साथ है।" उन्होंने कहा कि "पुलिस का काम है सुन्ना और सुनकर कार्रवाई करना। आप एक अनुशाषित फ़ोर्स का हिस्सा हैं।  आप अपने काम पर लोटें और परिवारों को घर भेजें। कानूनी प्रसाशनिक, व्यक्तिगत मांगों पर काम चल रहा है। आप निश्चिंत रहिए, आपके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी।" पुलिस हाई कार्ट में सस्पेंड हुए पुलिसकर्मियों की बहाली को लेकर पुनर्विचार याचिका दायर करेगी।

वहीं, ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर ने कहा कि सभी पुलिसवालों की मांगे जायज है और सभी को माना जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि आरोपी वकीलों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। पुलिसकर्मियों का कहना है कि वो शांतिपूर्ण प्रोटेस्ट करेंगे और पुलिस कमिश्नर से मिलकर अपनी बात रखेंगे। वहीं गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, 2 नवंबर को तीस हजारी कोर्ट में पुलिस और वकीलों के बीच हुई झड़प के मामले में दिल्ली पुलिस ने अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंप दी है। वहीं, पुलिस कमिश्नर की अपील के बावजूद प्रदर्शन जारी है। जवान अपने हाथ में काली पट्टी बांधकर पहुंचे हैं और वकीलों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।

प्रदर्शन कर रहे पुलिसकर्मियों की मांगे

  • जो भी पुलिस वाले सस्पेंड और ट्रांसफर हुए हैं, उन्हें बहाल किया जाए। सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पेटिशन दायर हो
  • वकीलों के खिलाफ कार्रवाई हो
  • घायलों को मुआवजा दिया जाए
  • पुलिस यूनियन का गठन हो
  • प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई न हो
  • पुलिस सुधार के लिए काम हो
  • दिल्ली पुलिस का जोखिम भत्ता बढ़ाया जाए
  • बिना जांच के किसी पुलिसवाले पर कार्रवाई न हो
  • पुलिस पर मामले की ट्रायल दिल्ली से बाहर हो

जवानों का कहना है कि हम सिर्फ ये बताना चाहते हैं कि पुलिसवालों के साथ भी सही तरह से व्यवहार होना चाहिए और कानून के मुताबिक समान रूप से सजा मिलनी चाहिए। प्रदर्शन कर रहे एक जवान ने कहा कि पिछले तीन दिनों से वकील लगातार पुलिस और आम लोगों के खिलाफ गलत बर्ताव कर रहे हैं और सीनियर कुछ कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। दरअसल, शनिवार को तीस हजारी कोर्ट में पुलिस और वकील भिड़ गए थे। दोनों के बीच मामला इतना बढ़ गया कि पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी जिसके बाद वकीलों ने पुलिस जीप समेत कई वाहनों को आग लगा दी थी और तोड़फोड़ की थी। 

उपराज्यपाल अनिल बैजल ने वकीलों के साथ झड़प के बाद मंगलवार को दिल्ली पुलिस कर्मियों के अभूतपूर्व विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर स्थिति की समीक्षा की और कहा कि पूरे मामले में निष्पक्ष न्याय सुनिश्चित करना अनिवार्य है। उपराज्यपाल कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, विशेष आयुक्त (खुफिया) प्रवीर रंजन ने उपराज्यपाल को मौजूदा स्थिति और उच्च न्यायालय के संबंधित आदेशों के बारे में जानकारी दी। उपराज्यपाल ने कहा कि वकील और पुलिस आपराधिक न्याय प्रणाली के महत्वपूर्ण खंभे हैं और उन्हें पूर्ण सद्भाव के साथ काम करना चाहिए। बैजल ने कहा, ‘‘हालिया दुर्भाग्यपूर्ण घटना के मद्देनजर, दोनों के बीच विश्वास बहाल करना और यह सुनिश्चित करना अनिवार्य है कि पूरे मामले में न्याय निष्पक्ष रूप से किया जाए।’’

बता दें कि पार्किग को लेकर हुए विवाद के बाद फायरिंग नहीं की गई थी बल्कि जब वकीलों ने डीसीपी को घेरा उस वक्त फायर किया गया। इस बीच दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में हुए हंगामे का एक नया वीडियो सामने आया है, जिसे देखने से पता चलता है कि पार्किंग को लेकर मारपीट की शुरुआत वकीलों की ओर से हुई थी। इस बीच, पुलिसकर्मियों के प्रदर्शन पर कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी पर हमला बोला है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, '72 साल में पहली बार पुलिस प्रदर्शन पर। क्या यही है बीजेपी का न्यू इंडिया। देश को कहां ले जाएगी बीजेपी? कहां गुम हैं गृह मंत्री अमित शाह? मोदी है तो ही ये मुमकिन है।' 

सड़क ब्लॉक होने के बाद वहां से ट्रैफिक की आवाजाही रोक दी गई है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने इसपर ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा कि आईटीओ से लक्ष्मी नगर जाने वाली सड़क को फिलहाल बंद कर दिया गया है। लोगों को दिल्ली गेट या राजघाट की तरफ से जाने की सलाह दी जा रही है। उधर, बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने वकीलों को चेतावनी दी है कि यदि कोई भी वकील हिंसक घटनाओं या तोड़फोड़ में शामिल पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। काउंसिल ने हिंसा में शामिल वकीलों के नाम मंगाए हैं और उन्हें आज ही हड़ताल वापस लेने के लिए कहा है। काउंसिल ने कहा है कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो वह मामले से खुद को पूरी तरह अलग कर लेगी और किसी जांच का भी हिस्सा नहीं बनेगी।

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