Friday, April 19, 2024
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तिरुपति में भगवान विष्णु का 500 करोड़ के हार का रत्न चोरी, मुख्य पुजारी हटाए गए

तिरुपति मंदिर के मुख्य पुजारी एवी रमन्ना दीक्षितुलु ने गुलाबी हीरा गायब होने का आरोप उस वक्त लगाया जब टीटीडी यानी तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ने उन्हें मुख्य पुजारी के पद से रिटायर कर दिया।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: May 22, 2018 12:17 IST
Tirupati priest accuse TTD for stealing temple ornament- India TV Hindi
तिरुपति में भगवान विष्णु का 500 करोड़ के हार का रत्न चोरी, मुख्य पुजारी हटाए गए

नई दिल्ली: भगवान विष्णु के अवतार तिरुपति बालाजी के मंदिर से जुड़ी एक ऐसी खबर सामने आई है जिसे सुनकर हर कोई हैरान है। मंदिर के पूर्व मुख्य पुजारी ने खुलासा किया है कि भगवान के बेशकीमती हार में लगा एक पिंक डायमंड गायब हो गया है। करोड़ों की कीमत का वो हीरा उस वक्त गायब हुआ जब ब्रह्मोत्सव के दौरान गरुड यात्रा निकल रही थी। दावा किया जा रहा है कि जो बेशकिमती हार भगवान विष्णु के गले से टूट कर गिरा वो सौ-दौ सौ करोड़ का नही था। भगवान का जो हार गायब हुआ वो 500 करोड़ का था। इसी हार में से एक नायाब नगीना गायब हो गया था। उस एक बेशकिमती पत्थर की कीमत भी करोड़ो में बताई जाती है।

ये सिर्फ सुनी सनाई बाते है नही है। हार के गायब रत्न का खुलासा उस शख्स ने किया है जो कई पीढ़ियों से बालाजी मंदिर में मुख्य पुजारी का काम करता था, जो कई सालों से भगवान के उस अनमोल हार को देखता था। जब भगवान तिरुपति अपनी शोभा यात्रा पर मंदिर से निकलते थे तो उस 500 करोड़ के हार को पहनाने की ज़िम्मेदारी उनके मुख्य पुजारी के हाथ में होती थी। भगवान के मुख्य पुजारी एवी रमन्ना दीक्षितुलु ने जो खुलाया किया वो बेहद विस्फोटक था।

तिरुपति मंदिर के मुख्य पुजारी एवी रमन्ना दीक्षितुलु ने गुलाबी हीरा गायब होने का आरोप उस वक्त लगाया जब टीटीडी यानी तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ने उन्हें मुख्य पुजारी के पद से रिटायर कर दिया। उन्होंने ये भी आरोप लगाया है कि पिछले 22 साल से भगवान के खजाने से हीरे जवाहरात गायब किए जा रहे हैं। भगवान वेंकटेश के जिस हार का हीरा गायब होने का आरोप लगा है वो बेशकीमती है। उसमें लगे सिर्फ एक रत्न की कीमत करोड़ों रुपए आंकी जा रही है।

इस हार का इतिहास भी बेमिसाल है। वो हार दक्षिण भारत के एक अहम राज घराने से जुड़ा हुआ है। मैसूर के वोडेयार पैसेल में रहने वाले वोडेयार राजपरिवार ने वो अनमोल हार भगवान वेंकटेश को भेंट में चढ़ाया था। राज घराने ने खुद हार मंदिर को सौंपा था। हार मैसूर के महाराजा ने 1945 में दान किया था। दान के वक्त उस हार की कीमत करीब 45 रुपए थी। आज उस हार के एक रत्न की कीमत करोड़ों है। 2001 में ब्रह्मेत्सव के दौरान भगवान की गरुड़ सेवा यात्रा निकल रही थी इसी बीच भीड़ में मौजूद भक्तों में से किसी ने एक सिक्का उछाला जो सीधे भगवान के गले में पड़े बेशकीमती हार से जाकर टकराया और हार टुकड़े-टुकड़े हो गया।

हालांकि फौरन उस हार का हर रत्न उठाया गया और भगवान के खज़ाने में जमा करवा दिया गया लेकिन आरोप लगा कि हार में लगे एक गुलाबी हीरे को रुबी से बदल दिया गया और पिंक डायमंड गायब कर दिया गया। मंदिर के पूर्व मुख्य पुजारी एवी रमन्ना दीक्षितुलु तो यहां तक शक जाहिर कर रहे हैं कि 500 करोड़ के हार से गायब उसी तरह के हीरे की जिनेवा में नीलामी हो चुकी है और आरोप लग रहा है तिरुमला तिरुपति देवस्थानम के मैनेजमेंट पर जिसके जिम्मे पूरा मंदिर है। हैरानी की बात ये है कि पूर्व पुजारी जिसे गुलाबी हीरा बता रहे हैं रिपोर्ट में उसका सच कुछ और लिखा है।

रिटायर्ड जस्टिस के अंडर बनी कमिटी ने भगवान के हार को लेकर राज्य सरकार को जो रिपोर्ट सौंपी थी उसके मुताबिक नेकसेल में पिंक डायमंड नहीं रुबी लगा हुआ था। हार टूटने के बाद सारे रत्न मंदिर के खजाने में हैं। जांच कमिटी ने खुद रत्नों का मुआयना किया था। रिपोर्ट में रत्न की चोरी को खारिज कर दिया गया था। हीरा चोरी के आरोप के बाद मंदिर प्रशासन ने भी सफाई दी है और इसे बेबुनियाद बताते हुए यहां तक दावा किया है कि अगर आगम शास्त्र इज़ाजत देते हैं तो वो भगवान वेंटकेश का वो हार लोगों के सामने पेश कर सकते हैं।

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