अगरतला: त्रिपुरा में सेपाहिजाला चिड़ियाघर और अभ्यारण्य में कम से कम शेर के तीन बच्चों और अगजर के 10 बच्चों का आगमन हुआ है। शेर के बच्चों का नामकरण अमिताभ बच्चन की फिल्म-अमर, अकबर एंथोनी के किरदारों के नाम पर किया गया है।
प्रींसिपल चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट (पीसीसीएफ) अतुल कुमार गुप्ता ने आईएएनएस को बताया, "शेर के तीन नवजातों को अमर, अकबर और एंथोनी नाम दिया गया है। यह नामकरण वनमंत्री नरेश जामातिया ने किया है।"
अतुल कुमार ने कहा, "बीते साल जुलाई में इस चिड़ियाघर के अधिकारी कनार्टक के बानेरघट्टा नेशनल पार्क से एक शेर और एक शेरनी यहां लेकर आए थे। यह जानवरों के स्थानांतरण कार्यक्रम के तहत किया गया था। शेरनी ने हाल ही में चिड़ियाघर के अस्पताल में तीन बच्चों को जन्म दिया है।"
गुप्ता राज्य में मुख्य वन्यजीव वार्डन हैं। वह कहते हैं कि एक अजगर ने भी बीते सप्ताह 10 बच्चों को जन्म दिया है।
गुप्ता ने कहा कि अजगर को शनिवार को अभ्यारण्य में छोड़ दिया गया है। आमतौर पर अजगर अंडे देने के 90 दिनों के भीतर बच्चों को जन्म देती है लेकिन इस मामले में बच्चे 45 दिन में ही बाहर आ गए और काफी स्वस्थ नजर आ रहे हैं।
गुप्ता ने कहा कि सेपाहिजाला चिड़ियाघर ने बानेहघट्टा चिड़ियाघर को तीन लंगूर, तीन पिग टेल मकाउ और दो हिमालयन ब्लैक बीयर्स दिए हैं।
बीते साल विशाखापट्टनम के इंदिरा गांधी जूलोजिकल पार्क और सेपाहिजाला चिड़ियाघर के बीच जानवरों का आदान-प्रदान हुआ था। साथ ही पश्चिम बंगाल के वन्यजीव विंग के अधिकारियों ने त्रिपुरा को जानवर देने का वादा किया है।
सेपाहिजाला चिड़ियाघर एकमात्र ऐसा चिड़ियाघर है जो किसी अभ्यारण्य के बीच में स्थित है। यह त्रिपुरा और बाहर के हजारों पयर्टकों को आकर्षित करता है।
साल 2013 में की गई गणना के मुताबिक त्रिपुरा में 58 जंगली हाथी हैं जो बांग्लादेश के सीमावर्ती इलाकों में रहते हैं।