Tuesday, April 23, 2024
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‘सेक्स और शैतान’ की पूजा पर बल देता है यह विचित्र धर्म

आज हम आपको जिस धर्म से रूबरू करवाने जा रहे हैं, वह आपको दुनिया से अलग कर सिर्फ सेक्स और शैतान की पूजा में सौंप देते हैं। आप अपने परिवार और अपने आप से इतनी दूर चले जाते हैं कि वापस आने का आपके पास कोई रास्ता तक नहीं रहता।

India TV News Desk India TV News Desk
Published on: April 18, 2017 9:59 IST
Devil Worship- India TV Hindi
Devil Worship

नई दिल्ली: भारत समेत पूरे विश्व में भिन्न-भिन्न धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं, ऐसे लोग जिनकी मान्यताओं के साथ-साथ धर्म पालन के तौर-तरीके भी पूरी तरह एक-दूसरे से अलग हैं। अभी तक हम जिन-जिन धर्मों और संप्रदायों के बारे में सुनते आए हैं वह तो काफी हद तक शालीनता का पाठ पढ़ाते हैं लेकिन आज हम आपको जिस धर्म से रूबरू करवाने जा रहे हैं, वह आपको दुनिया से अलग कर सिर्फ सेक्स और शैतान की पूजा में सौंप देते हैं। आप अपने परिवार और अपने आप से इतनी दूर चले जाते हैं कि वापस आने का आपके पास कोई रास्ता तक नहीं रहता। इस अजीबोगरीब धर्म का नाम है साइंटोलॉजी।

क्या है साइंटोलॉजी

वर्ष 1955 में एल। रॉन हबॉर्ड ने साइंटोलॉजी की खोज की थी। इस नए सिद्धांत को मानने वाले मानते हैं कि इससे व्यक्ति अपनी अपनी आए दिन की परेशानियों से मुक्ति पा लेता है। साइंटोलॉजी के माध्यम से व्यक्ति को न तो नौकरी की फिक्र सताती है और न बच्चों की। वह वास्तविकता से अलग होकर सोचता है। साइंटोलॉजी को मानने वालों के अनुसार साइंटोलॉजी का सिद्धांत इलेक्ट्रोसाइकोमीटर या ई-मीटर नामक एक विशिष्ट यंत्र से जुड़ा है, जो आत्मा, रूह,  दिमाग और इंसानी भावनाओं तक को माप सकता है, उसका आकलन कर सकता है। माना जाता है कि यह रहस्य, विज्ञान और धर्म का मिश्रण है।  

इस धर्म में दीक्षा के लिए 30 साल तक के लोगों को शामिल किया जाता है। शामिल लोगों को सी ऑर्गेनाइजेशन नामक एक संस्था में रखा जाता है। शामिल लोग अपने परिवार, दोस्तों और करीबियों से दूर हो जाते हैं और फिर उन्हें कड़े अनुशासन में साइंटोलॉजी सिखाई जाती है।

उन्हें एक मिलिट्री बूटकैंप की तरह रहना पड़ता है। जहां ई-मीटर के जरिए उनके शरीर में बहुत ही हल्का बिजली का करंट दौड़ाया जाता है और फिर उनसे क्या आपको लगता है कि आप बड़े होकर पागल हो सकते हैं? क्या आपका कोई सीक्रेट है? क्या आपने कभी जासूसी की है? क्या आपको कोई पागल लगता है? क्या आपको अपने मां-बाप पर कभी शर्म आई, आदि जैसे अजीबोगरीब सवाल पूछे जाते हैं। इस धर्म के मानने वाले लोग ईश्वर में आस्था को दरकिनार करते हैं और व्यवहारिक तौर पर पूरी तरह स्वच्छंद होते हैं। वह किसी के भी साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए स्वतंत्र होते हैं।

साइंटोलॉजी चर्च के अनुसार परिवार से दूर रहने के बाद लोग आत्मिक और शारीरिक तौर पर शुद्ध हो जाते हैं लेकिन इस संप्रदाय के बहुत से ऐसे पूर्व सदस्य हैं, जो इसे मात्र अंधविश्वास मानते हैं।

अगले स्लाइड में साइंटोलॉजी धर्म के प्रसिद्ध अनुयायी........

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