Saturday, April 20, 2024
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मुस्लिम सहेली को किडनी डोनेट करने पर अड़ी सिख लड़की, अब विकलांग पिता ने लगाई ये गुहार

जम्मू कश्मीर में एक सिख महिला ने अपनी एक किडनी एक मुस्लिम सहेली को दान देने की इच्छा जताई है जिसके बाद उसके विकलांग पिता ने अपनी बेटी से उसकी चिकित्सीय हालत को ध्यान में रखते हुए फैसले पर ‘‘पुनर्विचार’’ करने की अपील की है

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: December 02, 2018 18:54 IST
Sikh woman offered kidney to Muslim friend- India TV Hindi
Sikh woman offered kidney to Muslim friend

जम्मू: जम्मू कश्मीर में एक सिख महिला ने अपनी एक किडनी एक मुस्लिम सहेली को दान देने की इच्छा जताई है जिसके बाद उसके विकलांग पिता ने अपनी बेटी से उसकी चिकित्सीय हालत को ध्यान में रखते हुए फैसले पर ‘‘पुनर्विचार’’ करने की अपील की है और इस मामले में राज्यपाल से भी हस्तक्षेप की गुहार लगाई है। सामाजिक और मानवाधिकार कार्यकर्ता मंजोत सिंह कोहली (23) ने हाल ही में राजौरी जिले की अपनी 22 वर्षीय मुस्लिम दोस्त समरीन अख्तर को एक किडनी दान देने का फैसला सार्वजनिक किया लेकिन साथ ही कहा कि उसके परिवार को इस पर आपत्ति है और श्रीनगर का एक अस्पताल इस प्रक्रिया में देरी कर रहा है।

मंजोत के पिता गुरदीप सिंह 75 प्रतिशत तक विकलांग हैं और वह चलने में असमर्थ हैं। उन्होंने उधमपुर स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं हाथ जोड़कर अपनी बेटी से मुझे परेशानी से राहत दिलाने के लिए इस योजना को छोड़ने का अनुरोध करता हूं जैसा कि आपको मेरी चिकित्सीय हाल के बारे में पता है और उसके बाद कोई भी मेरी देखभाल करने वाला नहीं है।’’ उन्होंने सौरा के शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसकेआईएमएस) को पहले ही एक नोटिस भेजा है जिसमें अपनी बेटी के फैसले का विरोध करते हुए कहा है कि ‘‘परिवार की सहमति नहीं है।’’

मंजोत सिंह के माता-पिता के साथ 2014 में एक दुर्घटना हुई थी जिसमें उसकी मां की मौत हो गई जबकि पिता को गंभीर चोटें आई और उनका एक बड़ा ऑपरेशन हुआ। गुरदीप सिंह ने कहा, ‘‘मुझ पर रहम करो और वापस लौट आओ। तुम कुछ अच्छा नहीं कर रही हो क्योंकि तुम्हारे पापा को तुम्हारी जरुरत है, मेरी देखभाल करने के लिए और कौन है यहां। मैं इस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर सकता।’’ उन्होंने अपनी बेटी की जान बचाने के लिए राज्यपाल सत्य पाल मलिक से भी हस्तक्षेप की अपील की है।

उन्होंने रोते हुए कहा कि उनका इकलौता बेटा दिल्ली में काम कर रहा है और उन्होंने अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए हरसंभव कोशिश की। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उसे अच्छी शिक्षा दी और उसे हिमाचल प्रदेश के उस स्कूल में पढ़ाया जहां बॉलीवुड की कई अभिनेत्रियों ने पढ़ाई की है। जब उसकी (अख्तर) मां किडनी देने के लिए चिकित्सीय रूप से फिट है तो वे मेरी बेटी को मजबूर क्यों कर रहे हैं।’’

गुरदीप सिंह ने बताया कि उनकी बेटी करीब नौ महीने पहले घर से चली गई और एक इंस्टीट्यूट खोल लिया। बेटी ने उनसे कहा कि वह श्रीनगर में तीन महीने के कोर्स के लिए जा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘दस नवंबर को वह अपनी दोस्त के साथ आई और मुझे बताया कि वह अपनी किडनी उसे दान देना चाहती है। जब उसकी दोस्त चली गई तो मैंने इसका विरोध किया। वह जो कर रही है वह गैरकानूनी है क्योंकि वह खून के रिश्ते के अलावा किसी और को किडनी दान नहीं दे सकती।’’ उन्होंने इसे लोगों का ध्यान आकर्षित करने वाला कदम बताया।

उन्होंने कहा कि लोग उनकी बेटी के फैसले का स्वागत कर रहे हैं लेकिन ‘‘मैं जानता हूं कि यह कुछ समय के लिए है और किडनी दान देने के बाद कोई उसे पूछेगा तक नहीं। वे कुछ समय तक उसकी देखभाल करेंगे और फिर....। वह युवा है और मेरी इच्छा उसकी शादी करने की है। किडनी दान देने के बाद कोई उससे शादी नहीं करेगा।’’ दूसरी ओर, मंजोत सिंह ने कहा था, ‘‘हम पिछले चार साल से दोस्त हैं और मैं भावनात्मक रूप से उससे जुड़ी हूं। साथ ही मेरा इंसानियत में भी पूरा भरोसा है जो मुझे मेरी किडनी दान करने के लिए प्रेरित कर रहा हैं’’

उसने कहा कि अख्तर पिछले कई वर्षों में जम्मू में उसके साथ कई सामाजिक कार्यों में शामिल रही है। उसने कहा, ‘‘लेकिन अख्तर ने कभी मुझे अपनी बीमारी के बारे में नहीं बताया और मुझे एक दोस्त के जरिए यह पता चला। वह मेरी दोस्त रही है और मुश्किल वक्त में मेरे साथ रही है। मैंने उसे जरुरत पड़ने पर अपनी एक किडनी दान देने का फैसला किया है।’’

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