Friday, April 26, 2024
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गृह मंत्रालय ने राज्य सभा में कहा, नहीं हटाया जाएगा देशद्रोह कानून

भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए के तहत लिखित या मौखिक शब्दों, चिन्हों, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर नफरत फैलाना, असंतोष जाहिर करने, देशविरोधी बाते करने पर देशद्रोह का मामला दर्ज होता है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: July 03, 2019 12:27 IST
गृह मंत्रालय ने राज्य सभा में कहा, नहीं हटाया जाएगा देशद्रोह कानून- India TV Hindi
गृह मंत्रालय ने राज्य सभा में कहा, नहीं हटाया जाएगा देशद्रोह कानून

नई दिल्ली: राज्यसभा में मोदी सरकार ने दो टूक शब्दों में कहा है कि देशद्रोह कानून को नहीं हटाया जाएगा। सरकार ने कहा कि देश की सुरक्षा के लिए ये कानून बेहद जरूरी है।

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ये है देशद्रोह का कानून

भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए के तहत लिखित या मौखिक शब्दों, चिन्हों, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर नफरत फैलाना, असंतोष जाहिर करने, देशविरोधी बाते करने पर देशद्रोह का मामला दर्ज होता है। इस धार के तहत दोषी पाए जाने पर आरोपी को तीन साल से लेकर उम्रकैद की सजा भी हो सकती है। 

साल 1962 में सुप्रीम कोर्ट ने भी देशद्रोह की इसी परिभाषा पर हामी भरी थी। बता दें कि आईपीसी की कुछ खास धाराओं के लागू होने पर गुट बनाकर आपस में बात करना भी आपको सरकार के विरोध में खड़ा करता है या आप संदिग्धों की लिस्ट में भी आ सकते हैं।

गृह मंत्रालय ने राज्य सभा में कहा, नहीं हटाया जाएगा देशद्रोह कानून

गृह मंत्रालय ने राज्य सभा में कहा, नहीं हटाया जाएगा देशद्रोह कानून

मालूम हो की देशद्रोह कानून भारत में एक अंग्रेजों द्वारा लाई गई औपनिवेशिक व्यवस्था है। साल 1860 में अंग्रेजी सरकार ने इस नियम का मसौदा तैयार किया था। बाद में इसे आईपीसी की धार 124 ए की शक्ल दे दी गई।

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