Thursday, March 28, 2024
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नोटबंदी की सफलता से दीर्घकाल में राजस्व बढ़ाने में मिलेगी मदद: World Bank

सफल नोटबंदी से सतत आधार पर राजस्व बढ़ाने में मदद मिलेगी क्योंकि अधिक से अधिक लोग कर के दायरे में आएंगे। विश्वबैंक ने एक रिपोर्ट में यह कहा है। भारत ने वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान अतिरिक्त कर राजस्व सृजित किया। इसका कारण कर माफी योजना तथा नोटबंदी के ज

Bhasha Bhasha
Updated on: June 04, 2017 17:49 IST
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नई दिल्ली: सफल नोटबंदी से सतत आधार पर राजस्व बढ़ाने में मदद मिलेगी क्योंकि अधिक से अधिक लोग कर के दायरे में आएंगे। विश्वबैंक ने एक रिपोर्ट में यह कहा है। भारत ने वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान अतिरिक्त कर राजस्व सृजित किया। इसका कारण कर माफी योजना तथा नोटबंदी के जरिये कालाधन का पता चलना है।

राज्य की हिस्सेदारी समेत सकल कर राजस्व जीडीपी 11.3 प्रतिशत रहा जो बजटीय लक्ष्य 10.8 प्रतिशत से अधिक है। इसका मुख्य कारण पेट्रोलियम उत्पादों पर उम्मीद से अधिक उत्पाद शुल्क संग्रह है।

इसमें कहा गया है कि नोटबंदी का प्रत्यक्ष कर पर केवल तटस्थ प्रभाव पड़ा। यह बजटीय लक्ष्य सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 5.6 प्रतिशत के दायरे में है।

विश्वबैंक ने भारत में नोटबंदी पर अपनी रिपोर्ट इंडियाज ग्रेट करेंसी एक्सचेंज इंडिया डेवलपमेंट अपडेट में कहा गया है, नोटबंदी अगर कर अधिकारियों को रिपोर्ट की जाने वाली आय बढ़ाने में सफल होती है तो राजस्व में स्थायी रूप से वृद्धि हो सकती है।

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने आठ नवंबर को तत्काल प्रभाव से 500 और 1,000 रुपये के नोट को चलन से बाहर कर दिया। यह चलन में कुल नकदी का करीब 86 प्रतिशत था। विश्वबैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि नोटबंदी में असंगठित क्षेत्र को संगठित क्षेत्र में लाने की क्षमता है।

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