Saturday, April 20, 2024
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‘आर्थिक मंदी’ पर सोनिया-मनमोहन ने जताई चिंता, अगले माह राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगी कांग्रेस

देश में ‘आर्थिक मंदी’ पर चिंता जताते हुए कांग्रेस ने इसके लिये जिम्मेदार सरकार के कदमों के खिलाफ अगले महीने बड़े पैमाने पर राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है। 

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: September 12, 2019 21:04 IST
Congress interim President Sonia Gandhi- India TV Hindi
Image Source : PTI Congress interim President Sonia Gandhi, with former PM Manmohan Singh, chairs a high-level party meeting at AICC HQ in New Delhi.

नई दिल्ली। देश में ‘आर्थिक मंदी’ पर चिंता जताते हुए कांग्रेस ने इसके लिये जिम्मेदार सरकार के कदमों के खिलाफ अगले महीने बड़े पैमाने पर राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बृहस्पतिवार को पार्टी महासचिवों-प्रभारियों, प्रदेश अध्यक्षों एवं पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में देश की अर्थव्यवस्था में सुस्ती पर चिंता जताई।

बैठक में सोनिया गांधी ने सरकार पर प्रतिशोध की राजनीति करने, विरोध की आवाज को दबाने और संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे सोशल मीडिया में सक्रिय रहने के साथ ही सड़क पर उतरकर और गांव-गरीब तक सीधे पहुंचकर पार्टी की बात जनता के समक्ष रखें। वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अर्थव्यवस्था में सुस्ती को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि खतरनाक बात है कि नरेंद्र मोदी सरकार को आर्थिक मंदी का अहसास नहीं है।

बैठक के बाद कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने संवाददाताओं से कहा कि आर्थिक मंदी को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ सभी राज्यों में 15 अक्टूबर से 25 अक्टूबर के बीच व्यापक विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बैठक में यह भी फैसला हुआ कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर दो अक्टूबर को राज्यों के स्तर पर पदयात्रा निकाली जाएगी और बाद में जिला एवं ब्लॉक स्तरों पर भी यात्राएं निकाली जाएंगी। इन यात्राओं के माध्यम से लोगों को बापू की विचारधारा के बारे में रुबरू कराया जाएगा।

एक सवाल के जवाब में वेणुगोपाल ने कहा कि दिल्ली में दो अक्टूबर को निकलने वाली पदयात्रा में सोनिया गांधी शामिल हो सकती हैं। कांग्रेस ने यह निर्णय भी किया है कि पार्टी बड़े पैमाने पर सदस्यता अभियान शुरू करेगी जिसमें लोग डिजिटल रूप से भी पार्टी की सदस्यता ले सकते हैं। सदस्यता अभियान के तहत पार्टी के वरिष्ठ नेता भी लोगों से संपर्क करेंगे। सदस्यता अभियान के बारे में कांग्रेस प्रवक्ता आरपीएन सिंह ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस का सदस्यता अभियान मिस्ड कॉल पर आधारित नहीं होगा बल्कि वास्तविक होगा।

उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा उत्तर प्रदेश में होने वाली पद यात्रा और सदस्यता अभियान का हिस्सा बनेंगी। पार्टी की विचाराधारा को समझाने और प्रचार-प्रसार के मकसद से कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरु करने जा रही है जिसके लिए पहले पूरे देश में 200 समन्वयक बनाए जाएंगे और फिर इनकी संख्या में इजाफा होगा।

बैठक में सोनिया ने कहा, ‘‘हम ऐसे वक्त मिल रहे हैं जब प्रतिशोध की राजनीति अपने चरम पर है और यह वो समय है जब सत्ता के खिलाफ आवाज उठाने वालों को धमकी दी जा रही है। विरोध की आवाज को दबाया जा रहा है।’’ कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया, ‘‘लोकतंत्र को इतना खतरा कभी नहीं रहा। मैंने कुछ हफ्ते पहले भी कहा था कि सत्ता का बहुत ही खतरनाक ढंग से दुरुपयोग किया जा रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘देश उन ताकतों का मुकाबले करने को तैयार है जो महात्मा गांधी, सरदार पटेल और बी आर आंबेडकर के संदेशों को अपने हिसाब से गलत रूप में प्रस्तुत करती हैं। हमें इनका मुकाबला करने के लिए सड़कों पर उतरना होगा, गांव, कस्बों और शहरों में लोगों तक पहुंचना होगा।’

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अर्थव्यवस्था में सुस्ती को लेकर चिंता जताई और कहा कि खतरनाक बात है कि नरेंद्र मोदी सरकार को आर्थिक मंदी का अहसास नहीं है। सिंह ने यह भी कहा कि अगर अर्थव्यवस्था की यही स्थिति बनी रही तो 2024-25 तक देश की अर्थव्यवस्था को पांच हजार अरब डॉलर तक ले जाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्ष्य के पूरा होने की कोई उम्मीद नहीं है। बैठक में पार्टी के 32 नेताओं ने अपनी बात रखी।

सूत्रों के मुताबिक सभी नेताओं ने इसका उल्लेख किया कि अर्थव्यवस्था की खराब हालत के बारे में जनता को गुमराह किया जा रहा है और कांग्रेस की जिम्मेदारी है कि वह जनता को सही स्थिति से अवगत कराए। सोनिया के कांग्रेस का अंतरिम अध्यक्ष बनने के बाद इतने बड़े स्तर पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की यह पहली बैठक थी।

बैठक में सोनिया के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, पार्टी के वरिष्ठ नेता एके एंटनी, अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तथा पार्टी के कई महासचिव-प्रदेश प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता शामिल हुए।

बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की गैर मौजूदगी के बारे में पूछे जाने पर पार्टी प्रवक्ता सिंह ने कहा कि चूंकि यह बैठक पार्टी महासचिवों-प्रभारियों, प्रदेश अध्यक्षों एवं पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की थी, इसलिये इस सवाल का औचित्य नहीं बनता। इस बैठक में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ शामिल नहीं हुए जो पार्टी की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भी हैं।

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