Thursday, April 18, 2024
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दुर्गा पूजा समितियों को पैसे देने के ममता सरकार के फैसले पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में 28,000 दुर्गा पूजा समितियों को 28 करोड़ रूपए देने के राज्य सरकार के निर्णय पर रोक लगाने से शुक्रवार को इंकार कर दिया। 

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 12, 2018 19:44 IST
SC refuses to stay WB decision to grant Rs 28 cr to Durga puja committees- India TV Hindi
Image Source : PTI SC refuses to stay WB decision to grant Rs 28 cr to Durga puja committees

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में 28,000 दुर्गा पूजा समितियों को 28 करोड़ रूपए देने के राज्य सरकार के निर्णय पर रोक लगाने से शुक्रवार को इंकार कर दिया। जस्टिस मदन बी लोकूर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ इस सवाल पर विचार के लिये तैयार हो गयी कि क्या राज्य अपने विवेकाधिकार का इस्तेमाल करके धार्मिक गतिविधियों के लिये पूजा समितियों या क्लब को धन दे सकती है। पीठ ने इस संबंध में ममता बनर्जी सरकार को नोटिस जारी कर उससे छह सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। 

पीठ ने अपने आदेश में कहा कि नोटिस जारी किया जाये। राज्य सरकार के वकील ने न्यायालय में ही नोटिस स्वीकार किया। नोटिस का जवाब छह सप्ताह में देना है और इस बीच कोई रोक नहीं होगी। पीठ ने कहा कि इस धन का वितरण राज्य पुलिस के माध्यम से पूजा समितियों में किया जायेगा। 

याचिकाकर्ता सौरव दत्ता के वकील ने राज्य सरकार के फैसले पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुये कहा था कि यह संविधान के बुनियादी ढांचे और पंथनिरपेक्षता के सिद्धांत के विरूद्ध है और सरकार की यह कार्रवाई चौंकाने वाली है तथा यह सांप्रदायिक भावनाओं को बढ़ावा दे सकती है। इससे पहले, सुनवाई शुरू होते ही पीठ ने राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से जानना चाहा कि सरकार इस तरह का उपहार कैसे दे सकती है। 

सिब्बल ने कहा कि राज्य सरकार ने पूजा समितियों को सीधे कोई धन नहीं दिया है और यह राशि पुलिस के माध्यम से पूजा आयोजकों को सामुदायिक व्यवस्था के लिये वितरित की गयी है। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि राज्य सरकार बगैर किसी दिशानिर्देश के कैसे इतना धन दे सकती है। इससे पहले, कलकत्ता हाईकोर्ट ने 10 अक्टूबर को 28,000 पूजा समितियों को दस-दस हजार रूपए देने के सरकार के फैसले में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया था।

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