Saturday, April 20, 2024
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सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में फाइल हुई रिव्यू पिटिशन

सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर केरल के सबरीमला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश की इजाजत देने वाले फैसले की समीक्षा करने की अपील की गई है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 08, 2018 13:21 IST
Sabarimala verdict: Review petition filed in Supreme Court | PTI- India TV Hindi
Sabarimala verdict: Review petition filed in Supreme Court | PTI

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर केरल के सबरीमला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश की इजाजत देने वाले संविधान पीठ के फैसले की समीक्षा करने की अपील की गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, राष्ट्रीय अयप्पा श्रद्धालु एसोसिएशन की अध्यक्ष शैलजा विजयन ने एक रिव्यू पिटिशन दायर कर कहा है कि सबरीमला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने वाला 28 सितंबर का फैसला यदि ‘विकृत नहीं भी है तो वह तर्कहीन और समर्थन से परे है।’

वहीं, केरल के मुख्यमंत्री ने कहा है कि वह सबरीमाला पर कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे। विजयन ने कहा, ‘राज्य सरकार सबरीमाला मंदिर में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करेगी।’ मुख्यमंत्री विजयन ने कहा है कि रिव्यू पिटिशन फाइल करना स्टैंड के खिलाफ है। आपको बता दें कि तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ ने 4:1 के बहुमत के फैसले में, सबरीमला मंदिर में सभी आयु की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दे दी थी। जस्टिस आरएफ नरीमन और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस एएम खानविलकर के फैसले से सहमति व्यक्त की थी जबकि जस्टिस इंदु मल्होत्रा का फैसला बहुमत के विपरीत था।

संविधान पीठ ने मंदिर में प्रवेश पर लगे पुराने प्रतिबंध को लैंगिक भेदभाव और हिन्दू महिलाओं के धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन बताया था। वहीं, इस फैसले पर पीठ की एकमांत्र महिला जज जस्टिस इंदु मल्होत्रा ने कहा था कि देश में पंथनिरपेक्ष माहौल बनाए रखने के लिए गहराई तक धार्मिक आस्थाओं से जुड़े विषयों के साथ छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा था कि यह एक सती प्रथा जैसा समाजिक बुराई का मामला नहीं है जिसमें कोर्ट को दखल देना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा था कि यह फैसला केवल सबरीमाला तक ही सीमित नहीं रहेगा बल्कि इसके अन्य पूजा स्थलों पर भी दूरगामी प्रभाव देखने को मिलेंगे।

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