Friday, March 29, 2024
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रॉबर्ट वाड्रा की बढ़ी मुश्किलें, हाईकोर्ट ने मां समेत प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश होने को कहा

राजस्थान उच्च न्यायालय ने राबर्ट वाड्रा और उनकी मां नौरीन वाड्रा समेत स्काईलाइट होस्पिटेलिटी लिमिटेड कंपनी के साझीदारों को कंपनी द्वारा धनशोधन करने के आरोपों का जवाब देने के लिए 12 फरवरी को प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष उपस्थित होने को कहा है

Bhasha Written by: Bhasha
Published on: January 22, 2019 11:27 IST
Robert Vadra and his mother ask by High Court to face Enforcement Directorate - India TV Hindi
Robert Vadra and his mother ask by High Court to face Enforcement Directorate 

जोधपुर राजस्थान उच्च न्यायालय ने राबर्ट वाड्रा और उनकी मां मौरीन वाड्रा समेत स्काईलाइट होस्पिटेलिटी लिमिटेड कंपनी के साझीदारों को कंपनी द्वारा धनशोधन करने के आरोपों का जवाब देने के लिए 12 फरवरी को प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष उपस्थित होने को कहा है। उच्च न्यायालय की जोधपुर पीठ ने एजेंसी को वाड्रा और अन्य के खिलाफ किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई करने से रोकने वाले अपने पूर्व के आदेश को दरकिनार करते हुए यह निर्देश दिया। 

न्यायाधीश पी एस भाटी की पीठ ने वाड्रा तथा अन्य को एजेंसी के समक्ष हाजिर होने का निर्देश दिया लेकिन उनकी गिरफ्तारी पर स्थगनादेश को हटाने से इंकार कर दिया । साथ ही ईडी को उन्हें हिरासत में लेने की छूट देने से भी इंकार कर दिया। न्यायाधीश भाटी ने स्पष्ट किया कि अगर जरूरत पड़ती है तो ईडी को उनकी गिरफ्तारी की अनुमति हासिल करने के लिए अलग से अदालत के पास जाना होगा। मामले में ईडी का पक्ष रखते हुए अतिरिक्त सोलीसिटर जनरल राजदीप रस्तोगी ने पीठ को बताया कि एजेंसी ने कंपनी के खिलाफ धनशोधन की शिकायत मिलने के बाद स्काईलाइट होस्पिटेलिटी के मालिकों और साझीदारों के खिलाफ जांच शुरू की है।

रस्तोगी ने बताया, ‘‘कंपनी इस जांच के खिलाफ अदालत में चली गयी और यह आदेश हासिल कर लिया कि जांच के दौरान उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।’’ ईडी इसके बाद इस आधार पर इस आदेश को हटवाने के लिए अदालत में गया कि मामले में न तो प्राथमिकी दर्ज हुयी है और न ही किसी आरोपी का नाम लिया गया है। 

रस्तोगी ने अदालत में तर्क दिया,‘‘यह केवल तथ्यों का पता लगाने वाली जांच है और वह भी शुरूआती चरण में है ।इसलिए अदालत को इस चरण में इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।’’ उनके तर्को को स्वीकार करते हुए अदालत ने अपने पूर्व के आदेश में से ‘‘कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं ’’का उपबंध हटा दिया । 

ईडी को पूर्व में एक शिकायत मिली थी कि बीकानेर के कोलायत में 275 बीघा जमीन खरीदी गयी जिसमें कथित रूप से वाड्रा की संलिप्तता थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि जमीन मध्यस्थ महेश नागरे के ड्राइवर के नाम से खरीदी गयी जबकि इसके भुगतान के लिए राबर्ट वाड्रा द्वारा दिया गया चेक इस्तेमाल किया गया। ईडी ने इसके बाद राबर्ट वाड्रा और कंपनी की साझीदार मौरीन वाड्रा को पिछले वर्ष नवंबर में तीसरी बार समन जारी किया गया लेकिन उनमें से कोई ईडी के समक्ष पेश नहीं हुआ और इसके बजाय वह अदालत में चले गए ।

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