Tuesday, April 23, 2024
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RSS का 'विजयादशमी' उत्‍सव: मोहन भागवत ने कहा, भारत को बदनाम करने के लिये ‘लिंचिंग’ का इस्तेमाल न करें

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज दशहरा के अवसर पर विजयादशमी उत्सव मना रहा है। इस मौके पर नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: October 08, 2019 11:47 IST
RSS Mohan Bhagwat - India TV Hindi
RSS Mohan Bhagwat 

राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ आज दशहरा के अवसर पर विजयादशमी उत्‍सव मना रहा है। इस मौके पर नागपुर स्थित आरएसएस मुख्‍यालय में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत, महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय मंत्री निति गडकर और जनरल (रिटा) वीके सिंह उत्‍पस्थित हैं। आईटी कंपनी एचसीएल के संस्‍थापक शिव नादर इस कार्यक्रम के मुख्‍य अतिथि हैं। 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को यहां कहा कि ‘भीड़ हत्या’ (लिंचिंग) पश्चिमी तरीका है और देश को बदनाम करने के लिये भारत के संदर्भ में इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। विजयदशमी के मौके पर यहां के रेशमीबाग मैदान में ‘शस्त्र पूजा’ के बाद स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा, ‘‘ ‘लिंचिग’ शब्द की उत्पत्ति भारतीय लोकाचार से नहीं हुई, ऐसे शब्द को भारतीयों पर ना थोपे।’’ 

संरसंघचालक ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह की सराहना भी की। उन्होंने कहा, ‘‘ यह कदम अपनी पूर्णता तब प्राप्त कर लेगा, जब 370 के प्रभाव में न हो सके न्याय कार्य सम्पन्न होंगे तथा उसी प्रभाव के कारण चलते आये अन्यायों की समाप्ति होगी।’’ भागवत ने कहा, ‘‘बीते कुछ वर्षों में भारत की सोच की दिशा में एक परिवर्तन आया है, जिसे न चाहने वाले व्यक्ति दुनिया में भी है और भारत में भी, तथा निहित स्वार्थों के लिये ये शक्तियां भारत को दृढ़ और शक्ति संपन्न नहीं होने देना चाहतीं।’’ 

देश की सुरक्षा पर संघ प्रमुख ने कहा, ‘‘सौभाग्य से हमारे देश के सुरक्षा सामर्थ्य की स्थिति, हमारे सेना की तैयारी, हमारे शासन की सुरक्षा नीति तथा हमारे अंतरराष्ट्रीय राजनीति में कुशलता की स्थिति इस प्रकार की बनी है कि इस मामले में हम लोग सजग और आश्वस्त हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हमारी स्थल सीमा तथा जल सीमाओं पर सुरक्षा सतर्कता पहले से अच्छी है। केवल स्थल सीमापर रक्षक व चौकियों की संख्या व जल सीमापर (द्वीपों वाले टापुओं की) निगरानी अधिक बढ़ानी पड़ेगी। देश के अन्दर भी उग्रवादी हिंसा में कमी आयीहै। उग्रवादियों के आत्मसमर्पण की संख्या भी बढ़ी है। ’’ 

सरसंघचालक ने कहा, ‘‘समाज के विभिन्न वर्गों को आपस में सद्भावना, संवाद तथा सहयोग बढ़ाने के प्रयास में प्रयासरत होना चाहिए। समाज के सभी वर्गों का सद्भाव, समरसता व सहयोग तथा कानून संविधान की मर्यादा में ही अपने मतों की अभिव्यक्ति यह आज की स्थिति में नितांत आवश्यक बात है।’’ 

दशहरे का पर्व संघ के लिए काफी मायने रखता है क्योंकि इसी दिन 1925 में संगठन की स्थापना हुई थी। इस वार्षिक समारोह में एचसीएल के संस्थापक शिव नादर मुख्य अतिथि थे। केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी, जनरल (सेवानिवृत्त) वी.के.सिंह और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस भी इस सामारोह में मौजूद रहे।

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