Thursday, April 25, 2024
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यदि पाकिस्तान खुद आतंकवाद से नहीं लड़ सकता, तो भारत का सहयोग क्यों नहीं लेता: राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह ने कहा, भारत को किसी से भी, किसी भी विषय पर बात करने से कोई परहेज नहीं है और जहां तक दोनों देशों में शांति स्थापित करने के लिए पाकिस्तान से वार्ता करने का सवाल है तो भारत पूरी तरह से तैयार है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: December 09, 2018 19:06 IST
rajnath singh- India TV Hindi
rajnath singh

मथुरा: गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने यहां कहा कि पाकिस्तान यदि अपने यहां से पनप रहे आतंकवाद को अपने दम-खम के बूते पर नहीं रोक सकता तो अपने पड़ोसी देश भारत से सहयोग मांगना चाहिए। उनसे पूछा गया था कि (पाकिस्तान में नई सरकार के गठन के बाद) भारत आखिर कश्मीर में शांति लाने के मुद्दे पर बातचीत करने से क्यों कतरा रहा है। वह यहां एक निजी विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने आए थे।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत को किसी से भी, किसी भी विषय पर बात करने से कोई परहेज नहीं है और जहां तक दोनों देशों में शांति स्थापित करने के लिए पाकिस्तान से वार्ता करने का सवाल है तो भारत पूरी तरह से तैयार है। बशर्ते, पाकिस्तान अपने यहां से पनपने वाले आतंकवाद को रोक दे या यह भरोसा दिलाए कि वह भी आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष करेगा।’’

गृहमंत्री ने कहा, ‘‘पाकिस्तान यदि यह विश्वास दिलाए कि वह आतंकवाद को अपनी धरती पर पनपने की इजाजत नहीं देगा तो बातचीत अवश्य होगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान यदि अपने दम-खम पर आतंकवाद को नहीं रोक सकता है तो वह भारत से सहायता क्यों नहीं मांगता। हम इसके लिए तैयार हैं।’ सिंह ने कहा, ‘‘यदि अफगानिस्तान में अमेरिका का सहयोग लेकर तालिबान के खिलाफ लड़ाई लड़ी जा सकती है तो पाकिस्तान भारत के सहयोग से अपने ही देश में आतंकवाद से क्यों नहीं लड़ सकता।’’

राम मंदिर निर्माण के सवाल पर कुछ भी सीधे कहने से बचते हुए उन्होंने कहा, ‘‘राम मंदिर बनेगा तो हम सबको बेहद खुशी होगी। मंदिर बनना चाहिए।’’ इसी प्रकार, विश्व हिन्दू परिषद द्वारा रविवार को दिल्ली में आयोजित की गई धर्मसभा के आयोजन से जुड़े सवाल पर गृह मंत्री ने कहा, ‘‘धर्म सभा के आयोजन में किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।’’

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हाल में हुई हिंसा में हिन्दूवादी संगठनों के लोगों के नाम सामने आने के बाद पूरा प्रकरण एक फौजी की तरफ मोड़े जाने के सवाल पर गृहमंत्री ने कहा, ‘‘कानून-व्यवस्था राज्य सरकार का प्रश्न है। मुख्यमंत्री ने स्वयं उस पर संज्ञान लिया है। वह इस मामले को गंभीरतापूर्वक देख रहे हैं। मैं उस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता।’’

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