Wednesday, April 24, 2024
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Rajat Sharma Blog: सुप्रीम कोर्ट ने सीलबंद लिफाफे में क्यों मांगी राफेल सौदे की कीमत की जानकारी

लड़ाकू विमानों की कीमत का निर्धारण और हथियारों का ब्यौरा एक गोपनीय मुद्दा है और ये सीधे तौर पर राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़ा मामला है। इसका सार्वजनिक होना राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचा सकता है।

Rajat Sharma Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published on: November 01, 2018 16:46 IST
Rajat Sharma Blog: Why Supreme Court asked for pricing of Rafale deal in a sealed cover- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Rajat Sharma Blog: Why Supreme Court asked for pricing of Rafale deal in a sealed cover

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि वह 36 राफेल लड़ाकू विमानों की कीमत का निर्धारण और इन विमानों से होनेवाले लाभ का ब्यौरा सीलबंद लिफाफे में अगले 10 दिनों के अंदर कोर्ट में जमा कराए। 

जब अटॉर्नी जनरल के.के वेणुगोपाल ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस यू.यू ललित और जस्टिस के.एम जोसेफ की बेंच से कहा कि पूरी तरह हथियारों और उपकरणों से लैस राफेल विमानों का ब्यौरा सरकार कोर्ट को उपलब्ध नहीं करा सकती। चूंकि राफेल सौदे के अधिकांश पहलू ऑफिसियल सिक्रेट एक्ट के अंतर्गत आते हैं, जिसमें कीमत निर्धारण, हथियार और तकनीकी फायदे शामिल हैं, इसलिए इसकी गोपनीयता बरकरार रखना जरूरी है। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि वह इस संबंध में एक शपथ-पत्र (एफिडेविट) अगले 10 दिनों में दाखिल करे।

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि वह इस सौदे में ऑफसेट पार्टनर को शामिल करने और इस संबंध में निर्णय लेने के लिए जो प्रक्रिया अपनाई गई उसका ब्यौरा सार्वजनिक करे। 

राफेल सौदे को लेकर याचिका दाखिल करने वाले लोग और कांग्रेस के नेता सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भले ही खुशी जाहिर करें लेकिन सच्चाई ये है कि राफेल की कीमत का निर्धारण और हथियारों का ब्यौरा उन्हें अब नहीं मिल पाएगा। इस संबंध में जो भी जानकारियां होंगी वह सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट में जमा कराई जाएंगी। यानी राफेल का मूल्य निर्धारण और हथियारों के ब्यौरे पर गोपनीयता का आवरण रहेगा। 

लड़ाकू विमानों की कीमत का निर्धारण और हथियारों का ब्यौरा एक गोपनीय मुद्दा है और ये सीधे तौर पर राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़ा मामला है। इसका सार्वजनिक होना राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचा सकता है। यही वजह है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस सौदे से जुड़ी जानकारी सीलबंद लिफाफे में मांगी है और इसे जनहित याचिका दाखिल करनेवालों के साथ साझा नहीं किया जाएगा। इससे साफ है कि जनहित याचिका दाखिल करनेवालों को शायद खाली लिफाफा ही मिलेगा। (रजत शर्मा)

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