Tuesday, April 16, 2024
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Rajat Sharma's Blog: हमें अपने इसरो के वैज्ञानिकों का मनोबल ऊंचा बनाए रखना चाहिए

हमारा रास्ता सही है, हमारी टेक्नोलॉजी विश्वसनीय है। जो थोड़ी बहुत कमी रह गई वो भी ठीक हो जाएगी और अगली कोशिश में हम चांद को फतह करेंगे। हमारा मून मिशन जरूर कामयाब होगा।

Rajat Sharma Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published on: September 10, 2019 17:28 IST
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Image Source : INDIA TV Rajat Sharma's Blog: We must keep the morale of our ISRO scientists high

चंद्रमा की सतह पर विक्रम लैंडर की मौजूदा स्थिति अस्पष्ट है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने नाम न जाहिर करते हुए इसरो के आधिकारी के हवाले से बताया कि लैंडर अखंडित अवस्था में है, लेकिन एक दिशा में थोड़ा झुका हुआ है। हालांकि शाम में, इसरो दफ्तर के सूत्रों ने कहा कि वे इस रिपोर्ट की पुष्टि नहीं करते।

चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम ने 7 सितंबर को हार्ड लैंडिंग की थी और इसरो के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि लैंडर 'सही सलामत (अखंडित) है और वह टूटा नहीं' है। उसने यह भी कहा कि वह थोड़ी झुकी हुई अवस्था में है। हालांकि लैंडर विक्रम, लैंडिंग के वक्त चंद्रमा की सतह से जोर से टकराया लेकिन वह अभी भी अपने निर्धारित टचडाउन साइट (पूर्व निर्धारित लैंडिंग स्थल) के बहुत करीब है। लैंडर की इस स्थिति की जानकारी ऑर्बिटर के ऑनबोर्ड कैमरे द्वारा भेजी गई तस्वीर से प्राप्त हुई है।

चाहे जो भी स्थिति हो, इसरो के वैज्ञानिक विक्रम लैंडर के साथ फिर से संपर्क स्थापित करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। विज्ञान आखिरकार अनंत संभावनाओं का खेल है। यह जरूरी नहीं है कि हर प्रयोग या मिशन सफल हो या आपके मन के मुताबिक नतीजे मिलें। लेकिन एक असफलता के कारण हम सपने देखना छोड़ दें और कोशिश करना छोड़ दें, ऐसा भी नहीं होता। हमेशा एक अगला मौका होता है।

इसरो के हमारे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने जबरदस्त और अभूतपूर्व काम किया है। पहली ही कोशिश (चंद्रयान-1) में हमने धरती से चांद तक की तीन लाख चौरासी हजार चार सौ चालीस (3,84,440) किलोमीटर की दूरी सफलतापूर्वक तय की। दूसरे प्रयास में लैंडर चंद्रमा की सतह से 2.1 किलोमीटर तक हमारे संपर्क में था। इसके बाद भी विक्रम चंद्रमा की सतह पर उतरा, लेकिन यह सॉफ्ट लैंडिंग नहीं थी।

यह सच है कि आखिरी वक्त के ग्लिच के कारण हम रोवर प्रज्ञान को चंद्रमा की सतह पर उतारने के अपने उद्देश्य को पूरा नहीं कर पाए, फिर भी हम कह सकते हैं कि हमारा रास्ता सही है, हमारी टेक्नोलॉजी विश्वसनीय है। जो थोड़ी बहुत कमी रह गई वो भी ठीक हो जाएगी और अगली कोशिश में हम चांद को फतह करेंगे। हमारा मून मिशन जरूर कामयाब होगा।

पूरे देश को इसरो के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों पर गर्व है। वे वास्तव में बधाई के पात्र हैं। हमें उनका मनोबल ऊंचा रखना चाहिए, और इससे भी बढ़कर उनकी क्षमताओं पर हमारा भरोसा बना रहना चाहिए। (रजत शर्मा)

देखें, 'आज की बात' रजत शर्मा के साथ, 09 सितंबर 2019 का पूरा एपिसोड

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