Friday, April 26, 2024
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RAJAT SHARMA BLOG: पद्मावत: 10 लाख फिल्मी दर्शकों ने खुराफातियों पर शानदार जीत दर्ज की

किसी भी फिल्म की किस्मत का फैसला वो जनता करती है जो पैसे खर्च करके टिकट लेकर फिल्म देखती है और अपना रिएक्शन देती है। उसे किसी राजनीतिक दल या जाति से कोई लेना-देना नहीं है।

Rajat Sharma Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Updated on: January 26, 2018 18:58 IST
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यह बेहद खुशी की बात है कि देशभर में करीब 10 लाख से ज्यादा फिल्मी दर्शकों ने टिकट खरीदकर फिल्म पद्मावत शांतिपूर्वक तरीके से देखी और अभिनेताओं और निर्देशक की प्रशंसा करते हुए बाहर निकले। वहीं दूसरी ओर दिन ढलने पर श्री राजपूत करणी सेना के नेता हतोत्साहित नजर आए और उन्होंने यह स्वीकार किया किया कि वे आम जनता की प्रतिक्रिया को समझ पाने में नाकाम रहे।

पहले दिन की स्क्रीनिंग से एक बात तो साफ हो गई कि जहां राज्य सरकार और पुलिस अतिरिक्त सतर्क रही,  और खुराफाती तत्व अराजकता फैलाने में कामयाब नहीं हो सके। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले दिन से ही यह साफ कर दिया था कि वह राजपूत समुदाय की भावनाओं का ख्याल रखेंगे और जरूरत पड़ने पर फिल्म की स्क्रीनिंग को भी रोक देंगे। लेकिन एक बार जब सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दे दी तो मुख्यमंत्री ने यह साफ कर दिया कि हिंसा किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

 
योगी को इस बात का श्रेय जाता है कि उन्होंने आम जनता के मूड को भांप लिया लेकिन यही बात हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात सरकार के बारे में नहीं कही जा सकती है। खासतौर से हरियाणा सरकार ने जागने में काफी वक्त लिया। जब स्कूल बस पर पथराव की घटना की पूरे देश में निंदा होने लगी तब राज्य की पुलिस ने कुछ बदमाशों और उनके नेताओं को गिरफ्तार किया।
 
इस पूरे प्रकरण में अंतत: जीत आम फिल्मी दर्शकों की हुई। किसी भी फिल्म की किस्मत का फैसला वो जनता करती है जो पैसे खर्च करके टिकट लेकर फिल्म देखती है और अपना रिएक्शन देती है। उसे किसी राजनीतिक दल या जाति से कोई लेना-देना नहीं है। उनलोगों ने थियेटर से बाहर आकर यह कहा कि इस फिल्म में कोई डायलॉग ऐसा नहीं है जो राजपूतों की आन-बान-शान के खिलाफ हो। अब करणी सेना के लोगों को यह फिल्म देखनी चाहिए और उसके बाद फैसला करना चाहिए कि उन्होंने जो कुछ किया क्या वह जायज था? उन्हें आंदोलन को वापस लेना चाहिए जिसे बिना किसी मुद्दे के शुरू किया गया था। करणी सेना के लोगों को जनता के मूड से इस बात को समझना चाहिए कि उन्होंने जो बंद की कॉल दी थी उसका कुछ खास असर नहीं हुआ। (रजत शर्मा)

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