Saturday, April 20, 2024
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Rajat Sharma Blog: अपने बच्चे की तरह अल्पेश गुजरात छोड़ रहे मज़दूरों के बच्चों के बारे में भी सोचें

अल्पेश ने प्रवासी मजदूरों पर निशाना साधते हुए उत्तेजक भाषण दिया था। अल्पेश ने कहा था कि गुजरात में जो झाड़ियां उग रही हैं उन झाड़ियों को उखाड़ फेंकने की जरूरत है

Rajat Sharma Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published on: October 10, 2018 19:10 IST
Rajat Sharma Blog- India TV Hindi
Rajat Sharma Blog: Like his son, Alpesh Thakor should also think about children of migrants fleeing Gujarat

गुजरात के कांग्रेस विधायक और क्षत्रीय ठाकोर सेना के नेता अल्पेश ठाकोर मंगलवार को उस समय भावुक हो गए जब उत्तर प्रदेश और बिहार के मजदूरों पर हो रहे हमलों को लेकर उनपर उंगली उठी। अल्पेश ने कहा कि उनका बेटा डेंगू की वजह से बिस्तर पर पड़ा हुआ है। इसमें सच्चाई भी है कि मंगलवार को अल्पेश के बेटे का प्लेटलेट काउंट 28000 से घटकर 13000 तक आ गया। बच्चे की हालत बहुत गंभीर है और हम प्रार्थना करते हैं कि वह जल्द से जल्द स्वस्थ होकर अस्पताल से घर वापस लौटे।

अल्पेश के लिए यह समय आत्मचिंतन का भी है। अगर वह अपने बच्चे की सेहत के लिए बहुत ज्यादा चिंता कर रहे हैं तो उन्हें गुजरात छोड कर भाग रहे बिहार और यूपी के उन प्रवासी मजदूरों के बच्चों की चिंता भी करनी चाहिए जिनपर उनकी सेना ने हमले किए हैं।

अल्पेश ने प्रवासी मजदूरों पर निशाना साधते हुए उत्तेजक भाषण दिया था। अल्पेश ने कहा था कि गुजरात में जो झाड़ियां उग रही हैं उन झाड़ियों को उखाड़ फेंकने की जरूरत है। ये झाड़ियां (प्रवासी मजदूर) भी आखिर इंसान हैं और उनके भी परिवार हैं जिनकी उन्हें देखभाल करनी है। गुजरात में उद्योगों को खड़ा करने में बिहार और यूपी के इन मजदूरों का काफी बडा योदगान है। मामूली मजदूरी के बदले इन लोगों ने अपना खून और पसीना बहा कर इन उद्योगों को खड़ा किया है। ये मजदूर भी भारतीय हैं और अल्पेश अपने समुदाय में समर्थन हासिल करने के लिए इनके खिलाफ नफरत फैला रहे हैं।

आपको जानकारी दें कि 2011 की जनगणना के मुताबिक गुजरात की कुल जनसंख्या 6.03 करोड़ थी जिसमें 2.69 करोड़ प्रवासी हैं जो अन्य राज्यों से आकर वहां बसे हैं। गुजरात के उद्योगों में काम करने वाले 70 प्रतिशत से ज्यादा कामगार उत्तर भारतीय हैं। सिर्फ सूरत, वलसाड और नवसारी में ही उत्तर प्रदेश और बिहार के 15 लाख से ज्यादा मजदूर काम करते हैं। सूरत शहर की कुल आबादी लगभग 55 लाख है जिसमें 30 लाख लोग दूसरे राज्यों से आकर बसे हुए हैं। (रजत शर्मा)

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