Saturday, April 20, 2024
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Rajat Sharma’s Blog: क्या बांग्लादेश बन सकता है दूसरा अफगानिस्तान?

गुरुवार को जो कुछ भी हुआ उसे लेकर बांग्लादेश के हिंदुओं में डर और खौफ का माहौल है।

Rajat Sharma Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published on: October 15, 2021 15:57 IST
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Image Source : INDIA TV India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma

महानवमी के मौके पर गुरुवार को देशभर के मंदिरों में पूरी श्रद्धा के साथ दुर्गा पूजा की गई। पूरे देश में उत्सव का माहौल रहा। दुनिया के हर उस हिस्से में जहां हिंदू रहते हैं मां दुर्गा की उपासना की गई। लेकिन उसी समय पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश से परेशान करनेवाली खबरें आई जिसने दुनियाभर में मां दुर्गा के भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।  यहां उन्मादी भीड़ ने दुर्गा पूजा के पंडालों और हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की। यह सब सोशल मीडिया पर फैलाई गई फर्जी खबरों की वजह से हुआ। दरअसल, सोशल मीडिया पर यह फर्जी खबर फैलाई गई कि कोमिला के पूजा पंडाल में पवित्र कुरान रखा पाया गया है। इसी के बाद धीरे-धीरे लोग जमा होने लगे और जगह-जगह से तोड़फोड़ की खबरें आने लगीं।

बांग्लादेश के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि करीब 23 मंदिरों और पूजा पंडालों को भीड़ ने निशाना बनाया और देवी-देवताओं की मूर्तियों को क्षतिग्रस्त कर दिया। पुलिस के साथ दंगाइयों की झड़प में कुल 4 लोगों की मौत हो गई जबकि 150 से ज्यादा लोग घायल हो गए। बार्डर गार्ड बांग्लादेश के अर्धसैनिक बलों को एहतियातन 22 जिलों में तैनात किया गया है। यह फोर्स मंदिरों और पूजा पंडालों के बाहर तैनात है। इसके साथ ही रैपिड एक्कशन बटालियन और सशस्त्र पुलिस बल को भी तैनात किया गया है।

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने गुरुवार को ढाकेश्वरी मंदिर के पूजा पंडाल में आयोजित एक कार्यक्रम को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि मंदिरों और दुर्गा पूजा पंडालों पर हमला करने में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। शेख हसीना ने कहा-'कोमिला में हुई घटना में शामिल लोगों में से किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा। मामले की जांच की जाएगी और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता की हमलावर किस धर्म से ताल्लुक रखते हैं। उन्हें कड़ी कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।' उधर गृह मंत्री असदुज्जमां खान ने पुलिस के आला अधिकारियों, आईबी और बीजीबी अधिकारियों के साथ बैठक के बाद यह वादा किया कि कोमिला में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने वाले सभी लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा।

कोमिला पुलिस ने मोहम्मद फैज समेत कुल 41 दंगाइयों को गिरफ्तार किया है। मोहम्मद फैज ही वह शख्स है जिसने फेसबुक पर लाइव वीडियो का प्रसारण करते हुए आरोप लगाया था कि नानुआ दिघी में एक पूजा पंडाल में पवित्र कुरान की प्रति मिली है। मोहम्मद फैज को डिजिटल सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है। जैसे ही यह खबर सोशल मीडिया पर फैली, उन्मादी भीड़ बांग्लादेश के 22 जिलों में कई पूजा पंडालों में जमा हो गई और मूर्तियों को तोड़ना शुरू कर दिया। इस दौरान कई मंदिरों को भी निशाना बनाया गया।

चांदपुर के पास हाजीगंज में बुधवार की रात अश’अर की नमाज के बाद भीड़ ने लक्ष्मीनारायण ज्यू अखाड़ा (त्रिनयनी मंदिर), विवेकानंद विद्यापीठ मंदिर, और जमींदार बाड़ी और नगरपालिका श्मशान के पास पूजा पंडालों पर हमला किया और देवी-देवताओं की मूर्तियों को तोड़ दिया। इस दौरान इन दंगाइयों की पुलिस से झड़प भी हुई। पुलिस ने भीड़ को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और फायरिंग भी की। इस घटना में चार लोगों की मौत हो गई। हालात की गंभीरता को देखते हुए धारा 144 लगा दी गई और बॉर्डर गार्ड्स को तैनात किया गया। इसके साथ ही मामले की जांच के लिए जिलाधिकारी की अगुवाई में एक पांच सस्यीय जांच समिति का भी गठन किया गया है। डीआईजी पुलिस चटगांव रेंज के साथ स्थानीय नेताओं ने दोनों समुदाय के नेताओं के साथ शांति बैठक की। इलाके में अभी भी हालात तनावपूर्ण हैं।

देखते ही देखते यह उपद्रव लामा तक फैल गया। यहां भारी भीड़ ने लामा हरि मंदिर के पूजा पंडाल में तोड़फोड़ की। उन्मादी भीड़ ने मूर्तियों और दुकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और रबर की गोलियां चलाईं जिसमें 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इस इलाके में सेना, बीजीबी, अंसार और सशस्त्र पुलिस बल को तैनात किया गया है।

कासिमपुर के पास गाजीपुर में गुरुवार की सुबह 30 मिनट के अंदर तीन मंदिरों पर हमले हुए और मूर्तियों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। यहां करीब 300 लोगों की भीड़ ने हमला किया था और पुलिस अबतक 20 दंगाइयों को गिरफ्तार कर चुकी है। रामगंज (लक्ष्मीगंज) में पांच मंदिरों पर हमला किया गया और उपद्रवियों ने 16 मूर्तियों को क्षतिग्रस्त कर दिया।

भीड़ के एक अन्य हमले में दंगाइयों ने रामगति नगरपालिका में श्री श्री रामठाकुरंगन मंदिर के पूजा पंडाल में तोड़फोड़ की और मूर्तियों को नुकसान पहुंचाया। यहां दंगाइयों को काबू करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े, लाठीचार्ज और फायरिंग भी करनी पड़ी। यहां पुलिसकर्मियों समेत 15 लोग घायल हो गए। 250 से ज्यादा दंगाइयों पर मामला दर्ज किया गया है।

कुडीग्राम के पास उलीपुर में भीड़ ने सात मंदिरों में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। यहां 18 दंगाइयों को गिरफ्तार किया गया। धीरे-धीरे यह हिंसा राजशाही भवानीगंज तक फैल गई जहां दंगों में 15 लोग घायल हो गए। कोमिला जिले के दाउदकंडी में भी एक पूजा पंडाल में तोड़फोड़ की गई।

पुलिस ने गुलाम मौला नाम के एक यूट्यूबर को गिरफ्तार किया है। इस शख्स पर जीएम सनी एचडी मीडिया के बैनर तले फेसबुक और यूट्यूब पर भड़काऊ पोस्ट और वीडियो पोस्ट करने का आरोप है।

इतना ही नहीं शरारती तत्वों ने फर्जी सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए बांग्लादेश के पड़ोस में स्थित पश्चिम बंगाल में भी सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश की, लेकिन प्रशासन के अलर्ट रहने की वजह से ये कोशिशें नाकाम हो गईं। शुभेंदु अधिकारी, राहुल सिन्हा समेत पश्चिम बंगाल के बीजेपी नेताओं ने तुरंत पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से संपर्क किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तुरंत इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया।

हाल के वर्षों में बांग्लादेश में इस्लामी कट्टवाद तेजी से पनपा है। बांग्लादेश के पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शुरुआती जांच के बाद ऐसा लगता है कि हिंसा की पूरी प्लानिंग पहले से की गई थी। इसके पीछे जमात-ए-इस्लामी, हिफ़ाज़त-ए-इस्लाम और बेगम खालिदा ज़िया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) का हाथ लगता है। इन संगठनों के स्थानीय नेताओं ने माहौल बिगाड़ने के लिए अफवाह फैलाने का काम किया और पंडालों में अपने गुर्गों को भेजा।

पुलिस सूत्रों का कहना है कि इन तीनों संगठनों के समर्थक पूजा पंडालों के बाहर बड़ी संख्या में इकट्ठा हुए और तोड़फोड़ करने लगे। पुलिस सूत्र इस बात की ओर भी इशारा करते हैं कि जबसे अफगानिस्तान में तालिबान की हुकूमत आई, तभी से बांग्लादेश में जमात-ए-इस्लामी ने दोबारा पैर पसारने शुरू कर दिए। चूंकि ये संगठन कट्टरवाद की वजह से बांग्लादेश में प्रतिबंधित है तो इसने हिफाजत-ए-इस्लाम नाम से नया फ्रंट खोला और फिर अल्पसंख्यकों को टारगेट करना शुरू कर दिया। इन लोगों ने एक नया नारा दिया, 'बांग्लादेश बनेगा अफगानिस्तान'। बांग्लादेश हिंदू एकता काउंसिल का कहना है कि जिस वक्त दुर्गा पंडालों की मूर्तियां तैयार हो रही थी तभी से इन लोगों ने प्रतिमाओं के अपमान का सिलसिला शुरू कर दिया था।  इसी तरह के जिहादी तत्वों ने ढाका में मां दुर्गा की शोभा यात्रा को भी रोक दिया था।

गुरुवार को जो कुछ भी हुआ उसे लेकर बांग्लादेश के हिंदुओं में डर और खौफ का माहौल है। बांग्लादेश की सत्ताधारी आवामी लीग पार्टी के महासचिव और सड़क परिवहन मंत्री उबैदुल कादरी ने हिंदुओं से मुलाकात की और उनके बीच जाकर कहा कि डरने की जरूरत नहीं है। दुर्गा पूजा शांतिपूर्वक मनाने की अनुमति दी जाएगी। कुछ लोग गड़ब़ड़ी कर साम्प्रदायिक नफरत फैलाने की फिराक में थे। लेकिन सरकार ऐसे लोगों से सख्ती से निपट रही है। भारत का विदेश मंत्रालय भी ढाका में अपने दूतावास के माध्यम से बांग्लादेश की सरकार और वहां के प्रशासन के साथ लगातार संपर्क में है।

बांग्लादेश में मां दुर्गा के अपमान से, देवी की प्रतिमाओं को खंडित किए जाने से हमारे यहां जितनी नाराजगी है उससे ज्यादा गुस्सा बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं में है। बांग्लादेश में अभी हिंदुओं की तादाद करीब डेढ़ करोड़ है। फिलहाल, बांग्लादेश की सरकार ने पूजा पंडालों में की गई तोड़फोड़ से जुड़ी सारी खबरें दिखाने पर पांबदी लगा दी है।

सरकार ने आदेश दिया है कि मां दुर्गा की खंडित प्रतिमाएं और हिंदू मंदिरों में हुई हिंसा की तस्वीरें मीडिया में न दिखाई जाएं क्योंकि इससे लोगों की भावनाएं आहत हो सकती है और कट्टरपंथी संगठनों को लोगों को भड़काने का मौका मिल सकता है । लेकिन इस बात को भी समझने की जरूरत है कि इसके पीछे वो जिहादी तंजीमें हैं जो कहती हैं कि बांग्लादेश को अफगानिस्तान बनाएंगे।  यह एक सच्चाई है कि अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बनने के बाद कई मुल्कों में कट्टरपंथी ताकतें फिर से मज़बूत हुई हैं। बांग्लादेश में भी कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी ने नाम बदलकर अल्पसंख्यकों को टारगेट करना शुरू किया है। अल्पसंख्यकों पर हमले और टारगेट किलिंग पिछले दिनों हमारे यहां कश्मीर में भी हुई है। यहां इस्लामी अलगाववादियों ने अल्पसंखकों को निशाना बनाना शुरू कर दिया।

पूरी दुनिया को एक होकर इस तालिबानी मानसिकता से लड़ना होगा और दहशतगर्दी करने वालों को इस बात का एहसास कराना होगा कि खून खराबा और हिंसा करने से उन्हें कुछ हासिल नहीं होगा। आज बड़ी संख्या में ऐसे मौलाना, मौलवी और उलेमा हैं जो इस बात को समझते हैं कि आपसी टकराव से एक दूसरे की जान लेने से कोई रास्ता नहीं निकलेगा। इसका एक उदाहरण जम्मू कश्मीर में मिला जहां कश्मीर के ग्रैंड मुफ्ती ने टारगेट किलिंग के डर में जी रहे हिंदुओं और सिखों से घाटी नहीं छोड़ने की अपील की है। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 14 अक्टूबर, 2021 का पूरा एपिसोड

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