उदयपुर: राजस्थान के उदयपुर जिले के एक थाने में पदस्थ पुलिस निरीक्षक चेतना भाटी ने दावा किया कि बेटी बचाओ-बेटी पढाओ नारा उन्होंने बनाया है जिसे केन्द्र आजकल एक राष्ट्रीय अभियान में इस्तेमाल कर रहा है।
भाटी ने कहा कि वर्ष 1999 में एक कविता में वाक्य बेटी बचाओ-बेटी पढाओ नारे का इस्तेमाल किया था। उन्होंने इसका अनावरण करने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को 3 अगस्त 2012 में पत्र लिखा था, लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय ने उनके पत्र का जवाब नहीं दिया।
उन्होंने कहा, ‘मैंने राष्ट्रीय अभियान में इस स्लोगन का इस्तेमाल सुनकर सूचना के अधिकार के तहत प्रधानमंत्री कार्यालय से जानकारी मांगी लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस बारे में मूल जवाब ही नहीं दिया। पुलिस अधिकारी ने कहा, अंतत: अब मैंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर बेटी बचाओे बेटी पढाओं नारे में मेरी पहचान देने का आग्रह किया है।’
करीब बीस साल से पुलिस सेवा से जुड़ी जैसलमेर से संबंध रखने वाली भाटी ने कहा कि वर्ष 2005 में पाली जिले के एक कार्यक्रम में उन्होंने इसे गाया था। उन्होंने कहा, ‘मैं सिर्फ अपनी पहचान चाहती हूं, इसके लिये मुझे कोई धन नहीं चाहिए। चूंकि मैंने इसे बनाया है और मेरे दावे के समर्थन में मेरे पास पर्याप्त सबूत मौजूद है या फिर सरकार को इस बारे में खुलासा करना चाहिए कि उन्होंने यह नारा कहा से लिया है।’
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 22 जनवरी 2015 को हरियाणा के पानीपत से बेटी बचाओ-बेटी पढाओ राष्ट्रीय अभियान की शुरूआत की थी।