Friday, March 29, 2024
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4 राज्यों में 52 छापे: सैकडों करोड़ के लेन-देन का खुलासा, ‘एक बड़ी पार्टी के मुख्यालय जा रहा था कैश’

मध्य प्रदेश में आयकर विभाग के छापे के बाद हुए नए खुलासों से सियासी घमासान मचा हुआ है।

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: April 09, 2019 8:57 IST
Racket linked to a political party busted in Madhya Pradesh, says Income Tax department | PTI- India TV Hindi
Racket linked to a political party busted in Madhya Pradesh, says Income Tax department | PTI

नई दिल्ली/भोपाल: मध्य प्रदेश में आयकर विभाग के छापे के बाद से सियासी घमासान मचा हुआ है। इस बीच आयकर विभाग ने सोमवार को कहा कि उसने सूबे के मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी सहयोगियों और अन्य के खिलाफ की गई छापेमारी के दौरान करीब 281 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी के ‘विस्तृत एवं सुसंगठित’ रैकेट का पता लगाया है। विभाग ने बताया कि अधिकारियों ने 14.6 करोड़ रुपये की ‘बेहिसाबी’ नकदी बरामद की है और मध्य प्रदेश तथा दिल्ली के बीच हुए संदिग्ध भुगतान से जुड़ी डायरी तथा कंप्यूटर फाइलें अपने कब्जे में ली हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने कहा कि विभाग को 20 करोड़ रुपये की संदिग्ध नकदी के तुगलक रोड पर रहने वाले महत्त्वपूर्ण व्यक्ति के घर से ‘दिल्ली की बड़ी राजनीतिक पार्टी के मुख्यालय’ तक कथित तौर पर जाने के सुराग भी मिले हैं।

‘शराब की बोतलें, बाघ की खाल और बेहिसाब नकदी बरामद’

CBDT ने देर रात एक बयान जारी कर कहा, ‘अब तक शराब की 252 बोतलों, कुछ हथियारों और बाघ की खाल के अलावा 14.6 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी मिली है।’ CBDT आयकर विभाग के लिए नीति तैयार करती है। CBDT ने कहा, ‘मध्य प्रदेश में छापेमारी से कारोबार, राजनीति एवं सार्वजनिक सेवा समेत विभिन्न क्षेत्र के कई व्यक्तियों के जरिए 281 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी जुटाने के व्यापक एवं सुसंगठित रैकेट का पता लगा है। नकदी का एक हिस्सा दिल्ली में बड़े राजनीतिक दल के मुख्यालय तक भेजा गया है जिसमें वह 20 करोड़ रुपये भी शामिल हैं जो हाल में हवाला के जरिए दिल्ली के तुगलक रोड पर रहने वाले वरिष्ठ पदाधिकारी के घर से राजनीतिक दल के मुख्यालय पहुंचाए गए।’

CBDT ने पहचान उजागर नहीं की
हालांकि उसने न तो राजनीतिक पार्टी की और न ही वरिष्ठ पदाधिकारी की पहचान उजागर की। बयान में बताया गया कि पैसा इकट्ठा करने के रिकॉर्ड और ‘हाथ से लिखी डायरी, कंप्यूटर फाइलें और एक्सेल शीट के रूप में नकदी की अदायगी के बारे में पता चला और वह उक्त खोजों से मेल खाता है।’ इसने बताया कि दिल्ली में वरिष्ठ अधिकारी के करीबी रिश्तेदार के समूह पर छापेमारी के क्रम में ‘230 करोड़ के बिहसाब लेनदेन की नकद पुस्तिका रिकॉर्डिंग, नकली बिलों के जरिए 242 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि की वसूली और कर चोरी करने वाली 80 कंपनियों से ज्यादा की जानकारी समेत अपराध साबित करने वाले साक्ष्य’ जब्त किए गए हैं।

‘दिल्ली के पॉश इलाकों में बेनामी संपत्तियों का पता लगा’
CBDT ने कहा कि दिल्ली के पॉश इलाकों में कई बेहिसाबी/बेनामी संपत्तियों का पता लगा है। इसने कहा, ‘आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों को चुनाव आयोग के संज्ञान में लाया गया है।’ जारी चुनावी मौसम के दौरान कथित कर चोरी एवं हवाला लेनदेन के आरोपों पर की गई छापेमारी सोमवार को भी भोपाल, इंदौर, गोवा, दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में विभिन्न परिसरों पर जारी रही। विभाग के 300 कर्मियों ने कमलनाथ के करीबियों और अन्य के 52 ठिकानों पर रविवार तड़के छापा मारना शुरू किया था।

‘चनावों में होने वाला था नकदी का इस्तेमाल’
सूत्रों ने बताया कि इस बात की ‘प्रबल संभावना’ है कि इस अभियान के दौरान बरामद नकदी का इस्तेमाल मध्य प्रदेश और दिल्ली में राजनीतिक चुनाव प्रचार एवं मतदाताओं को रिश्वत देने के लिए किया जा रहा था। सूत्रों के अनुसार छापे के दौरान भोपाल में एक जगह से जब्त नकदी को लाने के लिए विभाग से एक बड़ी गाड़ी भेजी गयी है। जिन लोगों के परिसरों की तलाशी ली गयी, उनमें कमलनाथ के पूर्व विशेष कार्याधिकारी प्रवीण कक्कड़, पूर्व सलाहकार राजेंद्र मिगलानी, अश्विनी शर्मा, पारसमल लोढ़ा, उनके बहनोई की कंपनी मोजर बेयर से जुड़े अधिकारी और उनके भांजे रतुल पुरी शामिल हैं।

कमलनाथ ने कहा, लोगों को डराने के लिए संस्थाओं का इस्तेमाल
कमलनाथ ने इन छापों पर रविवार को तीखी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था, ‘आयकर छापों के बारे में स्थिति अब तक स्पष्ट नहीं है। स्थिति स्पष्ट होने के बाद ही उस पर बोलना उपयुक्त होगा। लेकिन पूरा देश जानता है कि पिछले 5 साल के दौरान कैसे संविधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग किया गया और किनके खिलाफ उनका इस्तेमाल किया गया।’ मुख्यमंत्री के बयान में कहा गया था, ‘इन संस्थाओं का इस्तेमाल लोगों को डराने के लिए किया गया। जब उनके पास विकास और अपने कामकाज के बारे में कहने के लिए कुछ नहीं है तो उन्होंने अपने विरोधियों के खिलाफ इस प्रकार की तरकीब अपनाई।’

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