Friday, March 29, 2024
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पीएम ने गुरुवयुर मंदिर में तुलाभरम रस्म की, मोदी को कमल के फूलों से तौला गया

मंदिर में पीएम मोदी ने थुलाभारम रस्म भी अदा की। थुलाभारम रस्म में 112 किलो कमल का फूल चढ़ाया जाता है। खास बात ये है कि इस मंदिर में केवल हिन्दू ही पूजा कर सकते हैं, दूसरे धर्मों के लोगों के अंदर प्रवेश पर रोक है।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: June 08, 2019 10:54 IST
पीएम ने गुरुवयुर मंदिर में तुलाभरम रस्म की, मोदी को कमल के फूलों से तौला गया- India TV Hindi
पीएम ने गुरुवयुर मंदिर में तुलाभरम रस्म की, मोदी को कमल के फूलों से तौला गया

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रचंड बहुमत से लोकसभा चुनाव में सफलता हासिल की है और इसके बाद सरकार अब एक्शन मोड में है। बिजी शेड्यूल के बावजूद आज पीएम मोदी केरल के प्रसिद्ध गुरुवयूर मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे हैं। पुजारियों के मुताबिक मंदिर में पीएम मोदी थुलाभारम रस्‍म भी अदा की है। पूजा के बाद पीएम केरल से ही मालदीव और श्रीलंका के लिए रवाना हो जाएंगे।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे तब गरुवायुरप्पन मंदिर में पूजा करने पहुंचे थे। अब जब दोबारा प्रधानमंत्री चुने गए हैं तो एक बार फिर से विधि-विधान से पूजा-अर्चना किए। जिस गुरुवायूर के गरुवायुरप्पन मंदिर को दुनिया दक्षिण की द्वारिका के नाम से भी जानती है, जिस मंदिर में भगवान कृष्ण, गरुवायुरप्पन के रूप में विराजमान हैं, जिस मंदिर का निर्माण भगवान वृहस्पिति ने किया है, उस मंदिर में पीएम मोदी ने भगवान कृष्ण का आशीर्वाद लिया।

भगवान कृष्ण के इस मंदिर में पीएम मोदी ने पूरे दक्षिण भारतीय परंपराओं के मुताबिक दर्शन किया। प्रधानमंत्री के दौरे की वजह से मंदिर को ख़ासतौर पर सजाया गया था। मंत्रोच्चार के साथ नरेंद्र मोदी की पूजा संपन्न हुई और अब पीएम मालदीव के लिए रवाना हो जाएंगे। पीएम मोदी के गुरुवयूर कृष्णा मंदिर में पूर्जा-अर्चना को देखते हुए आम लोगों के लिए मंदिर का द्वार सुबह 9 से 11 बजे के बीच बंद रहा।

पूजा के बाद पीएम मोदी कृष्णा हाई स्कूल ग्राउंड पर सुबह 11 बजे एक जनसभा को संबोधित करेंगे। बीजेपी की ओर से आयोजित इस जनसभा को 'अभिनव सभा' का नाम दिया गया है। पुजारी के मुताबिक मंदिर में पीएम मोदी थुलाभारम रस्‍म भी अदा की है। थुलाभारम रस्‍म में 112 किलो कमल का फूल चढ़ाया जाता है। इतिहासकारों के मुताबिक गुरुवयूर का कृष्णा मंदिर 5000 साल पुराना है और 1638 में इसके कुछ भाग का पुनर्निमाण किया गया था। खास बात ये है कि इस मंदिर में केवल हिन्दू ही पूजा कर सकते हैं, दूसरे धर्मों के लोगों के अंदर प्रवेश पर रोक है।

गुरुवायुरप्पन मंदिर में भगवान कृष्ण की मूर्ति यहां के प्रमुख आकर्षणों में से एक है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान कृष्ण की मूर्ति के चार हाथ हैं। भगवान ने एक हाथ में शंख और दूसरे में सुदर्शन चक्र है जबकि भगवान ने तीसरे और चौथे में कमल धारण कर रखा है। गुरुवायूर के लोग स्वागत के लिए तैयार हैं। उम्मीद है पीएम मंदिर में व्यवस्था को सुधारने के लिए कुछ बड़ा ऐलान कर सकते हैं। 

प्रधानमंत्री 9 जून यानि कल तिरुपति भी जाएंगे। पिछली बार पीएम जब तिरुपति आए थे तो उन्होंने कई योजनाओं का शिलान्यास भी किया था। इस बार गुरुवायूर के लोगों को वैसी ही उम्मीद है।  फूलों की महक और भक्ति के रंगों में सजा गरुवायुरप्पन के मंदिर में लगने लगे हैं भगवान श्रीकृष्ण के जयकारे। आस्था की दीप जलाने पीएम मोदी पहुंचने वाले हैं।

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