Thursday, April 18, 2024
Advertisement

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की किताब के खिलाफ याचिका, जज ने सुनवाई से खुद को अलग किया

दिल्ली हाईकोर्ट की एक जज ने उस वाद पर सुनवाई करने से आज खुद को अलग कर लिया जिसमें पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की 2016 में प्रकाशित पुस्तक से अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस से जुड़े कुछ अंश हटाने की मांग की गई है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: April 06, 2018 19:22 IST
Pranab Mukharjee- India TV Hindi
Pranab Mukharjee

नयी दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट की एक जज ने उस वाद पर सुनवाई करने से आज खुद को अलग कर लिया जिसमें पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की 2016 में प्रकाशित किताब से अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस से जुड़े कुछ अंश हटाने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि इसने हिंदुओं की भावनाएं आहत की हैं। जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने बिना कोई कारण बताए अपने आदेश में कहा, ‘‘कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के आदेश की दशा में इस मामले को अन्य पीठ के पास सूचीबद्ध किया जाए।’’ 

प्रणब मुखर्जी की पुस्तक ‘टरब्यूलेंट ईयर्स 1980-1996’ के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा वकीलों के समूह ने केस दायर किया है। केस करनेवालों की ओर से पेश हो रहे अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अपराह्न तीन बजकर 15 मिनट पर जज ने उन्हें चैंबर में बुलाया और बिना कोई कारण बताए उन्होंने कहा कि वह खुद को मामले की सुनवाई से अलग कर रही हैं।’’ 

इस मामले पर शुरूआत में 30 जुलाई को सुनवाई होनी थी लेकिन अब इसे नौ अप्रैल को दूसरी पीठ के समक्ष रखा जाएगा। मामले की सुनवाई करने वाली जज ने प्रणब मुखर्जी को मौखिक रूप से नोटिस जारी किया था, लेकिन कुछ घंटे बाद ही मामले की सुनवाई से खुद को अलग करने के लिये लिखित आदेश दिया। इससे पहले निचली अदालत ने तत्कालीन राष्ट्रपति की पुस्तक के कुछ खास अंश हटाने का याचिकाकर्ताओं का अनुरोध 30 नवंबर, 2016 को अस्वीकार कर दिया था। इससे बाद याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट का रुख किया था। अदालत ने पिछले साल सितंबर में निचली अदालत के रिकॉर्ड तलब किए थे। 

याचिकाकर्ता के वकील ने निचली अदालत के समक्ष दावा किया था कि राष्ट्रपति के खिलाफ निजी हैसियत से किये गए किसी कार्य के संबंध में उनके पद पर रहने के दौरान दीवानी वाद दायर किया जा सकता है। तत्कालीन राष्ट्रपति मुखर्जी के वकील ने निचली अदालत के समक्ष याचिका का विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि यह विचारणीय नहीं है। 

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement