Tuesday, March 19, 2024
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INX मीडिया केस: चिदंबरम को अदालत से राहत नहीं मिली, 26 अगस्त तक CBI रिमांड पर भेजा

आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम को राहत नहीं मिली। दिल्ली की अदालत ने चिदबंरम को 5 दिन तक सीबीआई रिमांड पर भेज दिया है। बता दें कि आज दिल्ली की अदालत में चिदंबरम को में पेश किया गया था। कोर्ट रूम नंबर 502 में जज अजय कुमार कुहार के सामने चिदंबरम को पेश किया गया था।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: August 22, 2019 23:57 IST
P Chidambaram- India TV Hindi
P Chidambaram

नई दिल्ली: आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम को राहत नहीं मिली। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया केस में अपना फैसला सुनाते हुए पी. चिदंबरम को 26 अगस्त तक सीबीआई की रिमांड में भेज दिया है। सीबीआई की रिमांड के दौरान चिदंबरम का परिवार रोज उनसे तीस मिनट तक मिल सकेगा। इसके अलावा चिदंबरम के वकील भी रोजाना उनसे 30 मिनट मुलाकात कर सकेंगे।

बता दें कि आज दिल्ली की अदालत में चिदंबरम को में पेश किया गया था। कोर्ट रूम नंबर 502 में जज अजय कुमार कुहार के सामने चिदंबरम को पेश किया गया था। सीबीआई ने पी चिदंबरम की पांच दिन की हिरासत मांगी थी। वहीं चिदंबरम की पैरवी के लिए वकील अभिषेक मनु सिंघवी, कपिल सिब्बल और विवेक तन्खा कोर्ट में मौजूद थे। चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम और पत्नी नलिनि चिदंबरम भी कोर्टरूम में मौजूद थे।

पूर्व केंद्रीय मंत्री को जोरबाग स्थित उनके आवास से बुधवार रात गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई ने चिदंबरम को विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहर के समक्ष पेश कर उनकी (चिदंबरम) पांच दिनों की हिरासत मांगी थी। अदालत कक्ष में प्रवेश करने के शीघ्र बाद चिदंबरम को अपनी पार्टी के नेताओं और वरिष्ठ अधिवक्ताओं- कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी और विवेक तन्खा के साथ मशविरा करते देखा गया था। मामले में सीबीआई का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता भी अदालत में मौजूद थे। चिदंबरम की पत्नी नलिनी, उनके बेटे कार्ति सहित उनके परिवार के सदस्य भी डी कृष्णन सहित अन्य वरिष्ठ अधिवक्ताओं के साथ अदालत कक्ष में थे। अदालत कक्ष के बाहर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे।

चिदंबरम के वित्त मंत्री रहने के दौरान आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दिलाने में बरती गई कथित अनियमितताओं को लेकर सीबीआई ने 15 मई 2017 को उनके खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की थी। यह मंजूरी 2007 में 305 करोड़ रूपये के विदेशी धन प्राप्त करने के लिए दी गई थी। इसके बाद, ईडी ने भी 2018 में उनके खिलाफ इस सिलसिले में धनशोधन का एक मामला दर्ज किया था।

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