श्रीनगर: नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के उस बयान की आलोचना की, जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि उनकी पीडीपी 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करती तो जम्मू में 1947 जैसी स्थिति पैदा हो जाती। उमर ने विधानसभा में कहा, आपने विधान परिषद में कहा कि यदि आपने भाजपा के साथ गठबंधन नहीं किया होता तो 1947 की स्थिति फिर से पैदा हो जाती। हम वहां 1947 में नहीं थे लेकिन हमने सुना है कि जम्मू में स्थिति बहुत खराब हो गई थी और बड़े स्तर पर साम्प्रदायिकता भड़की थी।
उन्होंने महबूबा से पूछा कि क्या उनके बयान का यह मतलब है कि जम्मू में मुसलमान जनसंख्या को बचाने के लिए, उन्हें भाजपा के साथ गठबंधन करने को मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा, मैं जम्मू के हिंदुओं के लिए दु:खी हूं क्योंकि आप कह रही हैं यदि वे सरकार का हिस्सा नहीं होते, तो वे क्षेत्र में आग लगा देते।
उमर ने कहा कि जम्मू कश्मीर में पहली बार खंडित जनादेश नहीं आया है। उन्होंने कहा, 1987 से पहले मतों का स्पष्ट विभाजन था। नेशनल कांफ्रेंस को कश्मीर में बहुमत प्राप्त था और जम्मू में कांग्रेस को। कांग्रेस अधिकतर विपक्ष में रही और नेकां सत्ता में लेकिन जम्मू में कोई साम्प्रदायिक आग नहीं भड़की।
नेकां के नेता ने गठबंधन के एजेंडे पर निशाना साधते हुए कहा कि यह कार्यान्वयन न किए जाने के कारण असफल रहा है। उन्होंने हिंदवाड़ा मामले के बारे में कहा कि सरकार विधानसभा में रिपोर्ट पेश करने के अपने वादे को पूरा करने में असफल रही है।