Wednesday, April 24, 2024
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पश्चिमी विक्षोभ ने बिगाड़ा मौसम का मिजाज, बसंत पंचमी के बाद मिलेगी सर्दी से राहत

पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के मैदानी इलाकों में फरवरी के शुरुआती दस दिनों में तीन पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव ने सर्दी से राहत मिलने की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: February 02, 2019 20:23 IST
Representational pic- India TV Hindi
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नई दिल्ली: पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के मैदानी इलाकों में फरवरी के शुरुआती दस दिनों में तीन पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव ने सर्दी से राहत मिलने की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। मौसम विभाग के अनुसार बसंत पंचमी से सर्दी से राहत मिलने की संभावना है।

इन इलाकों में एक फरवरी को पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश, कोहरे और सर्द हवाओं के कारण बसंत के मौसम की आमद लगभग एक सप्ताह के लिए टल गई है। मौसम विभाग के अनुसार आगामी 10 फरवरी तक उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में दो और पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव देखने को मिलेगा। इसकी वजह से अगले सात दिनों तक मौसम का उतार चढ़ाव देखने को मिलेगा।

मौसम विभाग की पूर्वानुमान इकाई के वैज्ञानिक कुलदीप श्रीवास्तव ने शनिवार को बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तरी राजस्थान में बारिश तथा सर्द हवाओं के साथ सुबह घना कोहरा रहा। इस वजह से दृश्यता स्तर 150 मीटर तक पहुंच गया। शनिवार को अधिकतम तापमान 17.9 डिग्री सेंल्सियस और न्यूनतम तापमान 8.2 सेल्सियस दर्ज किया गया। यह सामान्य से चार डिग्री कम था।

डॉ. श्रीवास्तव ने हालांकि रविवार को मैदानी राज्यों में सुबह तुलनात्मक रूप से कोहरे में मामूली कमी और अधिकतम तापमान में थोड़ा इजाफा होने के कारण सोमवार तक सर्दी से हल्की राहत मिलने की संभावना व्यक्त की। इसके बाद पांच फरवरी को फिर से पश्चिमी विक्षोभ के प्रभावी होने के कारण मौसम का रूख बदलेगा। छह फरवरी को मैदानी इलाकों में हल्की बारिश, सुबह के समय घना कोहरा और सर्द हवाओं का असर देखने को मिलेगा।

इसके बाद नौ फरवरी को भी इन इलाकों में तीसरे पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव ठंड के अहसास को बढ़ाएगा। डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि मैदानी इलाकों में 10 फरवरी को बसंत पंचमी से मौसम का मिजाज बदलना शुरू होगा और 12 फरवरी से न्यूनतम और अधिकतम तापमान में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की किए जाने की संभावना है।

डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस बार पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता थोड़ी अधिक रही। इस साल जनवरी में सात बार पश्चिमी विक्षोभ का असर देखने को मिला। इनमें से चार का असर उत्तर के मैदानी इलाकों में और तीन का पहाड़ी क्षेत्रों में रहा। उन्होंने बताया कि सामान्य रूप से जनवरी में पश्चिमी विक्षोभ की संख्या छह होती है। पिछले इस अवधि में पांच बार पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव देखने को मिला था।

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