हैदराबाद: आतंकी संगठन ISIS ने सिर्फ सात समंदर पार टर्की में ही आतंक नहीं फैलाया, उसकी दस्तक आज भारत में भी सुनाई दी। आज हैदराबाद में ISIS का एक आतंकी मॉड्यूल पकड़ा गया है। इस मॉड्यूल के 11 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। उनसे जो शुरुआती पूछताछ हुई है, वो बेहद हैरान कर देने वाली है। ये हैदराबाद में तबाही मचाकर भारत में ISIS की मौजूदगी का अहसास कराना चाहते थे।
हैदराबाद में ISIS के 'टेरर हाउस' !
पुराने हैदराबाद शहर में 9 ऐसे ठिकाने मिले हैं जिनके भीतर आतंक का खेल चल रहा था और यहां हैदराबाद को दहलाने की बहुत बड़ी साजिश रची जा रही थी। आज इन ठिकानों पर NIA की टीमों ने सुबह पांच बजे से लोकल पुलिस की मदद से छापे मारने शुरू किए तो आतंकी संगठन ISIS का एक बड़ा नेटवर्क धरा गया है। एनआईए ने हैदराबाद से ISIS से जुड़े 11 संदिग्धों को धर दबोचा है और सभी की उम्र 20 साल से लेकर 45 साल के बीच है। इन्हें हैदराबाद के मुगलपुरा, चंद्रयानगुट्टा, मीरचौक, तालाबकट्टा और भवानीनगर से पकड़ा गया।
ISIS के 'वो' 11 'आतंकी' कौन ?
एनआईए ने जिन 11 लोगों को हिरासत में लिया है उनमें पांच वो लोग भी शामिल हैं जिनके खिलाफ NIA ने ISIS से जुड़े एक कट्टरपंथी ग्रुप से ताल्लुक रखने की वजह से 22 जून को एफआईआर दर्ज कराई थी। वो पांच नाम हैं-
- मोहम्मद इलियास यजदानी, निवासी-अमन नगर, हैदराबाद
- मोहम्मद इब्राहिम, निवासी-अमन नगर, हैदराबाद
- हबीब मोहम्मद, निवासी-बरकस, हैदराबाद
- मोहम्मद इरफान, निवासी-छतर बाजार, हैदराबाद
- अब्दुल्लाह बिन अहमद अलमौदी उर्फ फहाद , निवासी- चारमीनार, हैदराबाद
कैसे रची जा रही थी सबसे बड़ी साजिश?
बताया जा रहा है कि पकड़े गए संदिग्धों में दो भाई भी हैं जिनमें एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर और दूसरा कंप्यूटर ग्रेजुएट है। इन संदिग्धों के पास से जो सामान मिला है उससे साफ पता चल रहा है कि वो जल्द ही कोई बड़ी आतंकी वारदात करने वाले थे। इन संदिग्धों के पास से NIA ने भारी मात्रा में विस्फोटक मिला है। इसके अलावा एक एयर गन, कई कारतूस, 9 एमएम की चाइनीज पिस्टल, 25 मोबाइल फोन, कई सिम कार्ड, लैपटॉप, टैब, कई पैन ड्राइव और पंद्रह लाख के नकली नोट भी जब्त किए हैं।
सूत्रों से पता चला है कि ISIS के इस हैदराबाद मॉड्यूल की शहर की 8 से 9 जगहों पर हमला करने की प्लानिंग थी। एयरपोर्ट समेत हैदराबाद में कई जगह सीरियल ब्लास्ट करके वो भारत में ISIS की मौजूदगी दर्ज कराना चाहते थे। उनसे पूछताछ में अभी और भी चौंकाने वाले खुलासे हो सकत हैं। इनके हर मूवमेंट पर एनआईए बेहद करीब से नजर बनाए हुए थी, इसीलिए इन्हें साजिश को अंजाम देने से पहले ही दबोच लिया गया।