Tuesday, April 16, 2024
Advertisement

‘तीन तलाक’ पर नये कानून को उच्चतम न्यायालय में चुनौती

पत्नी को फौरी ‘तीन तलाक’ के जरिए छोड़ने वाले मुस्लिम पुरुष को तीन साल तक की सजा के प्रावधान वाले कानून को शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई।

Bhasha Reported by: Bhasha
Updated on: August 02, 2019 23:37 IST
triple talaq- India TV Hindi
Image Source : PTI प्रतिकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली। पत्नी को फौरी ‘तीन तलाक’ के जरिए छोड़ने वाले मुस्लिम पुरुष को तीन साल तक की सजा के प्रावधान वाले कानून को शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद में पारित ‘तीन तलाक’ विधेयक को बृहस्पतिवार को मंजूरी दी थी। लोकसभा में मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक को पिछले सप्ताह पारित किया गया था, जिसके बाद राज्यसभा ने 84 के मुकाबले 99 मतों से इसे पारित कर दिया था।

केरल स्थित एक मुस्लिम संगठन ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की जबकि दिल्ली उच्च न्यायालय में एक वकील ने याचिका दायर की। दोनों याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि ‘मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) कानून, 2019’ मुस्लिम पतियों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।

केरल में सुन्नी मुस्लिम विद्वानों और मौलवियों के धार्मिक संगठन ‘ समस्त केरल जमीयतुल उलेमा’ और दिल्ली के वकील शाहिद अली ने दावा किया कि यह कानून संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 21 का उल्लंघन है तथा इसे निरस्त किया जाना चाहिए। दोनों याचिकाएं तब दायर की गई हैं जब एक दिन पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नये कानून को अपनी स्वीकृति दे दी।

उच्चतम न्यायालय में दायर की गई याचिका में कहा गया है, ‘‘इस कानून में खासतौर से धार्मिक पहचान पर आधारित व्यक्तियों के एक वर्ग के लिए दंड का प्रावधान किया गया है। यह जनता के साथ बहुत बड़ी शरारत है जिसे यदि नहीं रोका गया तो उससे समाज में ध्रुवीकरण हो सकता है और सौहार्द्रता का माहौल बिगड़ सकता है।’’

समर्थकों की संख्या के लिहाज से केरल में मुस्लिमों का सबसे बड़ा संगठन होने का दावा करने वाले इस धार्मिक संगठन ने कहा कि यह कानून मुस्लिमों के लिए है और इस कानून की मंशा तीन तलाक को खत्म करना नहीं है बल्कि मुस्लिम पतियों को सजा देना है। याचिका में कहा गया है, ‘‘धारा चार के तहत जब मुस्लिम पति तीन तलाक देगा तो उसे अधिकतम तीन साल की कैद हो सकती है। धारा सात के तहत यह अपराध संज्ञेय और गैर जमानती है।’’

दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर याचिका में कहा गया है कि ‘तीन तलाक’ को गैर जमानती अपराध घोषित करने वाला यह कानून पति और पत्नी के बीच समझौता करने की सभी गुंजाइशों को खत्म कर देगा। उच्च न्यायालय के एक सूत्र ने बताया कि इस याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई हो सकती है।

उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार की मंशा संविधान के साथ-साथ उच्चतम न्यायालय के फौरी तलाक को गैरकानूनी घोषित करने के फैसले के प्रति ‘‘दुर्भावनापूर्ण और अधिकारातीत’’ है।

याचिका में दावा किया गया है कि ‘तीन तलाक’ को अपराध के दायरे में लाने का दुरुपयोग हो सकता है क्योंकि कानून में ऐसा कोई तंत्र उपलब्ध नहीं कराया गया है जिससे आरोपों की सच्चाई का पता चल सके। इसी तरह, उच्चतम न्यायालय में दायर याचिका में याचिकाकर्ता ने कहा कि अगर इस कानून का मकसद किसी मुस्लिम पत्नी को ‘‘एक नाखुश शादी’’ से बचाना है तो कोई भी विचारशील व्यक्ति यह मान नहीं सकता है कि यह सिर्फ ‘तलाक तलाक तलाक’ कहने के लिए पति को तीन साल के लिए जेल में डालकर और इसे गैर जमानती अपराध बनाकर सुनिश्चित किया जा सकता है।

तीन तलाक कानून के तहत ठाणे में एक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज

तीन तलाक विधेयक के पारित होने के दो दिन बाद महाराष्ट्र के ठाणे में पुलिस ने कथित रूप से वाट्सऐप के जरिये अपनी पत्नी को तलाक देने वाले व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है। मुंब्रा के नजदीक पुलिस ने बृहस्पतिवार रात आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 498-ए और मुस्लिम महिला (वैवाहिक अधिकारों की रक्षा) अधिनियम की धारा चार के तहत मामला दर्ज किया।

30 जुलाई को संसद से पारित हुए नये अधिनियम की धारा चार के तहत पत्नी को तीन तलाक कहने वाले मुस्लिम पति को तीन साल के कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई जा सकती है। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक मधुकर काड ने कहा कि प्राथमिकी 31 वर्षीय महिला की शिकायत पर दर्ज की गई। महिला ने पुलिस को बताया कि 2015 से 2018 के बीच उसके पति, सास और ननद ने दहेज के लिये उसका उत्पीड़न किया और पति ने फोन और वाट्सऐप पर तीन तलाक दे दिया। इस मामले में अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। 

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement