Friday, April 19, 2024
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CBI ने 2654 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के लिये वड़ोदरा की कंपनी पर केस दर्ज किया

सीबीआई ने विभिन्न बैंकों के साथ कथित तौर पर 2654 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के लिये वड़ोदरा की एक कंपनी और उसके निदेशकों के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज किया। 

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: April 05, 2018 22:54 IST
CBI case- India TV Hindi
CBI case

नयी दिल्ली: सीबीआई ने विभिन्न बैंकों के साथ कथित तौर पर 2654 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के लिये वड़ोदरा की एक कंपनी और उसके निदेशकों के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज किया। यह कंपनी बिजली केबल और उपकरणों का कारोबार करती है। सीबीआई के एक प्रवक्ता ने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने कंपनी डायमंड पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (डीपीआईएल) और उसके निदेशकों के वड़ोदरा स्थित आधिकारिक और आवासीय परिसरों की तलाशी शुरू कर दी। 

सीबीआई ने आरोप लगाया कि डीपीआईएल के प्रमोटर एस एन भटनागर और उनके बेटे अमित भटनागर और सुमित भटनागर कंपनी के अधिकारी हैं। सीबीआई ने कहा कि इस कर्ज को 2016-17 में एनपीए घोषित कर दिया गया। सीबीआई ने कहा, ‘‘यह आरोप लगाया जाता है कि डीपीआईएल ने अपने प्रबंधन के जरिये फर्जी तरीके से11 बैंकों (सार्वजनिक और निजी) के समूह से 2008 से ऋण सुविधा हासिल की और 29 जून 2016 तक उसपर 2654.40 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया था।’’ 

एजेंसी ने आरोप लगाया कि कंपनी और उसके प्रबंधक मियादी ऋण और कर्ज सुविधाएं इस तथ्य के बावजूद हासिल करने में कामयाब रहे कि बैंकों के कंसोर्टियम द्वारा शुरूआती साख सीमा को मंजूरी दिये जाने के दौरान उनका नाम भारतीय रिजर्व बैंक की डिफॉल्टरों की सूची और ईसीजीसी (एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन) की चेतावनी सूची में शामिल था। साल 2008 में बैंकों के समूह के गठन के समय ऐक्सिस बैंक मियादी ऋण के लिये अग्रणी बैंक था जबकि बैंक ऑफ इंडिया नकदी ऋण सीमा के लिये अग्रणी बैंक था। 

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