Friday, April 26, 2024
Advertisement

बाल आसरा घरों पर एनसीपीसीआर की रिपोर्ट ‘खौफनाक’, हम असहाय: सुप्रीम कोर्ट

भारत में आसरा घरों में बच्चों की स्थिति पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की रिपोर्ट को ‘‘खौफनाक’’ करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि वह ‘‘असहाय’’ है

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: August 28, 2018 21:56 IST
supreme court- India TV Hindi
supreme court

नयी दिल्ली: भारत में आसरा घरों में बच्चों की स्थिति पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की रिपोर्ट को ‘‘खौफनाक’’ करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि वह ‘‘असहाय’’ है, क्योंकि इस मामले में अधिकारियों को कोई निर्देश दिए जाने पर उसे ‘‘न्यायिक सक्रियतावाद’’ करार दे दिया जाएगा। आसरा घरों पर एनसीपीसीआर की सामाजिक अंकेक्षण रिपोर्ट का जिक्र करते हुए जस्टिस मदन बी. लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि 2,874 बाल आसरा घरों में से सिर्फ 54 के लिए आयोग ने सकारात्मक टिप्पणी की है। 

रिपोर्ट के मुताबिक, जिन 185 आसरा घरों का अंकेक्षण किया गया उनमें से सिर्फ 19 के पास वहां रह रहे बच्चों का लेखा-जोखा था। जस्टिस एस. अब्दुल नजीर और दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा कि यदि अदालत ने इस मामले में कुछ कहा तो उस पर ‘‘न्यायिक सक्रियतावाद’’ के आरोप लगेंगे, भले ही अधिकारी अपना काम करने में ‘‘दिलचस्पी नहीं लें’’ और सिर्फ ‘‘जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ें’’ और इन आसरा घरों की स्थिति के लिए एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ते रहें। 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि अधिकारियों ने ठीक से अपना काम किया होता तो बिहार के मुजफ्फरपुर में हुए कांड जैसी घटनाएं नहीं होतीं। मुजफ्फरपुर में एक आसरा घर में कई लड़कियों से बलात्कार और उनके यौन उत्पीड़न की घटना सामने आई है। इस मामले में अदालत की मदद कर रही वकील अपर्णा भट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश ‘‘न्यायिक सक्रियता’’ नहीं हैं, क्योंकि आसरा घरों में रह रहे बच्चों की बेहतरी अहम है। पीठ ने उनसे कहा, ‘‘क्या आपने एनसीपीसीआर की रिपोर्ट देखी है? यह खौफनाक है।’’ इस मामले में अगली सुनवाई 20 सितंबर को होगी। 

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement