Thursday, March 28, 2024
Advertisement

पीएम मोदी के बारे में TIME मैगजीन ने फिर छापा आर्टिकल, कही यह बड़ी बात

हकीकत में, टाइम एक संकटग्रस्त पत्रिका है जिसका स्वामित्व एक ही साल में दो हाथों में जा चुका है। पिछले साल मार्च में इसे बेटर होम्स और गार्डन्स जैसी मैग्जीन्स के प्रकाशक मेरेडिथ ने खरीदा था और उसके बाद सितंबर में यह फिर बिकी

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: May 29, 2019 14:02 IST
पीएम मोदी के बारे में TIME मैगजीन ने फिर छापा आर्टिकल, कही यह बड़ी बात- India TV Hindi
पीएम मोदी के बारे में TIME मैगजीन ने फिर छापा आर्टिकल, कही यह बड़ी बात

नई दिल्ली: टाइम मैग्जीन, जिसने भारत के आम चुनाव से पहले अपनी कवर स्टोरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर एक लेख छापा था, उसने चुनाव परिणाम के तत्काल बाद पलटी मारते हुए एक रिपोर्ट जारी की है, जिसका शीर्षक है, "मोदी ने भारत को इतना एकजुट किया, जो कि दशकों में कोई प्रधानमंत्री नहीं कर पाया।"

Related Stories

टाईम की वेबसाइट पर यह लेख मंगलवार को प्रकाशित हुआ। इस लेख में लेखक ने एक सवाल पूछा है कि, "कैसे यह कथित विभाजनकारी शख्सियत न केवल सत्ता में कायम रह पाया है, बल्कि उसके समर्थक और भी ज्यादा बढ़ गए हैं?" और, इस प्रश्न के जवाब में लेख में कहा गया है, "एक प्रमुख कारक यह रहा है कि मोदी भारत की सबसे बड़ी कमी : जातिगत भेदभाव को पार करने में कामयाब रहे हैं।" इसके लेखक, मनोज लाडवा ने मोदी के एकजुटता के सूत्रधार के रूप में उभरने का श्रेय उनके पिछड़ी जाति में पैदा होने को दिया है। 

लेख में लाडवा ने लिखा है, "नरेंद्र मोदी का जन्म भारत के सबसे वंचित सामाजिक समूहों में से एक में हुआ था। बिल्कुल शीर्ष पर पहुंचते हुए, वह आकांक्षापूर्ण कामगार वर्ग को प्रतिबिंबित करते हैं और अपने देश के सबसे गरीब नागरिकों के रूप में अपनी पहचान पेश कर सकते हैं, जैसा कि आजादी के बाद 72 सालों में सबसे ज्यादा समय भारत की सत्ता पर रहने वाला नेहरू-गांधी राजनीतिक वंश कभी नहीं कर सकता।"

उन्होंने 1971 में इंदिरा गांधी को मिली भारी जीत का जिक्र करते हुए कहा, "लेकिन, फिर भी उनके पहले कार्यकाल के पूरे समय के दौरान और उनकी इस बार की चुनावी दौड़ के दौरान मोदी की नीतियों के खिलाफ कड़ी और अक्सर अनुचित आलोचनाओं के बावजूद, पिछले पांच दशकों में कोई भी प्रधानमंत्री भारत के मतदाताओं को इतना एकजुट नहीं कर पाया, जितना उन्होंने किया है।"

इस लेख से पहले, चुनाव पूर्व टाईम में प्रकाशित हुए आतिश तासीर के लेख को चुनाव प्रचार के दौरान मोदी के विरोधियों द्वारा खूब इस्तेमाल किया गया और मोदी के आलोचकों ने इसे एक वैश्विक मीडिया पावरहाउस द्वारा उन्हें 'विभाजनकारी' के रूप में आरोपित करना करार दिया। 

हकीकत में, टाइम एक संकटग्रस्त पत्रिका है जिसका स्वामित्व एक ही साल में दो हाथों में जा चुका है। पिछले साल मार्च में इसे बेटर होम्स और गार्डन्स जैसी मैग्जीन्स के प्रकाशक मेरेडिथ ने खरीदा था और उसके बाद सितंबर में यह फिर बिकी, जब इसे सेल्सफोर्स के संस्थापक और टेक उद्यमी मार्क बेनिऑफ तथा उनकी पत्नी ने खरीदा था।

यहां तक कि टाईम के प्रमुख अमेरिकी संस्करण ने मोदी पर प्रकाशित इस लेख को कवर स्टोरी के रूप में प्रकाशित नहीं किया, बल्कि इसकी जगह अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार एलिजाबेथ वॉरेन पर लेख प्रकाशित किया था।

इस लेख में लाडवा लिखते हैं, "सामाजिक रूप से विकासशील नीतियों के जरिए, उन्होंने (मोदी) कई भारतीयों - हिंदू और धार्मिक अल्पसंख्यक दोनों - को किसी भी पिछली पीढ़ी की तुलना में गरीबी से तेज रफ्तार से बाहर निकाला है।" लाडवा इंडिया ग्लोबल बिजनेस प्रकाशित करने वाली ब्रिटेन की मीडिया कंपनी इंडिया इंक के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हैं।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement