Friday, March 29, 2024
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भारतीय वैज्ञानिक का दावा, फिर मिले एलियंस के संकेत!

विशाल का कहना है कि ऐसे रेडियो सिग्नल ऑस्ट्रेलिया स्थित ऑबजरबैटरी में 2 नवंबर 2012 को भी सुने गये थे। लेकिन विशाल गज्जर ने जिन रेडियो सिग्नल्स को पकड़ा है उनकी फ्रीक्वेंसी पहले से कहीं ज्यादा है। ऐसा प्रतीत होता है कि ये सिग्लन एलियंस ने अपने स्पेस क

India TV News Desk Edited by: India TV News Desk
Published on: September 06, 2017 11:05 IST
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नई दिल्ली: इस धरती पर एलियंस एक बेहद ही उलझा हुआ विषय है। दुनिया में ऐसे बहुत से लोग हैं जो एलियंस पर विश्वास नहीं करते, लेकिन ऐसे भी हैं जो यह दावा करते हैं कि उन्होंने एलियंस को देखा है। हाल ही में एक भारतीय वैज्ञानिक ने दावा किया है कि आज भी इस दुनिया में एलियंस है। इसी कड़ी में अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफॉर्निया में शोध कर रहे एक एक भारतीय वैज्ञानिक ने नया दावा किया है। भारतीय युवा वैज्ञानिक का कहना है कि ये एलियंस हमारी पृथ्वी पर हो रही विकास कार्यों पर निगाह रख रहे है। ये भी पढ़ें: राम रहीम की ‘हनी’ को मुंबई में लगी हथकड़ी? जानें क्या है हनीप्रीत की गिरफ्तारी का सच

यह दावा किया है बेंगलुरु निवासी और अमेरिका में कार्यरत वैज्ञानिक विशाल गज्जर ने। विशाल ने 15 एफआरबी (फास्ट रेडियो बर्स्ट) का पता लगया है। इसी संकेत के आधार पर आकाशगंगा में एलियंस के होने का दावा किया है. यह सिग्नल तीन अरब प्रकाश वर्ष दूर स्थित एक छोटी आकाशगंगा से आती हुई प्रतीत हुई है. इस सिग्नल को रिसीव करने का क्रम पांच घंटे तक चलता रहा. लंबे समय तक चले इस सिग्नल से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यह एक ऊर्जा का स्रोत है, जो एलियंस के अंतरिक्ष यान में उपयोग हो सकता है. यह खोज ब्रेकथ्रू लिसन के शोधकर्ता और भारतीय वैज्ञानिक विशाल गज्जर ने की है।

ब्रिटिश वैज्ञानिक स्टीफन हाकिंग ने इस प्रोजैक्ट की स्थापना रूसी अरबपति यूरी मिलर के साथ मिलकर की है। इससे जुड़े भारतीय मूल के वैज्ञानिक विशाल गज्जर ने माना है कि सुदूर अंतरिक्ष से कुछ संकेत मिले हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया बर्कले के शोधकर्ता विशाल के अनुसार शोध में प्रगति के साथ भविष्य में और भी नए व चौंकाने वाले तथ्य सामने आएंगे। उन्होंने संकेतों का अध्ययन करने की बात कही है।

मालूम हो कि हॉकिंग और मिलर ने इस परियोजना को 10  करोड़ डॉलर (638 करोड़ रुपये) की लागत से वर्ष 2015 में शुरू की थी। वैज्ञानिक अभियान के प्रारंभ के 10 वर्ष को पृथ्वी के करीब के एक लाख तारों पर केंद्रित रखेंगे। वैज्ञानिक हमारी आकाशगंगा के नजदीक की 100 आकाशगंगाओं से आने वाली 10 अरब से ज्यादा तरंगों को भी सुन सकेंगे

विशाल का कहना है कि ऐसे रेडियो सिग्नल ऑस्ट्रेलिया स्थित ऑबजरबैटरी में 2 नवंबर 2012 को भी सुने गये थे। लेकिन विशाल गज्जर ने जिन रेडियो सिग्नल्स को पकड़ा है उनकी फ्रीक्वेंसी पहले से कहीं ज्यादा है। ऐसा प्रतीत होता है कि ये सिग्लन एलियंस ने अपने स्पेस क्राफ्ट को भेजे हैं।

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