Friday, April 19, 2024
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Exclusive: आतंकियों को पाकिस्तान देता है मोटी सैलरी, फिदायीन बनने पर मिलते हैं करोड़ रुपये

पाकिस्तान अपने यहां आतंकवादियों को मोटी सैलरी देता है। सूत्रों के मुताबिक भारतीय खुफिया एजेंसियों को जानकारी मिली है कि पाकिस्तान नए भर्ती होने वाले आतंकियों को 25 हजार से 80 हजार तक पाक करेंसी मासिक भत्ते के रूप देता ह...

Jayanta Ghosal Reported by: Jayanta Ghosal
Updated on: October 22, 2019 18:51 IST
Representational pic- India TV Hindi
Representational pic

नई दिल्ली: पाकिस्तान अपने यहां आतंकवादियों को मोटी सैलरी देता है। सूत्रों के मुताबिक भारतीय खुफिया एजेंसियों को जानकारी मिली है कि पाकिस्तान नए भर्ती होने वाले आतंकियों को 25 हजार से 80 हजार तक पाक करेंसी मासिक भत्ते के रूप देता है और यह पैसे उनके माता-पिता के खाते में जमा किए जाते हैं। आतंकी ट्रेनिंग लेने के बाद पाकिस्तान उनके वेतन को बढ़ाकर एक लाख पाकिस्तानी रुपये कर दिया जाता है। इतना ही नहीं सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक फिदायीन बनने वाले आतंकियों के परिवार वालों को 1 करोड़ रुपये दिया जाता है और फिदायीन आतंकी अगर भारतीय सीमा में घुस जाए तो उसके माता-पिता को 5 करोड़ मुहैया कराया जाता है हालांकि सूत्रों के मुताबिक फिदायीन आतंकियों की संख्या 20 ही है। इसके अलावा आतंकी कैंपों में रहने वाले आतंकवादियों को मुफ्त खाना भी दिया जाता है। 

सूत्रों के मुताबिक खुफिया एजेंसियों को मिली जानकारी में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के फैसले के बाद पाक सेना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नए आतंकी कैंप बना रही है जिसमें आतंकवादियों की  भर्ती की जा रही है, सूत्रों के मुताबिक पहले पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 38 आतंकी कैंप थे और अब कई छोटे कैंप शुरू किए गए हैं जिसके बाद कुल आतंकी कैंपों की संख्या 328 हो गई है। सूत्रों के मुताबिक पाक सेना ने आईएसआई की मदद से इन आतंकी कैंपों में 16400 जिहादी आतंकियों की भर्ती की है। आतंकी कैंपों का मुख्यालय मुजफ्फराबाद में बताया जा रहा है और आतंकवादियों के ये कैंप और सेंटर विभिन्न क्षेत्रों में फैले हुए हैं जैसे धूमल, मैच फैक्टरी, शार्कोटलाइन्स, चाटार, मुर्की, गोजरा किला। इसके अलावा हाजी पीर में, पुंछ और उरी के बीच, अलिबाद, ढलान सुबली, एबटाबाद, डेरा अदामखेल, फैसलाबाद, गजरनवाला, झेलम, लाहौर, पेशावर, रावलपिंडी, सरगोडा, शेखपुरा, सियालकोट और हरीमोगोंल्स में भी नए कैंप खोले गए है। हर छोटे आतंकी कैंप ने 25-50 आतंकवादी हो सकते हैं।

पाकिस्तान को इन आतंकी कैंपों को चलाने के लिए भारी खर्च उठाना पड़ रहा है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक यह पैसा पाकिस्तान के बजट से नहीं आ रहा, बल्कि नशे के कारोबार से हो रही काली कमाई के दम पर यह कैंप चलाए जा रहे हैं और भारत का मोस्ट वांटेड अपराधी दाऊद इब्राहिम भी इसमें पैसा दे रहा है। 

आतंकी कैंपों के लिए पैसों की उगाही को लेकर एक और जानकारी मिली है, सूत्रों के मुताबिक अजादी की लड़ाई के नाम पर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में कई जगहों पर दान पेटियां रखी गई हैं और लोगों से उन दान पेटियों में पैसा दान करने की अपील की जा रही है। 

सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान की सेना आतंकी आतंकी कैंपों में जिन आतंकियों को पाल रही है उनको घाटी में घुसाने के प्रयास में है, सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान की सेना घाटी में सुरक्षा ढील का इंतजार कर रही है। हालांकि देश की सुरक्षा एजेंसियों को पहले ही इनके प्लान की भनक लग चुकी है और उनसे निपटने की योजना तैयार की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में तैयार हो रहे आतंकवादी भारत में दूसरी जगहों पर भी हमला कर सकते हैं, उनका पहला लक्ष्य कश्मीर है, इसके अलावा प्लान बी के तौर पर नेपाल या बांग्लादेश बॉर्डर के रास्ते फिदाइन आतंकियों को भी भारत में घुसाए जाने की योजना भी हो सकती है, प्लान सी के तहत समुद्र मार्ग से गुजरात और महाराष्ट्र को भी निशाना बनाए जाने की कोशिश हो सकती है।  

 

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