Friday, April 26, 2024
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आंबेडकर जयंती पर शहरों में किलेबंदी, कहीं इंटरनेट पर बैन तो कहीं फ्लैग मार्च

आज डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की 128वीं जयंती हैं लेकिन अलग-अलग हिस्सों में माहौल टेंशन का है। हालात ऐसे हैं कि गृह मंत्रालय को राज्य सरकारों को एडवाइज़री तक भेजनी पड़ी है कि सड़कों पर इतनी सुरक्षा बढ़ा दो कि कहीं गलती की गुंजाइश ना रहे।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: April 14, 2018 9:04 IST
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आंबेडकर जयंती पर शहरों में किलेबंदी, कहीं इंटरनेट पर बैन तो कहीं फ्लैग मार्च  

नई दिल्ली: आज आंबेडकर जयंती है और इस मौके पर कई राज्यों की सरकार चिंता में हैं। सरकार की चिंता की वजह है वो अराजक तत्व जो शहर-शहर आंबेडकर की प्रतिमा को नुकसान पहुंचा रहे हैं और शहर का माहौल बिगाड़ने की साज़िश रच रहे हैं। ऐसे लोगों से निपटने के लिए कई शहरों में फ्लैग मार्च किया गया है और सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम हैं। गृह मंत्रालय ने भी सरकारों को अलर्ट रहने को कहा है। संविधान के रचयिता और दलितों के मसीहा बाबा साहेब ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि देश में हालात ऐसे भी होंगे कि उनकी जयंती भी संगीनों के साए में मनानी पड़ेगी।

आज डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की 128वीं जयंती हैं लेकिन अलग-अलग हिस्सों में माहौल टेंशन का है। हालात ऐसे हैं कि गृह मंत्रालय को राज्य सरकारों को एडवाइज़री तक भेजनी पड़ी है कि सड़कों पर इतनी सुरक्षा बढ़ा दो कि कहीं गलती की गुंजाइश ना रहे। यही वजह है कि शहर-शहर पुलिस पूरे लाव लश्कर के साथ सड़कों पर दौड़ रहीं है क्योंकि सब जानते हैं कि आंबेडकर के नाम पर नफरत फैलाने वाले कम नहीं है। सियासी गलियारों में जिस शख्सियत की विरासत पर हक़ जमाने की होड़ है उन्हीं की मूर्ति को अंबाला में किसी ने तोड़ दिया।

शहर की आबोहवा में ज़हर घोलने के मक़सद से कुछ लोगों ने आंबेडकर प्रतिमा के ऊपरी हिस्से को निशाना बनाया वो भी आंबेडकर भवन में घुसकर। ख़बर फैली तो थोड़ी ही देर में लोगों की भीड़ जमा हो गई लेकिन पुलिस ने किसी विवाद से बचने के लिए फौरन मूर्ति को ढक दिया। बताया जा रहा है कि विवाद दो पक्षों के बीच था। उत्तर प्रदेश के जौनपुर में भी कुछ अराजक तत्वों ने बाबा साहब की मूर्ति को निशाना बनाया। जयंती से एक दिन पहले इस ख़बर ने लोगों को गुस्से से भर दिया लेकिन पुलिस ने फौरन हालात संभाल लिए। लोगों को शांत कराया और आंबेडकर प्रतिमा को फिर से बनाने का काम शुरू हो गया लेकिन मूर्ति तोड़ी किसने इसका पता नहीं है चल पाया।

आज गोंडा के जिस चौराहे पर आंबेडकर जयंती मनाई जानी हैं। उस चौराहे पर गुब्बारों के बीच सजी अंबेडकर प्रतिमा पर रात भर पुलिसवाले पहरा देते रहे। अंबेडकर चौक पर पूरी रात पुलिस चौकन्नी रही ताकि कोई माहौल ख़राब करने के लिए यहां आंबेडकर की मूर्ति को निशाना ना बना सके। अंबेडकर जयंती से पहले माहौल बिगाड़ने की साज़िश ग्रेटर नोएडा में भी हुई जहां बिसरख थाने के रिक्षपालगढ़ी गांव में कुछ लोगों ने बाबा साहेब की प्रतिमा को निशाना बनाया। ये देखते ही रिक्षपालगढ़ी गांव में लोगों की भीड़ बढ़ने लगी लेकिन पुलिस भी चौकन्नी थी। फौरन मौके पर पहुंचकर हालात काबू में कर लिया।

अंबेडकर जयंती पर सबसे ज़्यादा पहरा यूपी के मेरठ में हैं। वो शहर जिसे दलित हिंसा के नाम पर जमकर जलाया गया था वहां अंबेडकर जयंती के एक दिन पहले से फ्लैग मार्च शुरू हो गया। मेरठ में आरपीएफ की 3 और पीएसी की 5 कंपनियां तैनात हैं। 3400 पुलिसवालों को सड़कों पर उतारा गया है। मोर्चा संभालने वालों में स्पेशल पुलिस की 30 टीम भी हैं। कल रात 10 बजे से लेकर आज रात 8 बजे कर इंटरनेट भी बंद है। अंबेडकर जयंती के एक दिन पहले राजस्थान के अलवर की सड़कों पर भी सायरन बजाती पुलिस की गाड़ियां दौड़ रही हैं। साथ ही में क्यूआरटी की टीम भी तैनात है। धारा 144 लागू है तो आज किसी को भी शोभा यात्रा निकालने की इजाज़त नहीं है हालांकि दलित समाज ने यहां सभा का आयोजन ज़रूर किया है।

इसके अलावा राजस्थान के भरतपुर, धौलपुर में भी फ्लैग मार्च किया गया है। अंबेडकर जयंती से पहले भिंड और मुरैना में भी पुलिस ने फ्लैग मार्च किया है। भिंड और मुरैना में धारा 144 लागू है, रात 8 बजे तक इंटरनेट सेवा भी बंद है। कुल मिलाकर अंबेडकर जयंती से पहले देश के कई शहरों को किले में तब्दील कर दिया गया है और उन लोगों पर हर मुमकिन एक्शन की तैयारी है जो करोड़ों लोगों के मन में रचे बसे भीवराव अंबेडकर की आड़ में माहौल बिगाड़ने की साज़िश में हैं।

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