Friday, April 19, 2024
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PM मोदी से मुलाकात को ममता बनर्जी ने ‘‘शिष्टाचार भेंट’’ बताया, कहा- प. बंगाल से जुड़े मुद्दों पर करेंगे बात

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से होने वाली मुलाकात को ‘‘शिष्टाचार भेंट’’ बताया।

Bhasha Written by: Bhasha
Published on: September 17, 2019 19:50 IST
Mamata Banerjee- India TV Hindi
Image Source : PTI Mamata Banerjee

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से होने वाली मुलाकात को ‘‘शिष्टाचार भेंट’’ बताते हुए कहा कि वह इस दौरान राज्य से जुड़े कई मुद्दों को उनके सामने उठाएंगी, जिसमें राज्य को मिलने वाला कोष का मुद्दा अहम है। मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी के लिए रवाना होने से पहले हवाईअड्डे पर संवाददाताओं से बातचीत में बनर्जी ने कहा कि वह राज्य के नाम में परिवर्तन, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय जैसे मुद्दों को उठाएंगी। 

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी की उनकी यात्रा ‘नियमित कामकाज’ का हिस्सा है। दोनों नेताओं के बीच मुलाकात को लेकर बने माहौल के बीच उनकी यह टिप्पणी आई है। हाल के आम चुनाव से ही उनके रिश्ते अच्छे नहीं है। राज्य सचिवालय के सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री की मुलाकात बुधवार शाम साढ़े चार बजे होनी है। 

तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ने कहा, ‘‘मैं अमूमन दिल्ली नहीं जाती हूं। मैं कहीं भी इसलिए नहीं जाती हूं, क्योंकि यहां पर मेरे पर कुछ जिम्मेदारियां हैं। हमें कुछ प्रशासनिक कारणों से नयी दिल्ली जाना पड़ रहा है, क्योंकि यह राजधानी है और वहीं पर संसद है, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री वहीं रहते हैं। इसलिए हमें वहां जाने की जरूरत है। यह नियमित काम का हिस्सा है।’’ 

बनर्जी ने कहा, ‘‘इस बार मैं उस पैसे के बारे में बात करने जा रही हूं जो पश्चिम बंगाल को मिलना चाहिए। मैं पश्चिम बंगाल का नाम बदलने जैसे मुद्दे भी उठाऊंगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ संकट से जूझ रहे एयर इंडिया, बीएसएनएल और रेलवे का मुद्दा, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का विलय जैसे मुद्दों को उठाएंगी। इन लोगों (इन संगठनों के कर्मचारी) की सुनवाई जब कहीं नहीं हुई तो वे हमारे पास आए।’’ 

केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल का नाम बांग्ला करने के राज्य सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी देने से इनकार कर दिया था। केंद्र ने कहा था कि इस कदम के लिए संविधान संशोधन की आवश्यकता है। इसके बाद बनर्जी ने जुलाई में प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मुद्दे को उठाया था और उनसे मामले में शीघ्रता बरतने की अपील की थी। 

पत्र में कहा गया था, ‘‘मैं आपसे से फिर से अनुरोध करती हूं कि राज्य का नाम अंग्रेजी, हिन्दी और बंगाली में ‘बांग्ला’ करने के पश्चिम बंगाल के लोगों की इच्छाओं को स्वीकार कर लें। यही बात पश्चिम बंगाल विधानसभा के प्रस्ताव और पश्चिम बंगाल मंत्रिमंडल के प्रस्ताव में भी उल्लेखित है।’’ गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा को सूचित किया था कि केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल का नाम बदलने को मंजूरी नहीं दी है। इसके बाद बनर्जी ने पत्र लिखा था। 

बनर्जी ने मोदी के 69वें जन्मदिन पर उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। मोदी और बनर्जी की यह मुलाकात राजनीतिक सरगर्मी की पृष्ठभूमि में हो रही है, क्योंकि बनर्जी संसदीय चुनाव के वक्त से ही मोदी और भाजपा की कड़ी आलोचक रही हैं। उन्होंने मई में मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भी हिस्सा नहीं लिया था और जून में नीति आयोग की बैठक से भी दूर रही थीं। 

बनर्जी और मोदी की पिछली मुलाकात 25 मई 2018 को शांतिनिकेतन में विश्व भारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में हुई थी। यह बैठक ऐसे वक्त में हो रही है जब बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कई नेता और कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार सारदा और पोंजी योजना के घोटाले के सिलसिले में सीबीआई जांच का सामना कर रहे हैं।

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