Saturday, April 20, 2024
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मेजर गोगोई को कश्मीर घाटी से भेजा जाएगा बाहर, स्थानीय महिला से ‘‘दोस्ती करने’’ का मामला

वर्ष 2017 में ‘मानव ढाल विवाद’ को लेकर चर्चा में आए मेजर लीतुल गोगोई को वरिष्ठता में कटौती का सामना करना पड़ेगा और उन्हें कश्मीर घाटी से बाहर भेजा जाएगा क्योंकि सेना मुख्यालय ने उनके एक स्थानीय महिला से ‘‘दोस्ती करने’’ के मामले में सजा की पुष्टि कर दी है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: May 05, 2019 19:59 IST
Major Leetul Gogoi- India TV Hindi
Major Leetul Gogoi

श्रीनगर: वर्ष 2017 में ‘मानव ढाल विवाद’ को लेकर चर्चा में आए मेजर लीतुल गोगोई को वरिष्ठता में कटौती का सामना करना पड़ेगा और उन्हें कश्मीर घाटी से बाहर भेजा जाएगा क्योंकि सेना मुख्यालय ने उनके एक स्थानीय महिला से ‘‘दोस्ती करने’’ के मामले में सजा की पुष्टि कर दी है। अधिकारियों ने यह जानकारी रविवार को यहां दी। उन्होंने कहा कि कोर्ट मार्शल में गोगोई और उनके चालक समीर मल्ला को दो आरोपों-निर्देशों के विपरीत एक स्थानीय महिला से ‘‘दोस्ती करने’’ और ‘‘अभियान क्षेत्र में रहने के दौरान अपनी ड्यूटी की जगह से दूर रहने’’ में दोषी पाया था।

मल्ला की यूनिट के कंपनी कमांडर को उसकी सजा पर फैसला लेने के लिए अधिकृत किया गया है जिसमें उसे ‘‘कड़ी फटकार’’ लगाई जा सकती है। मल्ला पर अनधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने का आरोप था। वर्ष 2017 में मल्ला प्रादेशिक सेना में भर्ती हुआ था और वह जम्मू कश्मीर में आतंकवाद रोधी अभियान में शामिल राष्ट्रीय राइफल्स के 53 सेक्टर में तैनात था। अधिकारियों ने बताया कि कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया की सेना मुख्यालय ने पुष्टि की जिसके बाद गोगोई को कश्मीर घाटी से बाहर भेजने का फैसला किया गया। उन्होंने बताया कि अंतिम आदेश बिल्कुल हाल में प्राप्त हुए।

अधिकारियों ने बताया कि फरवरी की शुरुआत में मेजर गोगोई और उनके चालक के खिलाफ ‘समरी ऑफ एवीडेंस’ के पूरा होने के बाद कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया शुरू हुई थी। उन्होंने बताया कि सैन्य अदालत ने दोनों आरोपियों तथा गवाहों के बयान दर्ज किए थे और सजा दी गई है जिसकी विवेचना सेना मुख्यालय ने की है। मेजर गोगोई और उनके चालक को जम्मू कश्मीर पुलिस ने पिछले साल 23 मई को तब पकड़ा था जब उनका होटल स्टाफ से विवाद हो गया था। गोगोई 18 वर्षीय एक महिला के साथ होटल में कथित प्रवेश की कोशिश कर रहे थे और इसी बात को लेकर होटल के कर्मचारियों से उनका झगड़ा हुआ था।

महिला ने कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया के दौरान गवाही देने के प्रति अनिच्छा जताई थी और सेना के अधिकारियों को सूचित किया था कि उसने मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दिया था तथा इसे ही उसका अंतिम रुख माना जाए। महिला ने यह भी कहा था कि वह मेजर गोगाई के साथ अपनी मर्जी से गई थी। उसने खुलासा किया था कि वह सेना अधिकारी के उबैद अरमान नाम से बने उनके फर्जी फेसबुक प्रोफाइल के जरिए उनकी दोस्त बनी थी।

पिछले साल हुई इस घटना के तुरंत बाद सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा था कि यदि मेजर गोगोई ‘‘किसी अपराध’’ के दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें कड़ी सजा दी जाएगी। जनरल रावत ने कहा था, ‘‘भारतीय सेना का कोई अधिकारी यदि किसी अपराध का दोषी पाया जाता है तो हम हरसंभव कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेंगे।’’ मेजर गोगोई तब सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने नौ अप्रैल 2017 को बडगाम में एक उपचुनाव के दौरान पथराव कर रही अनियंत्रित भीड़ का सामना करने के लिए एक व्यक्ति को जीप के बोनट पर बांध दिया था।

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