Friday, April 19, 2024
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200 साल बाद 'कोरेगांव युद्ध' पर पुणे में कोहराम, राहुल गांधी ने बीजेपी और RSS पर किया तीखा हमला

एक जनवरी 1818 यानि ठीक दो सौ साल पहले कोरेगांव में हुई जंग को लेकर पुणे एक बार फिर जंग का मैदान बन गया...

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: January 03, 2018 12:04 IST
koregaon violence- India TV Hindi
koregaon violence

मुंबई: पुणे के कोरेगांव और महाराष्ट्र के कई जिलों में हुई हिंसा के खिलाफ दलित संगठनों ने कल राज्य बंद का ऐलान किया है। इस बीच खबर आ रही है कि हिंसा वाली ज्यादातर जगहों में हालात पर काबू पा लिया गया है। हिंसा पर उतारू लोगों को पुलिस ने हटा दिया है। महाराष्ट्र के करीब आधा दर्जन जिलों और मुंबई के कई इलाकों में हिंसा और तोड़फोड़ हुई। इस मामले में शिवजागर प्रतिष्ठान के संभाजी भिड़े और हिंदू जनजागरण समिति के मिलिंद एकबोटे के खिलाफ केस दर्ज हुआ और 100 लोगों को हिरासत में लिया गया।

राहुल गांधी का बीजेपी-RSS पर हमला

पुणे हिंसा पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बीजेपी-आरएसएस पर हमला बोला है। राहुल ने दलित समाज को निचले स्तर पर रखने की विचारधारा को थोपने का आरोप मढ़ा है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा, RSS/BJP के फासीवादी दृष्टिकोण का केंद्रीय स्तंभ यह है कि दलित भारतीय समाज में निचले स्तर पर बने रहने चाहिए। ऊना, रोहित वेमुला और अब भीमा-कोरेगांव इस प्रतिरोध के प्रबल संकेत हैं।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लोगों से शांति बरतने की अपील करते हुए सोशल मीडिया के ज़रिए फैलाई जा रही अफवाहों पर ध्यान नहीं देने को कहा है। महाराष्ट्र सरकार हिंसा की वजह का पता लगाने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट से एक सिटिंग जज की कमेटी बनाने की गुजारिश करेगी। जबकि हिंसा में मारे गए युवक के परिजनों को दस लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।

एक बार फिर जंग का मैदान बन गया पुणे

नए साल की शुरूआत महाराष्ट्र के कई जिलों में जातीय हिंसा से हुई। एक जनवरी 1818 यानि ठीक दो सौ साल पहले कोरेगांव में हुई जंग को लेकर पुणे एक बार फिर जंग का मैदान बन गया। कोरेगांव के युद्ध में जिन भारतीयों ने अंग्रेजों का साथ दिया था उनके वंशज जीत का जश्न मनाने यहां जमा हुए। दूसरे पक्ष के लोग भी यहां आए थे। किसी अनहोनी की आशंका से पुलिस का भारी बंदोबस्त था,लेकिन भीड़ का आंकड़ा करीब तीन से साढ़े तीन लाख तक पहुंच गया और अचानक हालात बिगड़ गए। पुलिस की तमाम कोशिशों के बावजूद हिंसा और आगजनी नहीं रुकी..कई गाड़ियों को आग लगा दी गई जबकि एक युवक की हत्या की भी खबर है।

कहां-कहां फैली हिंसा?

pune violence

pune violence

हिंसा की केंद्र को पुणे का भीमा कोरेगांव इलाका था,लेकिन इसकी आग धीरे-धीरे महाराष्ट्र के दूसरे जिलों में भी फैल गई। पुणे से शुरू हुई जातीय हिंसा की इस आग ने औरंगाबाद, बुलढाणा, जालना, अहमदनगर, उस्मानाबाद और नांदेड़ जिलों को भी अपनी चपेट में ले लिया। इसके अलावा मुंबई के मुलुंड, चेंबूर..हिंदमाता, दादर जैसे इलाकों से तोड़फोड़ और जबरन दुकान बंद कराने जाने की खबर आई।

क्या ये कोई सोची समझी साजिश थी?

कोरेगांव युद्ध की सालगिरह पर वैसे तो हर साल पंद्रह-बीस हज़ार लोगों की भीड़ वहां जमा होती थी,लेकिन इस बार तीन-साढ़े तीन लाख लोग कैसे जमा हो गए। कैसे पुणे की आग महाराष्ट्र के इतने जिलों में फैली इसका पता लगाना सरकार के लिए सबसे ज़रूरी हो गया है। क्या ये कोई सोची समझी साजिश थी या महाराष्ट्र को जातीय हिंसा की आग में झोंकने की प्लानिंग की गई..इन सब सवालों का जवाब तलाशने की जिम्मेदारी महाराष्ट्र सरकार ने हाईकोर्ट के सिटिंग जज को देनी वाली है। इसके अलावा युवक की हत्या की जांच सीआईडी से कराने की फैसला किया गया है।

देखिए वीडियो-

CM फडणवीस ने की शांति बरतने की अपील

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने लोगों से शांति बरतने की अपील की है। उन्होंने लोगों से सोशल मीडिया के ज़रिए फैलाई जा रही अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की है। साथ ही राजनीतिक दलों से भी संयम बरतने को कहा है और इस घटना में सियासी रोटी नहीं सेंकने की सलाह दी है।

क्या है कोरेगांव का युद्ध

1 जनवरी 1818 में कोरेगांव की लड़ाई ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और मराठा साम्राज्य के पेशवा गुट के बीच कोरेगांव भीमा में लड़ी गई थी। बता दें कि यही वो जगह है जहां पर अछूत कहलाए जाने वाले महारों ने पेशवा बाजीराव द्वितीय के सैनिकों को मात दे दी थी। ये महार अंग्रेजों की ईस्ट इंडिया कंपनी की ओर से लड़ रहे थे और इसी युद्ध के बाद पेशवाओं के राज का अंत हुआ था।

महाराष्ट्र के गृह राज्यमंत्री बोले, हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा

पुणे के भीमा कोरेगांव में दो गुटों में झड़प के बाद महाराष्ट्र के गृह राज्यमंत्री आज खुद घटनास्थल का दौरा करने के लिए पहुंचे। दीपक केसरकर ने कहा कि हिंसा में मारे गए युवक के परिवार वालों की राज्य सरकार हर मुमकिन मदद करेगी। उन्होंने ये भी ऐलान किया कि हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

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