Tuesday, April 23, 2024
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सुप्रीम कोर्ट ने देवेंद्र फडणवीस सरकार को 24 घंटे के अंदर फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने देवेंद्र फडणवीस सरकार को 24 घंटे के अंदर फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि फडणवीस सरकार को 27 नवंबर को ओपन बैलेट से फ्लोर टेस्ट देना होगा। इसकी वीडियोग्राफी भी होगी। फ्लोर टेस्ट प्रोटेम स्पीकर की देखरेख में ही होगा।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: November 26, 2019 16:09 IST
Devendra Fadnavis- India TV Hindi
Devendra Fadnavis

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने ​महाराष्ट्र के सियासी नाटक पर फैसला सुनाते हुए देवेंद्र फडणवीस सरकार को 24 घंटे के अंदर फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि फडणवीस सरकार को 27 नवंबर को ओपन बैलेट से फ्लोर टेस्ट देना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा है कि पूरी प्रकिया का लाइव प्रसारण हो। कल 5 बजे तक बहुमत परीक्षण कराने का कोर्ट ने आदेश दिया है। फ्लोर टेस्ट प्रोटेम स्पीकर की देखरेख में ही होगा।​ सुप्रीम कोर्ट के 27 नवंबर को महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत परीक्षण के निर्देश को एनसीपी नेता नवाब मलिक ने भारतीय लोकतंत्र में मील का पत्थर बताया है। उन्होंने कहा कि 27 नवंबर को शाम 5 बजे यह साफ हो जाएगा कि बीजेपी का खेल खत्म हो चुका है। कुछ दिन में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस सरकार महाराष्ट्र में बन जाएगी।

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बता दें कि शनिवार को देवेंद्र फडणवीस ने सुबह-सुबह मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली थी। एनसीपी नेता अजित पवार ने भी डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी। शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करके इस पर फैसला सुरक्षित रख लिया था और आज सुबह 10.30 बजे इस पर फैसला सुना दिया।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले में फडणवीस सरकार को फ्लोर टेस्ट के लिए मोहलत मिलती है या नहीं, इस पर सबकी नजरें टिकी हुई थी। दूसरी तरफ आज संसद में महाराष्ट्र का मुद्दा फिर से गूंजने वाला है। महाराष्ट्र में सियासी जोड़ तोड़ को लेकर हंगामे के आसार बने हुए हैं।

न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष शिवसेना की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके गठबंधन के पास 154 विधायकों के हलफनामे हैं और अगर बीजेपी के पास बहुमत है तो उसे 24 घंटे के भीतर अपना बहुमत सिद्ध करने के लिये कहा जाना चाहिए।

केन्द्र ने पीठ से कहा कि 23 नवंबर को सबसे बड़े दल को सरकार गठित करने के लिये आमंत्रित करना राज्यपाल का विवेकाधिकार था। सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि महाराष्ट्र के राज्यपाल को सरकार गठित करने के लिये घूम घूम कर यह पता लगाने की आवश्यकता नहीं है कि किस दल के पास बहुमत है।

इससे पहले कल शरद पवार ने 162 विधायकों की परेड कराकर अपना पावर तो दिखा दिया लेकिन बीजेपी दावा कर रही है कि विधायकों की ये फोटो अधूरी है जिसे वो पूरा करेगी। सवाल ये है कि अगर शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस के साथ 162 विधायक है तो नई नवेली फडणवीस सरकार का सियासी मुस्तकबिल क्या होने वाला है। अगर सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट जल्द कराने का आदेश दिया तो तस्वीर साफ हो जाएगी कि किसके दावे में दम है। यानि किसके साथ कितने विधायक खड़े हैं।

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