Saturday, April 20, 2024
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'SC-ST लोगों के साथ नरम रवैया' अपनाने को लेकर जारी की गई एडवाइजरी पर हुआ विवाद

मध्य प्रदेश पुलिस प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों को एक एडवाइजरी जारी कर SC-ST वर्ग के व्यक्तियों के साथ नरम रवैया अपनाने को कहा है। एडवाइजरी के मुताबिक कानून के मुताबिक ही एससी एसटी वर्ग के व्यक्तियों की गिरफ्तारी की जाए साथ ही किसी भी अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के व्यक्ति के साथ मारपीट ना की जाए।

Anurag Amitabh Written by: Anurag Amitabh @anuragamitabh
Published on: November 06, 2019 15:47 IST
Representational pic- India TV Hindi
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भोपाल: मध्य प्रदेश पुलिस प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों को एक एडवाइजरी जारी कर SC-ST वर्ग के व्यक्तियों के साथ नरम रवैया अपनाने को कहा है। एडवाइजरी के मुताबिक कानून के मुताबिक ही एससी एसटी वर्ग के व्यक्तियों की गिरफ्तारी की जाए साथ ही किसी भी अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के व्यक्ति के साथ मारपीट ना की जाए। भाजपा ने इस एडवाइजरी के जरिए कमलनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा डीजीपी के द्वारा जारी की गई इस एडवाइजरी ने साबित कर दिया है कि कमलनाथ सरकार में इस वर्ग के लोगों के साथ दुर्व्यवहार होता आया है।

मध्यप्रदेश में कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालने वाले पुलिस प्रमुख की एक एडवाइजरी ने मध्यप्रदेश में सियासत गर्मा दी है। सूबे के डीजीपी वीके सिंह द्वारा सभी जिले के एसपी को जारी इस एडवाइजरी में निर्देशित किया गया है एससी एसटी वर्ग के लोगों के साथ किसी भी प्रकार का अभद्र व्यवहार ना किया जाए ना ही मारपीट की जाए। साथ ही कानून के मुताबिक ही इस वर्ग के लोगों की गिरफ्तारी की जाए। लेकिन सुबह के डीआईजी द्वारा जारी की गई इस एडवाइजरी के सामने आते ही भाजपा ने कमलनाथ सरकार पर निशाना साध लिया और कहा डीजीपी की ये एडवाइजरी साबित करती है कि मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों के साथ दुर्व्यवहार हो रहा है।

DGP Advisory

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पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक विश्वास सारंग ने कहा, ''देखिए हम तो पहले से कहते आए हैं कि मध्य प्रदेश में कानून व्यवस्था बद से बदतर हो चुकी है। थानों के हालात शायद देश के इतिहास में इससे पहले इतने खराब नहीं हुए होंगे। और इसका सीधा कारण है कि आईजी से लेकर थानेदार तक की नियुक्ति पैसा लेकर की जाएगी। तो इसी तरह की आबोहवा मध्यप्रदेश में बनेगी यदि डीजीपी ने इस तरह का आदेश दिया है तो इसका मतलब इस बात को स्वीकार करते हैं कि इससे पहले इस वर्ग को लेकर थाने में जिस तरह से अन्याय हो रहा होगा।''

उन्होंने कहा, ''मध्य प्रदेश में कानून व्यवस्थाबद से बदतर हो चुकी है मध्यप्रदेश में संविदा लोगों को मारा जा रहा है छोटी बच्चियों के साथ रेप होता है। अनुसूचित जाति जनजाति कि लोगों के साथ दुर्व्यवहार होता है और उससे भी बड़ी बात यह है कि जब कोई खाने में जाता है तो उसके साथ भी अनर्गल तरीके से व्यवहार किया जाता है। ऐसी स्थिति में शायद डीजीपी को यह पत्र लिखना पड़ा। ये बड़ा शर्मनाक है कि इसको लेकर डीजीपी को पत्र लिखना पड़ा। मुझे लगता है कि डीजीपी का इस तरह से लेटर आया तो गृह मंत्री जी को और मुख्यमंत्री जी को स्पष्टीकरण देना होगा कि यह लेटर लिखने की जरूरत क्यों पड़ी।''

दरअसल सूबे के पुलिस प्रमुख की एडवाइजरी जारी करने की वजह एससी एसटी वर्ग के लोगों के साथ अभद्र व्यवहार और मारपीट किया जाना है जिसके चलते राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग द्वारा गंभीर आपत्ति जताई गई थी। यही वजह है पुलिस प्रमुख ने इस एडवाइजरी के जरिए सभी जिलों केएसपी को निर्देशित किया कोई भी गिरफ्तारी कानून के प्रावधानों और प्रक्रिया के मुताबिक हो पुलिस हिरासत में किसी भी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्तियों के साथ मारपीट ना की जाए। सूबे के गृहमंत्री का मानना है कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिसके चलते ऐसा आदेश निकाला गया होगा कानून सबके लिए बराबर है रही बात भाजपा की तो सरकार हम अपने तरीके से चलाएंगे।

गृहमंत्री एमपी सरकार बाला बच्चन ने कहा, ठीक है ऐसे कई मामले उनके संज्ञान में आए हैं। जहां तक मेरी जानकारी में है यह पूरे देश लेवल पर में तय हुआ है। मीटिंग वगैरह से जो फीडबैक मिला है यह तय हुआ है तो तो ठीक है अगर कोई प्रोटेक्शन देने की बात आती है। और कहीं पर ऐसा कुछ होता है इन वर्ग के लोगों के साथ में। अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों के साथ में कहीं कुछ ऐसी बात आती है। अगर ऐसा आर्ट कहीं कोई आर्डर निकला है तो मैं भी डीजीपी साहब से मीटिंग है उनसे जानकारी लेकर आपको अवगत करा दूंगा। बीजेपी के कहने से हम सरकार नहीं चलाएंगे हमारी सरकार अपने तरीके से चलेगी। देखिए कानून सबके लिए बराबर है बाकी किस आशा से यह किया गया है पहले मैं उनसे बात करूं फिर आपको जानकारी उपलब्ध कराउंगा।

मध्यप्रदेश में अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के लोगों के साथ मारपीट दुर्व्यवहार की बात नई नहीं है लेकिन यह पहली बार है जब सूबे के पुलिस मुखिया ने जाति विशेष को लेकर इस तरीके की एडवाइजरी जारी की है। यही वजह है कि बीजेपी को एक बार फिर कमलनाथ सरकार पर इस एडवाइजरी के जरिए हमला बोलने का मौका मिल गया है।

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