
नई दिल्ली: पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में भारतीय सेना द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान हालातों को लेकर आये दिन कोई न कोई चौंकाने वाले किस्से सामने आते हैं। सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़ी एक और दिलचस्प बात सामने आई है। पुणे में पूर्व नगरोटा कॉर्प्स कमांडर ले. जनरल राजेंद्र निंबोरकर ने खुलासा किया है कि इस सर्जिकल स्ट्राइक में जवानों को तेंदुए की पेशाब से खासा मदद मिली थी।
पुणे में नगरोटा कॉर्प्स कमांडर ले. जनरल राजेंद्र निंबोरकर को इस ऑपरेशन में योगदान के लिए सम्मानित किया गया। उसी दौरान उन्होंने यह खुलासा किया। उन्होंने बताया कि कैसे पाकिस्तान की सीमा में 15 किलोमीटर अंदर जाने के बाद कुत्तों को शांत रखने के लिए तेंदुए के मल-मूत्र का इस्तेमाल किया गया।
There was a possibility of dogs in villages barking at us on the route. I knew they are scared of leopards. We carried leopard urine with us & that worked & dogs didn't dare to come forward: Lt General RR Nimbhorkar, Former Nagrota (J&K) Corps Commander on Surgical Strike (11.09) pic.twitter.com/rHRMUeIBZi
— ANI (@ANI) September 12, 2018
सर्जिकल स्ट्राइक से पहले निंबोरकर ने इलाके की बायोडायवर्सिटी को बारीकी से पढ़ा हुआ था। कार्यक्रम में उन्होंने जानकारी दी कि ‘सेक्टर में रहते हुए हमने देखा कि तेंदुए अक्सर कुत्तों पर हमला करते हैं। खुद को हमले से बचाने के लिए कुत्ते रात को बस्ती में ही रहते हैं। ऐसे में हमले की रणनीति बनाते समय हमें पता था कि रास्ते के गांवों से निकलते वक्त कुत्ते भौंकना शुरू कर सकते हैं और हमला भी कर सकते हैं। इसलिए इससे निपटने के लिए हमारी टुकड़ियां तेंदुए का मल-मूत्र लेकर गईं। उसे गांव के बाहर छिड़क दिया जाता था। यह काम कर गया, क्योंकि कुत्ते उस जगह को छोड़ देते थे।’
उन्होंने आगे बताया कि ‘रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने हमसे ऑपरेशन एक हफ्ते में करने के लिए कहा था। मैंने अपनी टुकड़ियों से एक हफ्ते पहले चर्चा कर ली थी लेकिन जगह के बारे में नहीं बताया। उन्हें हमले से एक दिन पहले पता चला। सीक्रेसी को बरकरार रखा गया था।’ उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन से पाक सेना अधिकारी बुरी तरह घबरा गए थे।