Friday, April 19, 2024
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जवानों की सलामी के पीछे भी होता है गहरा राज, जानते हैं आप?

नई दिल्ली: जमीनी सरहद हो या फिर आकाश की सीमाएं हमारी सुरक्षा को हरपल मुस्तैद रहने वाले जवानों की सलामी भी काफी मायने रखती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि तीनों सेनाओं के जवानों की

India TV News Desk India TV News Desk
Published on: February 10, 2016 18:15 IST
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नई दिल्ली: जमीनी सरहद हो या फिर आकाश की सीमाएं हमारी सुरक्षा को हरपल मुस्तैद रहने वाले जवानों की सलामी भी काफी मायने रखती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि तीनों सेनाओं के जवानों की सलामी एक जैसी नहीं होती है। सेना के जवान की सलामी का तरीका और नेवी के जवान की सलामी का अंदाज एक जैसा नहीं होता है। तीनों सेनाओं की सलामी में एक बारीक अंतर होता है। यह अंतर अपने आप में एक गहरा राज छुपाए हुए होता है। आमतौर पर सलामी देना आदर और सम्मान जताने का एक तरीका होता है। सलामी देना विशेष तौर पर सशस्त्र बलों के साथ जुड़ा होता है। लेकिन इसका इस्तेमाल अन्य संगठन और नागरिकों की ओर से भी किया जाता है। आज हम आपको अपनी खबर में यही बताने की कोशिश करेंगे कि आखिर सेना, नेवी और एयरफोर्स के जवानों की सलामी में इतना अंतर क्यों होता है। आखिर क्या है इनकी अलग अलग सलामी के पीछे का राज। जानिए।  

1. भारतीय थलसेना: जब भारतीय थलसेना सलामी देती है तो उनके हाथ खुले हुए होते हैं और वह सीधे देखकर सलामी देते है। सलामी देते समय सैनिकों के दूसरे हाछ में उनके हथियार होते हैं। सलामी देते समय उनके उंगलियां और अंगूठा साथ में जुड़ा होता है और बीच की उंगली माथे को छूती है इससे सैनिक यह दिखाने का प्रयास करते हैं कि वह अपने सामने खड़ें हुए व्यक्ति का आदर करते है, उस व्यक्ति के लिए सैनिक के मन में कोई हीन भावना नहीं है  और ना ही उसने कोई हथियार छुपाकर रखा हुआ है।

अगली स्लाइड में पढ़ें जलसेना का सलामी देने का तरीका

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