Saturday, April 20, 2024
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J&K के बाद अब कर्नाटक चाहता है अपना अलग झंडा, कांग्रेस सरकार ने बनाई 9 सदस्यीय कमेटी

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने राज्य के लिए एक अलग झंडा बनाने की मुहिम शुरू करके एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने झंडा तय करने के लिए एक कमेटी बना दी है। लेकिन सवाल ये है कि आखिर कर्नाटक सरकार को नया झंडा चाहिए क्यों?

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: July 18, 2017 19:07 IST
karnataka flag controversy- India TV Hindi
karnataka flag controversy

बेंगलुरू: कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने राज्य के लिए एक अलग झंडा बनाने की मुहिम शुरू करके एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने झंडा तय करने के लिए एक कमेटी बना दी है। लेकिन सवाल ये है कि आखिर कर्नाटक सरकार को नया झंडा चाहिए क्यों?

कर्नाटक में अलग झंडे पर सियासी झगड़ा

कर्नाटक विधानसभा में लहरा रहे तिरंगे के साथ-साथ अपनी अलग पहचान के लिए कर्नाटक सरकार एक अलग झंडा चाहती है। वो झंडा कैसा होगा, उसका रंग और डिजाइन कैसा होगा, इसका फैसला एक कमेटी करेगी। लेकिन कर्नाटक के लिए अलग झंडे का मुद्दा छेड़कर वहां की कांग्रेस सरकार ने एक बड़ा विवाद छेड़ दिया है।

अब तक देश में सिर्फ जम्मू-कश्मीर ही एक ऐसा राज्य है जिसका अलग झंडा है क्योंकि संविधान में जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा हासिल है लेकिन कर्नाटक की सरकार ने ऐसी ही मांग छेड़कर बवाल पैदा कर दिया है। बीजेपी ने तो सीधे कांग्रेस आलाकमान से सफाई मांगी है जबकि शिवसेना ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया है।

झंडे से अपनी पहचान चाहता है कर्नाटक

  • असल में कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने  राज्य के लिए झंडा फाइनल करने के लिए नौ सदस्यों की एक कमेटी बना दी है
  • ये कमेटी अलग झंडे का डिजाइन तैयार करेगी और उसे कानूनी मान्यता दिलाने की कोशिश करेगी
  • कर्नाटक सरकार ने इसके लिए बाकायदा नोटिफिकेशन जारी कर दिया है
  • ये कमेटी कन्नड़ा विकास और संस्कृति विभाग के सचिव की अध्यक्षता में बनी है

कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया आलोचकों से पूछ रहे हैं कि संविधान में ऐसा कहां लिखा है कि राज्य का अलग झंडा नहीं हो सकता। उन्होंने कहा, क्या संविधान में ऐसा कोई प्रावधान है जोकि राज्य को अपने झंडे से रोकता हो..?  क्या कोई प्रावधान है?  क्या आप ऐसा कोई प्रावधान बता सकते हैं? क्या बीजेपी के लोग ऐसा कोई प्रावधान बता सकते हैं?

'कन्नड़ का भावनात्मक मुद्दा'

अब सवाल ये पैदा होता है कि आखिर अचानक कर्नाटक सरकार को अपना झंडा लहराने की क्या सूझी? असल में इस तरह के पीले और लाल रंग के झंडे से कन्नड़ लोग भावनात्मक जुडा़व महसूस करते हैं।

पिछले दिनों कर्नाटक की एक म्यूनिसिपैलिटी में कन्नड़ संगठनों ने ये झंडा लहराया तो विवाद कोर्ट तक चला गया। कोर्ट ने सरकार से इस मुद्दे पर अपना रुख साफ करने को कहा था। कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि क्या इस झंडे को मान्यता दी जा सकती है? इसी के बाद राज्य सरकार ने झंडे से जुड़े तमाम पहलुओं की स्टडी के लिए 9 सदस्यों की कमेटी बना दी।

'संविधान में अलग झंडे पर पाबंदी नहीं'  

कानून के जानकार भी कह रहे हैं कि संविधान में ऐसी कोई पाबंदी नहीं है कि राज्य अपना अलग झंडा नहीं लगा सकते जबकि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार इसे कन्नड़ सेंटिमेंट से जोड़ रही है।

इस मसले पर फ्लैग कोड का हवाला भी दिया जा रहा है जिसके मुताबिक देश में राज्यों के अलग झंडे नहीं हो सकते लेकिन कर्नाटक में ये मुद्दा संवेदनशील है क्योंकि 2012 में बीजेपी की सरकार के समय भी तब ये मांग जोर शोर से उठी थी। अब चुनावी साल में सिद्धारमैया सरकार इस मामले में आगे बढ़ गई है।

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