Thursday, April 25, 2024
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करतारपुर कॉरिडोर: पासपोर्ट की आवश्यकता पर भ्रम बरकरार, सिद्धू को पाकिस्तान जाने की मंजूरी मिली

भारत ने पाकिस्तान द्वारा करतारपुर कॉरिडोर पर जारी किए गए वीडियो पर ‘‘कड़ी आपत्ति’’ जताई है जिसमें जरनैल सिंह भिंडरांवाले सहित तीन खालिस्तानी अलगाववादी नेताओं की तस्वीरें दिखाई गई हैं।

Bhasha Reported by: Bhasha
Updated on: November 07, 2019 23:10 IST
Kartarpur Corridor- India TV Hindi
Image Source : PTI करतारपुर कॉरिडोर: पासपोर्ट की आवश्यकता पर भ्रम बरकरार, सिद्धू को पाकिस्तान जाने की मंजूरी मिली

नई दिल्ली/इस्लामाबाद। बहुप्रतीक्षित करतारपुर गलियारे के शनिवार को होने वाले उद्घाटन से पहले गुरुद्वारा दरबार साहिब जाने वाले भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए पासपोर्ट आवश्यक होने या न होने को लेकर पाकिस्तान की ओर से गुरुवार को विरोधाभासी खबरें आईं। वहीं, नयी दिल्ली ने पाकिस्तान को आगाह किया कि वह गलियारे की आड़ में किसी भारत विरोधी दुष्प्रचार से दूर रहे।

उधर, एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में पंजाब के विधायक नवजोत सिंह सिद्धू को कई बार के आग्रह के बाद करतारपुर गलियारे के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए पाकिस्तान जाने की आज राजनीतिक मंजूरी प्रदान कर दी गई। इससे पहले, विदेश मंत्रालय ने सिद्धू के मुद्दे पर कहा कि किसी व्यक्ति को खास महत्व देना ‘‘अत्यंत ऐतिहासिक आयोजन’’ के साथ न्याय नहीं होगा।

बाद में, अधिकारियों ने कहा कि कांग्रेस विधायक को उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए पाकिस्तान जाने की राजनीतिक मंजूरी प्रदान कर दी गई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने पत्रकारों से कहा कि भारत द्वारा सौंपी गई उद्घाटन जत्थे में शामिल 550 प्रतिनिधियों की सूची की पाकिस्तान ने अभी पुष्टि नहीं की है।

उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान को तीर्थयात्रियों की सूची की पुष्टि यात्रा से कम से कम चार दिन पहले करनी थी। परसों यात्रा होनी है, इसलिए हम समझते हैं कि पाकिस्तान को सौंपे गए सभी नामों की पुष्टि हो गई है और उसी के अनुसार हमने सूचित किया है कि जत्थे में कौन-कौन शामिल हैं।’’

कुमार ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान द्वारा करतारपुर कॉरिडोर पर जारी किए गए वीडियो पर ‘‘कड़ी आपत्ति’’ जताई है जिसमें जरनैल सिंह भिंडरांवाले सहित तीन खालिस्तानी अलगाववादी नेताओं की तस्वीरें दिखाई गई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम तीर्थयात्रा की भावना को कमतर करने की पाकिस्तान की कोशिश की निन्दा करते हैं।’’

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि भारत ने विवादित वीडियो को हटाने तथा भारत विरोधी दुष्प्रचार के लिए बांटी जा रही कुछ प्रकाशन सामग्री को वापस लेने की मांग की है। उन्होंने पाकिस्तान से यह भी कहा कि वह आयोजन में शामिल होने वाली भारतीय हस्तियों के लिए पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करे।

भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए पासपोर्ट की आवश्यकता पर भी पाकिस्तान से विरोधाभासी खबरें आईं। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने कहा कि भारत से करतारपुर आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए पासपोर्ट दिखाना अनिवार्य होगा। वहीं, पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने इसका खंडन किया और कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुद्वारे आने वाले भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को एक साल के लिए पासपोर्ट की शर्त से छूट प्रदान की है।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस पर सावधानीपूर्ण प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यात्रा को लेकर दोनों देशों ने तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं और भारत इस पर दृढ़ रहेगा। कुमार ने कहा, ‘‘आपने यात्रा के लिए आवश्यक चीजों पर पाकिस्तान से आ रही विरोधाभासी खबरें देखी होंगी। यहां तक कि आज भी भ्रम की स्थिति बरकरार रही क्योंकि पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कुछ और बयान दिया, जबकि डीजी आईएसपीआर ने कुछ और ट्वीट किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि हम अवगत हैं एक द्विपक्षीय दस्तावेज है जिस पर भारत और पाकिस्तान के बीच हस्ताक्षर हुए हैं जिसमें बहुत स्पष्ट रूप से दर्ज है कि यात्रा के लिए कौन से दस्तावेज जरूरी हैं। मौजूदा एमओयू में कोई भी संशोधन एकतरफा नहीं हो सकता। इसमें दोनों पक्षों की सहमति की जरूरत होगी।’’

कुमार ने कहा कि भारत मौजूदा एमओयू में निर्दिष्ट जरूरतों का पालन करेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘इसलिए जो नौ नवंबर और उसके बाद यात्रा करेंगे, उन्हें तब तक एमओयू में दी गई चीजों का पालन करना चाहिए जब तक कि इसकी समीक्षा या इसे संशोधित नहीं किया जाता है।’’

पासपोर्ट को लेकर भ्रम पैदा करने पर पाकिस्तान पर हमला बोलते हुए कुमार ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि उसने ‘‘छूट’’ दी है। उन्होंने कहा, ‘‘हम शुरू से ही इस पहल के साथ बहुत ही खुले दिमाग से अत्यंत सकारात्मक रूप से आगे बढ़े हैं क्योंकि हमने महसूस किया कि इसमें सिख समुदाय तथा अन्य धर्मों के सदस्यों की भावनाएं शामिल हैं। इसमें धर्म का मामला शामिल है।’’

कुमार ने कहा, ‘‘पाकिस्तान की तरफ से हमें बार-बार आश्वासन दिया जाता रहा है कि वे तीर्थयात्रा के दौरान और आयोजन के दौरान भारत विरोधी तत्वों, भारत विरोधी दुष्प्रचार को अनुमति नहीं देंगे। उन्हें अब उस भावना पर दृढ़ रहना चाहिए जिस पर वे सहमत हुए हैं।’’

पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने अपने साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारतीय सिखों के लिए पासपोर्ट की शर्त में एक साल के लिए छूट दी गई है। फैसल ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने श्रद्धालुओं के आने से 10 दिन पहले पाकिस्तानी सरकार को तीर्थयात्रियों की जानकारी मुहैया कराने की आवश्यकता से भी छूट दे दी है और इसके साथ ही नौ तथा 12 नवंबर को आने वाले श्रद्धालुओं से 20 अमेरिकी डॉलर (लगभग 1400 रुपये) का शुल्क भी नहीं लिया जाएगा। इससे पहले, पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा कि करतारपुर साहिब आने वाले भारतीय तीर्थयात्रियों को करतारपुर गलियारे का इस्तेमाल करने के लिए पासपोर्ट की जरूरत होगी।

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