Tuesday, March 19, 2024
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मध्य प्रदेश : भाजपा चाहती है बहुमत साबित करे कमलनाथ सरकार, कांग्रेस ने मंत्रिमंडल विस्तार पर शुरू किया काम

एग्जिट पोल्स में नरेंद्र मोदी सरकार की वापसी होती देख एक तरफ जहां मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने शक्ति परिक्षण की मंशा से विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है, तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी ने अपने सहयोगी दलों बसपा और सपा के विधायकों को मंत्रिमंडल में स्थान देने के उद्देश्य से मंत्रिंडल विस्तार के प्रयास तेज कर दिए हैं।

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: May 20, 2019 21:31 IST
शिवराज- India TV Hindi
मध्य प्रदेश में घमासान

भोपाल। एग्जिट पोल्स में नरेंद्र मोदी सरकार की वापसी होती देख एक तरफ जहां मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने शक्ति परिक्षण की मंशा से विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है, तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी ने अपने सहयोगी दलों बसपा और सपा के विधायकों को मंत्रिमंडल में स्थान देने के उद्देश्य से मंत्रिंडल विस्तार के प्रयास तेज कर दिए हैं।

राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने कहा कि लोकसभा चुनावों के बाद अब भाजपा ने प्रदेश में कांग्रेस सरकार पर हमला शुरू कर दिया है, वहीं कांग्रेस राज्य मंत्रिमंडल विस्तार में तेजी लाने के लिए पूरी तरह तैयार है। प्रदेश कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि लोकसभा चुनाव के बाद होने वाले कांग्रेस सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में बसपा विधायक संजीव सिंह कुशवाह, सपा विधायक राजेश शुक्ला और निर्दलीय विधायक सुरेन्द्र सिंह को स्थान दिये जाने की उम्मीद है।

प्रदेश में 230 कुल विधायकों के 15 प्रतिशत के हिसाब से मंत्रिमंडल में अधिकतम 34 सदस्य हो सकते हैं, जबकि प्रदेश में फिलहाल 25 कैबिनेट मंत्री हैं।  प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया, ‘‘लोकसभा चुनाव के परिणामों के बाद भी प्रदेश में हमारी सरकार को भाजपा से कोई खतरा नहीं है। मध्यप्रदेश विधानसभा में स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के चुनाव में यह दोनों पद जीतकर हमारी पार्टी ने दो दफा अपनी ताकत साबित कर दी है।’’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार की ताकत के परीक्षण के लिये राज्यपाल से विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव का उद्देश्य अपनी ही पार्टी के नेता शिवराज सिंह चौहान को छोटा दिखाना और स्वयं को सुर्खियों में लाना है। उन्होंने कहा कि यह भार्गव और चौहान के बीच पहले की लड़ाई है। इसमें चौहान नेता प्रतिपक्ष : बनना चाहते थे, लेकिन भाजपा ने उन्हें यह पद नहीं देते हुए पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाकर उन्हें प्रदेश की राजनीति से दूर कर दिया क्योंकि वह विधानसभा चुनावों में मध्यप्रदेश में भाजपा को बेहतर परिणाम नहीं दिला सके थे।

नवंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में कुल 230 सीटों में से कांग्रेस ने 114 सीटों पर जीत हासिल की और भाजपा 109 सीटें पाकर दूसरे स्थान पर थी। कांग्रेस ने दो बसपा, एक सपा और चार निर्दलीय विधायकों के समर्थन से प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में सरकार बनायी।

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री कमलनाथ मंगलवार को पार्टी विधायकों और लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश से कांग्रेस उम्मीदवारों की एक बैठक करने वाले हैं। बैठक में लोकसभा चुनाव पर उम्मीदवारों की प्रतिक्रिया और 23 मई को चुनाव परिणामों के बाद पार्टी की रणनीति तय करने के लिये विचार विमर्श किया जायेगा।

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