Friday, April 26, 2024
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अगर सभी राज्य चाहें तो 25 रुपए सस्ता हो जाएगा पेट्रोल-डीजल!

अगर पेट्रोल जीएसटी के तहत आ जाता है, तो एक्साइज ड्यूटी और राज्यों की तरफ से लगने वाला वैट खत्म हो जाएगा। नई टैक्स नीति के तहत डीलर कमीशन जुड़ने के बाद एक लीटर पेट्रोल की कीमत 33.66 रुपए हो जाती है। इसमें 28 फीसदी जीएसटी जोड़ने पर आपको 9.42 रुपये और

India TV News Desk Edited by: India TV News Desk
Updated on: October 26, 2017 15:17 IST
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नई दिल्ली: पेट्रोल डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों के बीच लगातार यह मांग होती रही है कि पेट्रोलियम उत्पादों को भी जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के दायरे में लाया जाए। एक महीने पहले जब पेट्रोल-डीजल की कीमतें अपने उच्चतम स्तर पर थी, उस वक्त पेट्रोलियम मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान ने भी कहा था कि पेट्रोलियम उत्पाद को जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए। अब वित्त मंत्री ने इस मामले को राज्यों के पाले में डाल दिया है। अरुण जेटली ने कहा है कि केंद्र सरकार पेट्रोलियम उत्पादों पर जीएसटी लागू करना चाहती है लेकिन राज्य सरकारें इस पर राजी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी में शामिल करने के लिए सभी राज्यों की सहमति होनी जरूरी है।

जानकारों के अनुसार अगर पेट्रोल और डीजल जीएसटी के दायरे में आ जाते हैं और सरकार इन पर सबसे अधिक टैक्स 28 प्रतिशत भी लगाती है तो यह 20 से 25 रुपए प्रति लीटर तक सस्ते हो जाएंगे। जीएसटी में आने के बाद पेट्रोल 50 रुपए लीटर के अन्दर और डीजल 45 रुपए लीटर के अन्दर आ जाएगा। ऐसा होने से महंगाई भी नियंत्रित हो जाएगी। 28 फीसदी टैक्स वसूले जाने पर एक लीटर पेट्रोल आपको दिल्ली में करीब 43 रुपये में पड़ेगा जोकि पेट्रोल की मौजूदा कीमतों से लगभग आधा है।

जीएसटी में आने के बाद संभावित दरें

सरकारों द्वारा अगर पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है तो सरकार किसी भी प्रकार से इन पर 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत जीएसटी भी लगा ले तो संभावित रूप से पेट्रोल 42 से 50 रुपए लीटर, प्रीमियम 50 से 55 रुपए एवं डीजल 42 से 45 रुपए के अंदर आ जाएगा। ऐसा होने से अन्य राज्यों में दाम को लेकर चल रही प्रतिस्पर्धा भी समाप्त हो जाएगी और कोई भी कहीं से भी पेट्रोल और डीजल को भरवा सकेगा।

खत्म हो जाएगा एक्साइज और वैट

अगर पेट्रोल जीएसटी के तहत आ जाता है, तो एक्साइज ड्यूटी और राज्यों की तरफ से लगने वाला वैट खत्म हो जाएगा। नई टैक्स नीति के तहत डीलर कमीशन जुड़ने के बाद एक लीटर पेट्रोल की कीमत 33.66 रुपए हो जाती है। इसमें 28 फीसदी जीएसटी जोड़ने पर आपको 9.42 रुपये  और देने होंगे। इस तरह 1 लीटर पेट्रोल दिल्ली में आपको 43.08 रुपये में मिलेगा।

41 रुपये का मिलेगा एक लीटर डीजल

डीजल की बात करें, तो डीलर कमीशन जुड़ने के बाद यह 32.15 रुपये हो जाता है। इसमें 28 फीसदी जीएसटी जोड़ा जाए, तो 9.02 रुपये और जुड़ेगा। इस तरह 1 लीटर डीजल आपको महज 41.17 रुपये में मिलेगा।

कच्चे तेल की कीमतों का कम होगा दबाव

अगर पेट्रोल और डीजल जीएसटी के तहत आ जाएंगे, तो उनकी कीमत मौजूदा कीमतों से सीधे आधी हो जाएंगी। इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतों में बदलाव होने पर भी आम आदमी की जेब पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ेगा।

तो क्या जीएसटी है एकमात्र समाधान?

हालांकि ईंधन की बढ़ती कीमतों से निपटने के लिए यह सबसे सरल समाधान हो सकता है, लेकिन पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी में शामिल करना देश के अच्छे अर्थव्यवस्था के लिए वास्तव में अच्छा समाधान नहीं हो सकता। जैसा कि बताया गया है, इस तरह के कदम से राजस्व में बड़ी गिरावट आएगी और राज्य का खज़ाना खाली होता चला जाएगा।

वास्तव में, जीएसटी में पेट्रोलियम को शामिल नहीं करने के पीछे सरकार का तर्क है कि इससे राज्यों को राजस्व के नुकसान से बचाना है। मसला, देश की राजधानी दिल्ली एक लीटर पेट्रोल की बिक्री से 27 फीसदी वैट अर्जित करती है। इसके साथ ही, केंद्र सरकार द्वारा शुल्क लगाए गए एक्साइज ड्यूटी के 42 प्रतिशत राज्यों को भी प्राप्त होता है, जैसा कि तेल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया था। इस प्रकार, राज्य प्रति लीटर की बिक्री से 23.98 रुपये कमाता है।

यदि 28 प्रतिशत जीएसटी लागू किया जाता है तो राज्य एसजीएसटी (राज्य माल और सेवा कर) के रूप में 14 फीसदी का हकदार होगा, जो कि 4.29 रुपये के बराबर होगा, जिससे प्रति लीटर 19.69 रुपये का नुकसान राज्य सरकार को होगा।

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