Friday, March 29, 2024
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सुनामी को लेकर भारत जल्द कर सकेगा भविष्यवाणी, प्राकृतिक आपदा से बचने के लिए किया जा रहा है सिस्टम विकसित

यह 2004 में आई भीषण सुनामी के बाद शुरू की गई भारतीय सुनामी पूर्व चेतावनी प्रणाली के तहत स्तर -3 का अलर्ट है। स्तर -1 किसी सुनामी के परिमाण पर नजर रखता है और स्तर -2 किसी संभावित सुनामी और लहर की ऊंचाई के बारे में अलर्ट जारी करता है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: May 06, 2018 23:42 IST
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चित्र का  इस्तेमाल प्रतीक के तौर पर किया गया है।

नई दिल्ली: भारत अब किसी विनाशकारी समुद्री लहर के तट से आगे भूमि पर उसकी दूरी की भविष्यवाणी करने में सक्षम होगा। इस भविष्यवाणी से जानमाल के नुकसान को काफी हद तक कम करने में मदद मिलेगी। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत आने वाले भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केन्द्र ( आईएनसीओआईएस ) के निदेशक एसएससी शेनोई ने कहा कि आईएनसीओआईएस ने यह भविष्यवाणी करने के लिए एक मॉडल विकसित किया है कि प्राकृतिक सीमाओं से आगे निकलने के बाद समु्द्र का पानी कितनी दूर जा सकता है।

यह 2004 में आई भीषण सुनामी के बाद शुरू की गई भारतीय सुनामी पूर्व चेतावनी प्रणाली के तहत स्तर -3 का अलर्ट है। स्तर -1 किसी सुनामी के परिमाण पर नजर रखता है और स्तर -2 किसी संभावित सुनामी और लहर की ऊंचाई के बारे में अलर्ट जारी करता है। 26 दिसम्बर 2004 को इंडोनेशिया के पास हिंद महासागर के नीचे 9.1 की तीव्रता का भूकंप आया था जिससे भीषण सुनामी उठी थी। यह विश्व की सबसे भीषण सुनामियों में से एक थी।

इसमें दक्षिण और दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों में दो लाख से अधिक लोग मारे मारे गए थे। सुनामी के दौरान तट पर 30 मीटर तक की लहरें उठी थीं। शेनोई ने कहा , ‘‘ हम यह नहीं बता पाते थे कि यह तटों को कितना जलमग्न करेगी। हमने समुद्री लहर को लेकर एक मॉडल तैयार किया जिससे हमें यह भविष्यवाणी करने में मदद मिलेगी कि लहर भूमि पर कितनी दूर तक जाएगी। यही मॉडल अब इस उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। ’’ उन्होंने कहा कि इस सेवा के इस साल के अंत तक या अगले साल के शुरू तक क्रियान्वित होने की संभावना है। 

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