Thursday, April 25, 2024
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भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर: PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि देश विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के राह पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार देश में निवेश का माहौल सुधारने के लिए रोजाना आधार पर सुधार के कदम उठा रही है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: January 25, 2019 23:25 IST
pm modi- India TV Hindi
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि देश विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के राह पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार देश में निवेश का माहौल सुधारने के लिए रोजाना आधार पर सुधार के कदम उठा रही है। उन्होंने यहां भारत-दक्षिण अफ्रीका कारोबार शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत विश्व की सबसे तेजी से वृद्धि करती प्रमुख अर्थव्यवस्था है और सरकार नई पीढ़ी की बुनियादी संरचना के साथ नया भारत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

भारत 2,600 अरब डॉलर के साथ अमेरिका, चीन, जापान, जर्मनी और ब्रिटेन के बाद विश्व की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। मोदी ने मेक इन इंडिया के जरिए घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और डिजिटल इंडिया के जरिए अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण समेत सरकार की विभिन्न मुहिमों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘‘हम वैश्विक स्तर पर पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर हैं। हम अंकटाड की सूची में एफडीआई पाने वाले शीर्ष देशों में से एक हैं। लेकिन हम अभी संतुष्ट नहीं हैं। दैनिक आधार पर हम जरूरी बदलाव कर रहे हैं और अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सुधार कर रहे हैं।’’

मोदी ने दक्षिण अफ्रीका के और देश के कारोबारियों को बताया कि विश्वबैंक के नई कारोबार सुगमता रिपोर्ट में भारत छलांग लगाकर 77वें स्थान पर पहुंच गया है। पिछले चार साल में इस रैंकिंग में 65 स्थानों का सुधार हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘हम नयी पीढ़ी की बुनियादी संरचना के साथ तथा गति, कौशल एवं स्तर पर जोर देकर नया भारत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’ मोदी ने द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों के बारे में कहा कि भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच व्यापार बढ़ रहा है और 2017-18 में इसने 10 अरब डॉलर का स्तर पार कर लिया है। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि अब भी अपार संभावनाएं हैं। मैं सभी भारतीय एवं दक्षिण अफ्रीकी एजेंसियों, निवेश संवर्धन संगठनों तथा दोनों देशों के कारोबारियों से आह्वान करता हूं कि वे इस संभावना को पाने के लिये सक्रियता से काम करें।’’

उन्होंने कहा, ‘‘एक दोस्त होने के नाते नीतिगत सुधारों और जमीनी स्तर की एजेंसियां बनाने में भारत अपना अनुभव साझा करने के लिए तैयार है। हम भारतीय कंपनियों द्वारा दक्षिण अफ्रीका में निवेश बढ़ाने को प्रोत्साहित करते हैं और हमें इस बात का भरोसा है कि अधिक दक्षिण अफ्रीकी कंपनियां भी यहां आएंगी।’’ प्रधानमंत्री ने यह भरोसा दिलाया कि नये भारत में खाद्य एवं कृषि प्रसंस्करण, गहरा उत्खनन, रक्षा, बीमा तथा बुनियादी संरचना जैसे क्षेत्रों में सभी उपलब्ध विकल्पों में दक्षिण अफ्रीका की कंपनियों का स्वागत होगा।

मोदी ने कहा, ‘‘इसी तरह स्टार्टअप, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा, दवा, बायोटेक, आईटी तथा इससे संबंधित क्षेत्रों में भारत भी दक्षिण अफ्रीका का भागीदार बन सकता है।’’ उन्होंने कहा कि रत्न एवं आभूषण क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच तालमेल बढ़ाने के अपार अवसर हैं। ‘‘दोनों देश हीरे की प्रत्यक्ष खरीद के नये आयाम तलाश सकते हैं। इससे अर्थव्यवस्था का विस्तार होगा और बिक्रेताओं तथा खरीदारों दोनों की लागत में कमी आएगी।’’

मोदी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सौर गठजोड़ के जरिए दक्षिण अफ्रीका नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में भी भारत के साथ हाथ मिला सकता है। उन्होंने कहा कि कारोबारियों तथा पर्यटकों के लिये मौजूदा वीजा व्यवस्था को आसान बनाने से कंपनियों के लिये कारोबार सुगमता तथा लोगों से लोगों का संपर्क बढ़ाया जा सकता है।

सीआईआई द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने कहा कि दोनों देशों की कंपनियों के लिये कृषि, आईसीटी, एयरोस्पेस तथा ऊर्जा क्षेत्र में अपार संभावनाएं निहित हैं। उन्होंने कहा कि टाटा, सिप्ला और महिंद्रा जैसी 150 से अधिक भारतीय कंपनियां दक्षिण अफ्रीका में कारोबार कर रही हैं। वेदांता के 1.6 अरब डालर के निवेश से दक्षिण अफ्रीका में आर्थिक विकास और औद्योगिकीकरण की एक नई लहर चली है।

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